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बिहार में जातीय जनगणना के लिए खजाने में नहीं है पैसा, वित्त मंत्री तारकिशोर का सुनील पिंटू को जवाब

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Published : Aug 6, 2021, 5:49 PM IST

Updated : Aug 6, 2021, 9:37 PM IST

बिहार में जातीय आधार पर जनगणना को लेकर घमासान मचा हुआ है. एनडीए के दल इस मुद्दे पर आमने सामने हैं. जेडीयू जहां सरकारी खर्चे पर बिहार में जातीय जनगणना की बात कर रही है तो वहीं बीजेपी कोटे से वित्त मंत्री बने तारकिशोर प्रसाद कह रहे हैं कि बिहार सरकार के पास इतना खजाना ही नहीं है कि वो अपने खर्चे पर करा सके. पढ़ें पूरी खबर-

Caste Census in bihar
Caste Census in bihar

नई दिल्ली/ पटना: बिहार में जातीय जनगणना (Caste Census)पर एनडीए के बीच तालमेल नहीं दिख रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) अपना स्टैंड क्लियर कर चुके हैं. बतौर नीतीश, अगर केंद्र जातीय जनगणना को नहीं करती है तो उनके पास विकल्प हैं. हालाकि सीएम नीतीश के बयान से एक कदम आगे बढ़कर जेडीयू सांसद सुनील कुमार पिंटू ( MP Sunil Kumar Pintu) ने जो बयान दिया है वो बीजेपी के गले नहीं उतर रहा है.

ये भी पढ़ें- जातीय जनगणना पर घामासान: बीजेपी के विभेद वाले बयान पर बिफरे CM, बोले- 'खुशहाली लाएगा Caste Census'

लोकसभा में जेडीयू सांसद सुनील कुमार पिंटू ने दो टूक कहा है कि अगर केंद्र जातीय जनगणना नहीं कराती है तो बिहार सरकार अपने पैसे से जातीय जनगणना का काम करवाएगी. जाहिर है सुनील कुमार पिंटू के बयान से सियासी भूचाल आना तय है.

'अगर केंद्र सरकार जाति जनगणना नहीं कराती है तो बिहार सरकार अपने पैसे से जाति जनगणना का काम करवाएगी'- सुनील कुमार पिंटू, जेडीयू सांसद, सीतामढ़ी

सुनील कुमार पिंटू के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए बिहार का खजाना देख रहे वित्त मंत्री तारकेश्वर प्रसाद ने कह दिया है कि बिहार अपने खर्चे से जातीय जनगणना का काम नहीं करवा सकता. खजाने में बिहार की जातीय जनगणना के लिए पैसा ही नहीं है. इस बयान के बाद NDA गठबंधन में तनातनी की नौबत साफ देखी जा रही है. विपक्ष इस पूरे मसले को लगातार हवा देने की कोशिश में जुटा हुआ है.

देखें रिपोर्ट

गुरूवार को सीएम नीतीश ने एक बार फिर कहा था कि उन्होंने जातीय जनगणना के मसले पर केंद्र को पत्र भेज चुके हैं. मोदी जी की तरफ से जो आदेश आता है उसके बाद निर्णय लिया जाएगा.

'जाति जनगणना होनी चाहिए केंद्र को पत्र भेज दिए हैं जो भी मोदी जी की तरफ से आदेश आता है उसके बाद जो निर्णय लेना है लिया जाएगा'- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार

जातीय आधार पर जनगणना को लेकर विपक्ष पहले ही नीतीश के साथ खड़ा हो चुका है. अब बयानों में जिस तरीके से बीजेपी नीतीश और उनकी पार्टी के नेताओं के बीच विरोध है, उससे एक बात साफ है कि, जाति जनगणना के जिस कार्ड को केंद्र ने खेला है. और विरोधियों ने जिस तरीके से पकड़ा है. उसमें नीतीश की पटना और दिल्ली वाली सियासत के बीच खिट-पिट होनी शुरू हो गई है.

ये भी पढ़ें- पेगासस और जातीय जनगणना पर JDU का स्टैंड अलग, गठबंधन पर पड़ेगा इसका असर? उपमुख्यमंत्री ने दिया जवाब

नई दिल्ली/ पटना: बिहार में जातीय जनगणना (Caste Census)पर एनडीए के बीच तालमेल नहीं दिख रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) अपना स्टैंड क्लियर कर चुके हैं. बतौर नीतीश, अगर केंद्र जातीय जनगणना को नहीं करती है तो उनके पास विकल्प हैं. हालाकि सीएम नीतीश के बयान से एक कदम आगे बढ़कर जेडीयू सांसद सुनील कुमार पिंटू ( MP Sunil Kumar Pintu) ने जो बयान दिया है वो बीजेपी के गले नहीं उतर रहा है.

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लोकसभा में जेडीयू सांसद सुनील कुमार पिंटू ने दो टूक कहा है कि अगर केंद्र जातीय जनगणना नहीं कराती है तो बिहार सरकार अपने पैसे से जातीय जनगणना का काम करवाएगी. जाहिर है सुनील कुमार पिंटू के बयान से सियासी भूचाल आना तय है.

'अगर केंद्र सरकार जाति जनगणना नहीं कराती है तो बिहार सरकार अपने पैसे से जाति जनगणना का काम करवाएगी'- सुनील कुमार पिंटू, जेडीयू सांसद, सीतामढ़ी

सुनील कुमार पिंटू के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए बिहार का खजाना देख रहे वित्त मंत्री तारकेश्वर प्रसाद ने कह दिया है कि बिहार अपने खर्चे से जातीय जनगणना का काम नहीं करवा सकता. खजाने में बिहार की जातीय जनगणना के लिए पैसा ही नहीं है. इस बयान के बाद NDA गठबंधन में तनातनी की नौबत साफ देखी जा रही है. विपक्ष इस पूरे मसले को लगातार हवा देने की कोशिश में जुटा हुआ है.

देखें रिपोर्ट

गुरूवार को सीएम नीतीश ने एक बार फिर कहा था कि उन्होंने जातीय जनगणना के मसले पर केंद्र को पत्र भेज चुके हैं. मोदी जी की तरफ से जो आदेश आता है उसके बाद निर्णय लिया जाएगा.

'जाति जनगणना होनी चाहिए केंद्र को पत्र भेज दिए हैं जो भी मोदी जी की तरफ से आदेश आता है उसके बाद जो निर्णय लेना है लिया जाएगा'- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार

जातीय आधार पर जनगणना को लेकर विपक्ष पहले ही नीतीश के साथ खड़ा हो चुका है. अब बयानों में जिस तरीके से बीजेपी नीतीश और उनकी पार्टी के नेताओं के बीच विरोध है, उससे एक बात साफ है कि, जाति जनगणना के जिस कार्ड को केंद्र ने खेला है. और विरोधियों ने जिस तरीके से पकड़ा है. उसमें नीतीश की पटना और दिल्ली वाली सियासत के बीच खिट-पिट होनी शुरू हो गई है.

ये भी पढ़ें- पेगासस और जातीय जनगणना पर JDU का स्टैंड अलग, गठबंधन पर पड़ेगा इसका असर? उपमुख्यमंत्री ने दिया जवाब

Last Updated : Aug 6, 2021, 9:37 PM IST
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