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गांधी मैदान बम ब्लास्ट मामले में जदयू ने किया NIA कोर्ट के फैसले का स्वागत - Gandhi Maidan Bomb Blast Case

साल 2013 में राजधानी पटना (Patna) के गांधी मैदान में हुए बम धमाका मामले में एनआईए कोर्ट 9 लोगों को दोषी ठहराया है. कोर्ट के इस फैसले का जदयू ने स्वागत करते हुए कहा है कि कोर्ट के फैसले से साफ हो गया कि कौन लोग इसमें शामिल थे.

जदयू प्रवक्ता निखिल मंडल
जदयू प्रवक्ता निखिल मंडल
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Published : Oct 27, 2021, 5:43 PM IST

पटना: राजधानी पटना के गांधी मैदान (Gandhi Maidan Patna) में 2013 के बम ब्लास्ट मामले में एनआईए कोर्ट (NIA Court) ने 9 लोगों को दोषी करार दिया है. इस मामले में कोर्ट दोषियों को 1 नवंबर को सजा सुनाएगी. एनआईए कोर्ट के फैसले का जदयू ने स्वागत किया (JDU Welcomed NIA Court Decision) है. जदयू प्रवक्ता निखिल मंडल (JDU Spokesperson Nikhil Mandal) ने कहा कि गांधी मैदान बम ब्लास्ट का मामला बिहार के लिए अलग किस्म की घटना थी. इस तरह की घटना बिहार में पहले नहीं हुई थी.

ये भी पढ़ें- 8 साल पुराना गांधी मैदान का वो खौफनाक मंजर, आज भी सिहर जाती है रूह

गांधी मैदान में हुए बम विस्फोट पर बीजेपी ने उस समय नीतीश सरकार पर जमकर निशाना साधा था और सीएम मुख्यमंत्री पर प्रधानमंत्री के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के खिलाफ साजिश रचने का आरोप भी लगाया था. इस पर जदयू प्रवक्ता ने कहा कि ये आरोप निराधार थे, सरकार ने सुरक्षा का इंतजाम किया था. कोर्ट के फैसले से साफ हो गया कि कौन लोग इसमें शामिल थे.

देखें वीडियो

बता दें कि 27 अक्टूबर 2013 को बीजेपी की हुंकार रैली में तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के आगमन के दौरान लगातार सीरियल ब्लास्ट हुए थे. इस घटना में 10 लोग आरोपी बनाए गए थे. जिसमें से 9 को एनआईए कोर्ट ने दोषी ठहराया है और एक को सबूत के अभाव में बरी कर दिया है. इस फैसले का जदयू प्रवक्ता निखिल मंडल ने स्वागत किया और कहा है कि ऐसे लोगों को सख्त सजा मिलनी ही चाहिए.

गौरतलब है कि उस समय बिहार में नीतीश कुमार की सरकार थी और बीजेपी विपक्ष में थी. बीजेपी ने नीतीश सरकार पर कई तरह के आरोप लगाए थे. जिसमें हत्या की साजिश करने तक का भी आरोप बीजेपी की तरफ से लगाया गया था. इस सवाल पर जदयू प्रवक्ता निखिल मंडल ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं थी. सरकार की तरफ से सुरक्षा के इंतजाम किए गए थे. जांच में भी साबित हो गया कि कौन लोग दोषी थे. आखिर सरकार इस तरह की घटना की साजिश क्यों रचेगी. इस घटना से बिहार की काफी बदनामी हुई थी.

बता दें कि गांधी मैदान में नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली में बम ब्लास्ट की घटना के बाद बीजेपी और जदयू के संबंधों में खटास आ गयी थी. नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाये जाने पर ही नीतीश कुमार ने बीजेपी से अलग होने का फैसला लिया था. बम ब्लास्ट की घटना के 7 साल बाद फैसला आया है. इन 7 सालों में बहुत कुछ बदल चुका है और अब नीतीश कुमार बीजेपी के साथ सरकार चला रहे हैं.

ये भी पढ़ें- आतंकी को दबोचने वाले कुली धर्मनाथ को आया था पाकिस्तान से कॉल, अब तक कोई सम्मान नहीं मिलने का है मलाल

पटना: राजधानी पटना के गांधी मैदान (Gandhi Maidan Patna) में 2013 के बम ब्लास्ट मामले में एनआईए कोर्ट (NIA Court) ने 9 लोगों को दोषी करार दिया है. इस मामले में कोर्ट दोषियों को 1 नवंबर को सजा सुनाएगी. एनआईए कोर्ट के फैसले का जदयू ने स्वागत किया (JDU Welcomed NIA Court Decision) है. जदयू प्रवक्ता निखिल मंडल (JDU Spokesperson Nikhil Mandal) ने कहा कि गांधी मैदान बम ब्लास्ट का मामला बिहार के लिए अलग किस्म की घटना थी. इस तरह की घटना बिहार में पहले नहीं हुई थी.

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गांधी मैदान में हुए बम विस्फोट पर बीजेपी ने उस समय नीतीश सरकार पर जमकर निशाना साधा था और सीएम मुख्यमंत्री पर प्रधानमंत्री के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के खिलाफ साजिश रचने का आरोप भी लगाया था. इस पर जदयू प्रवक्ता ने कहा कि ये आरोप निराधार थे, सरकार ने सुरक्षा का इंतजाम किया था. कोर्ट के फैसले से साफ हो गया कि कौन लोग इसमें शामिल थे.

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बता दें कि 27 अक्टूबर 2013 को बीजेपी की हुंकार रैली में तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के आगमन के दौरान लगातार सीरियल ब्लास्ट हुए थे. इस घटना में 10 लोग आरोपी बनाए गए थे. जिसमें से 9 को एनआईए कोर्ट ने दोषी ठहराया है और एक को सबूत के अभाव में बरी कर दिया है. इस फैसले का जदयू प्रवक्ता निखिल मंडल ने स्वागत किया और कहा है कि ऐसे लोगों को सख्त सजा मिलनी ही चाहिए.

गौरतलब है कि उस समय बिहार में नीतीश कुमार की सरकार थी और बीजेपी विपक्ष में थी. बीजेपी ने नीतीश सरकार पर कई तरह के आरोप लगाए थे. जिसमें हत्या की साजिश करने तक का भी आरोप बीजेपी की तरफ से लगाया गया था. इस सवाल पर जदयू प्रवक्ता निखिल मंडल ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं थी. सरकार की तरफ से सुरक्षा के इंतजाम किए गए थे. जांच में भी साबित हो गया कि कौन लोग दोषी थे. आखिर सरकार इस तरह की घटना की साजिश क्यों रचेगी. इस घटना से बिहार की काफी बदनामी हुई थी.

बता दें कि गांधी मैदान में नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली में बम ब्लास्ट की घटना के बाद बीजेपी और जदयू के संबंधों में खटास आ गयी थी. नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाये जाने पर ही नीतीश कुमार ने बीजेपी से अलग होने का फैसला लिया था. बम ब्लास्ट की घटना के 7 साल बाद फैसला आया है. इन 7 सालों में बहुत कुछ बदल चुका है और अब नीतीश कुमार बीजेपी के साथ सरकार चला रहे हैं.

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