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शराब नीति और बालू नीति पर नीतीश करें विचार, बिहार के गरीबों को हो रहा नुकसानः जीतन राम मांझी

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने एक बार फिर शराबबंदी पर सवाल खड़े किए. शराब नीति और बालू नीति में सुधार करने की बात कही. उन्होंने कहा कि इससे गरीबों को नुकसान हो रहा है. पढ़ें रिपोर्ट..

जीतन राम मांझी
जीतन राम मांझी
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Published : Feb 22, 2022, 7:30 PM IST

पटनाः पूर्व सीएम और हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने फिर से बड़ा बयान दिया है. मांझी ने कहा है कि बिहार में शराब नीति (Jitan Ram Manjhi Statement on Prohibition Law) और बालू नीति को लेकर नीतीश कुमार फिर से विचार करें. जीतन राम मांझी ने कहा कि गरीबों को इससे बहुत नुकसान हो रहा है. बालू और शराब माफिया घटना को भी अंजाम दे रहे हैं. गया में पिछले दिनों जो घटनाएं हुई, सब ने देखा. सब इंस्पेक्टर की भी हत्या माफियाओं ने कर दी. इस तरह की घटना लगातार हो रही है. इससे हमारा आर्थिक नुकसान भी हो रहा है.

यह भी पढ़ें- मांझी बोले- 'भूटान चले जाइये या गोवा.. गली-गली शराब मिलती है.. वहां न क्राइम होता है ना दुष्कर्म'

अपने बयानों से हमेशा सरकार की मुश्किल बढ़ाने वाले मांझी का कहना है कि सरकार को कोई खतरा नहीं है. वहीं मुख्यमंत्री बनने के बयान को लेकर भी फिर से सफाई दी. आपको बता दें कि इससे पहले भी जीतन राम मांझी ने शराब नीति और बालू नीति पर ऐसा ही बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि सरकार को इसपर विचार करना चाहिए.

पांच दिन पहले ही एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा था कि मेरा उस घर में जन्म हुआ है, जहां शराब बनायी और बेची जाती थी. लेकिन मैंने आजतक शराब नहीं चखी. पहले तो शराबबंदी नहीं थी. इसके लिए इंसान के अंदर उत्प्रेषण होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि भूटान चले जाइये या गोवा चले जाएं वहां गली-गली में शराब बेची जाती है. वहां तो क्राइम नहीं है. वहां तो दुष्कर्म जैसी घटनाएं नहीं हैं.

मांझी ने कहा था कि सरकार को शराब नीति एवं बालू नीति को बदलने की जरूरत है. इस दोनों नीति के कारण बिहार में गरीबों का बहुत शोषण हो रहा है. शराब के कारण गरीब वर्ग के लोग भारी संख्या में जेल जा रहे हैं. वहीं बालू को लेकर सरकार की नीति के कारण मजदूर तबका त्राहिमाम की स्थिति झेल रहा है. ऐसे में बिहार सरकार को शराब तथा बालू नीति पर समीक्षा करने की आवश्यकता है.

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पटनाः पूर्व सीएम और हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने फिर से बड़ा बयान दिया है. मांझी ने कहा है कि बिहार में शराब नीति (Jitan Ram Manjhi Statement on Prohibition Law) और बालू नीति को लेकर नीतीश कुमार फिर से विचार करें. जीतन राम मांझी ने कहा कि गरीबों को इससे बहुत नुकसान हो रहा है. बालू और शराब माफिया घटना को भी अंजाम दे रहे हैं. गया में पिछले दिनों जो घटनाएं हुई, सब ने देखा. सब इंस्पेक्टर की भी हत्या माफियाओं ने कर दी. इस तरह की घटना लगातार हो रही है. इससे हमारा आर्थिक नुकसान भी हो रहा है.

यह भी पढ़ें- मांझी बोले- 'भूटान चले जाइये या गोवा.. गली-गली शराब मिलती है.. वहां न क्राइम होता है ना दुष्कर्म'

अपने बयानों से हमेशा सरकार की मुश्किल बढ़ाने वाले मांझी का कहना है कि सरकार को कोई खतरा नहीं है. वहीं मुख्यमंत्री बनने के बयान को लेकर भी फिर से सफाई दी. आपको बता दें कि इससे पहले भी जीतन राम मांझी ने शराब नीति और बालू नीति पर ऐसा ही बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि सरकार को इसपर विचार करना चाहिए.

पांच दिन पहले ही एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा था कि मेरा उस घर में जन्म हुआ है, जहां शराब बनायी और बेची जाती थी. लेकिन मैंने आजतक शराब नहीं चखी. पहले तो शराबबंदी नहीं थी. इसके लिए इंसान के अंदर उत्प्रेषण होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि भूटान चले जाइये या गोवा चले जाएं वहां गली-गली में शराब बेची जाती है. वहां तो क्राइम नहीं है. वहां तो दुष्कर्म जैसी घटनाएं नहीं हैं.

मांझी ने कहा था कि सरकार को शराब नीति एवं बालू नीति को बदलने की जरूरत है. इस दोनों नीति के कारण बिहार में गरीबों का बहुत शोषण हो रहा है. शराब के कारण गरीब वर्ग के लोग भारी संख्या में जेल जा रहे हैं. वहीं बालू को लेकर सरकार की नीति के कारण मजदूर तबका त्राहिमाम की स्थिति झेल रहा है. ऐसे में बिहार सरकार को शराब तथा बालू नीति पर समीक्षा करने की आवश्यकता है.

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