पटना : बिहार में महागठबंधन की सरकार बनते ही बीजेपी अब मुख्य विपक्षी पार्टी बन गई है. सत्ता पलटते ही बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है. बिहार की राजनीति में हुए उठापटक को लेकर दिल्ली में बिहार BJP कोर कमेटी की बैठक हुई. इसी बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP President JP Nadda) की अध्यक्षता में हुई बैठक में गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah ) भी मौजूद रहे. बैठक में केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे, गिरिराज सिंह और नित्यानंद राय के अलावा वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद, सुशील मोदी, नंदकिशोर यादव, बिहार के सह प्रभारी हरीश द्विवेदी, बिहार प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष संजय जायसवाल, पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी और पूर्व मंत्री शाहनवाज हुसैन भी इस बैठक में शामिल हुए.
बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बिहार बीजेपी अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि बिहार के सभी मुद्दों पर चर्चा हुई है. उन्होंने कहा कि ये महागठबंधन जनता को धोखा देने वाला गठबंधन है. लालू राज को वापस करने वाला गठबंधन है. पिछले दरवाजे से लालू राज को वापस लाने का प्रयास है. जिसका हम विरोध करेंगे. मोदी जी के नेतृत्व में 2024 में 35 से ज्यादा लोकसभा की सीटें जीतेंगे जीतेंगे.
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बीजेपी सूत्रों की माने तो राज्य में हालिया राजनीतिक उथल-पुथल से उत्पन्न विभिन्न मसलों पर चर्चा के लिए यह बैठक बुलाई गई. पार्टी नेताओं की माने तो बैठक के दौरान बिहार विधानसभा और राज्य विधान परिषद में पार्टी के नेता और विधायक दल के नेता के नामों पर भी चर्चा हुई. बैठक के दौरान नड्डा की ओर से नवगठित महागठबंधन सरकार के खिलाफ भविष्य में अपनाई जाने वाली रणनीति के बारे में भी पार्टी नेताओं को जानकारी दी गई.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले हफ्ते बीजेपी पर बीजेपी को विभाजित करने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए एनडीए से बाहर निकलने की घोषणा करते हुये विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल से हाथ मिला लिया था. नीतीश ने इस्तीफे के तुरंत बाद, राजद, कांग्रेस और वाम दलों के महागठबंधन के समर्थन से नई सरकार बनाने का दावा राज्यपाल के समक्ष पेश किया. बिहार में अचानक हुआ यह राजनीतिक उथल-पुथल बीजेपी के लिए एक बड़ा झटका था. हाल ही में, पार्टी ने राज्य में 2024 का आम चुनाव एवं 2025 का बिहार विधानसभा चुनाव नीतीश के नेतृत्व में लड़ने की एकतरफा घोषणा की थी.