पटना: पिछले कुछ समय से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उत्तर प्रदेश के किसी सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चा जोरों पर हो रही है. यूपी के फूलपुर से नीतीश के चुनाव लड़ने की चर्चाओं के बीच जीतन राम मांझी ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि मैंने भी उनके फूलपुर से चुनाव लड़ने की बात सुनी है. नीतीश कुमार फूलपुर से लोगों को खुश करने में लगे हैं.
मांझी का नीतीश कुमार पर बड़ा आरोप: जीतन राम मांझी ने शिक्षकों की बहाली को लेकर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि शिक्षकों की नियुक्ति में डोमिसाइल का पालन नहीं किया जा रहा है. विशेषकर उत्तर प्रदेश के अभ्यर्थियों को तरजीह दी जा रही है. जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार पर शिक्षक नियुक्ति को लेकर निशाना साधा है. शिक्षक नियुक्ति में अन्य राज्यों के अभ्यर्थियों के चयन को लेकर मांझी लगातार सवाल उठा रहे हैं.
"हमें मालूम चला है कि मेरे गया जिले के फतेहपुर प्रखंड में एक दो शिक्षक छोड़कर सारे के सारे उत्तर प्रदेश और राजस्थान के हैं. राजस्थान के भी एक दो चयनित शिक्षक हैं बाकी सब उत्तर प्रदेश के हैं. उनमें भी फूलपुर के ज्यादा अभ्यर्थियों का चयन हुआ है."- जीतन राम मांझी, पूर्व मुख्यमंत्री, बिहार
'यूपी में जेडीयू की संगठन विस्तार की कोशिश': बता दें कि पटना में शनिवार को उत्तर प्रदेश के जेडीयू नेताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की थी. उन्होंने मुख्यमंत्री से फूलपुर से लोकसभा चुनाव लड़ने का आग्रह किया था. इस दौरान उत्तर प्रदेश में संगठन विस्तार को लेकर भी नेताओं की मुख्यमंत्री से चर्चा हुई थी. इसी को लेकर जीतन राम मांझी ने सोमवार को जेडीयू और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसा.
'फूलपुर की लालच में...': जीतन राम मांझी सोशल मीडिया के जरिए लगातार नीतीश सरकार पर हमलावर हैं. मांझी ने अपने एक्स हैंडल से पोस्ट कर लिखा कि ''उत्तर प्रदेश के जेडीयू नेताओं की नीतीश कुमार से मुलाकात और संगठन विस्तार की बात ने साबित कर दिया है कि शिक्षक नियुक्ति परिणाम में अन्य राज्यों के लोगों के चयन के बहाने जेडीयू उन राज्यों में अपना विस्तार चाहती है. 'फूलपुर' के लालच के लिए बिहारियों के भविष्य के साथ सौदा करना दुर्भाग्यपूर्ण है."
'पहले भी कई बार सवाल उठा चुके हैं मांझी': बता दें कि बिहार शिक्षक भर्ती में राज्य के अलावा अन्य राज्यों के अभ्यर्थियों को भी मौका मिला है और यूपी, झारखंड, हरियाणा समेत अन्य राज्यों के अभ्यर्थी भी शिक्षक बनने में सफल रहे. मांझी पहले भी कई बार शिक्षक नियुक्ति में धांधली का आरोप लगा चुके हैं. वहीं इससे पहले जीतन राम मांझी ने बिहार में डोमिसाइल नीति लागू करने की मांग करते हुए कहा था कि बिहार के पढ़े लिखे युवा दूसरे राज्यों में नौकरी करें और बिहारियों के हिस्से की सरकारी नौकरी आप बेच दें. उन्होंने कहा था कि बिहारी नौकरियों पर पहला अधिकार मांगे बिहारी बेरोजगार. वोट दें बिहारी, नौकरी पाएं बाहरी, यह नहीं चलेगा.
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