पटना : बिहार की राजधानी पटना के कर्पूरी सभागार में संबोधित करते हुए जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि जगदेव बाबू शुरू से ही शोषितों, पिछड़ों, दलितों और बंचितों के लिए लड़ाई लड़ते रहे. मात्र 52 वर्ष की अल्पायु में उनके द्वारा स्थापित आदर्श, उनकी सोच और उनके आदर्श हमसबके लिए प्रेरणास्रोत हैं. डॉ. राम मनोहर लोहिया ने “पिछड़ा पावे सौ में साठ” का नारा बुलंद किया था, जगदेव बाबू ने उसे विस्तार देते हुए 50 साल पहले “सौ में नब्बे शोषित हैं, शोषितों ने ललकारा है; धन-धरती और राजपाट में नब्बे भाग हमारा है” का नारा दिया जो बिहार की राजनीति का केन्द्रबिन्दु बन गया था.
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'जगदेव बाबू के सपनों को साकार कर रहे नीतीश': उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि जगदेव बाबू का संघर्ष, उनके उठाए सवाल, उनके पीछे खड़ी जमात और उनका कद इतना बड़ा था कि वो आज भी हमारे बीच मौजूद हैं. आज से 50 साल बाद भी उनका नाम लिए बगैर बिहार की राजनीति पूरी नहीं होगी. जगदेव बाबू युगद्रष्टा थे, उन्होंने कहा था कि “जो लड़ाई मैं शुरू कर रहा हूं, वह अगले सौ साल तक चलेगी. पहली पीढ़ी मारी जाएगी, दूसरी पीढ़ी जेल में रहेगी और तीसरी पीढ़ी राज करेगी. हम सबके लिए आज संतोष और गर्व की बात है कि हमारे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी जगदेव बाबू के सपने को साकार कर रहे हैं.
'आदर्शों का मुखौटा लगाकर घूम रहे लोगों से रहें सावधान' : हमलोगों ने देखा की नगर निकाय चुनाव के समय भाजपा वालों ने आरक्षण समाप्त करने की कितनी साजिश की. पर नीतीश कुमार जी के रहते कोई भी शोषितों, पिछड़ों और दलितों का आरक्षण नहीं छीन सकता. उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि पिछड़ों और दलितों की राजनीति को वे इतना मजबूत कर गए कि आज हर पार्टी पिछड़े और दलित की बात करने को बाध्य है. मैं किसी का नाम नहीं लेना चाहता, पर हम सभी जानते हैं कि आज कुछ लोग शहीद जगदेव बाबू के आदर्शों का मुखौटा लगाकर घूम रहे हैं. लोगों को गुमराह करने का काम कर रहे हैं. उनसे सावधान रहने की जरुरत है.
''समाज को किसी के भुलावे और भटकावे में आने से रोकने की एक बड़ी जिम्मेवारी भी हम सब पर है. दूसरी ओर हमारे नेता युगपुरुष नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में पिछले 17 वर्षों से उनके आदर्शों और विचारों को सरजमीन पर उतार रहे हैं. उन्होंने जाति, वर्ग, धर्म, लिंग और क्षेत्र का भेदभाव किए बिना बिहार में विकास की ऐसी लकीर खींची है कि देश- दुनिया दांतों तले ऊँगली दबाने को बाध्य है.''- उमेश कुशवाहा, बिहार जेडीयू अध्यक्ष
जगदेव बाबू को श्रद्धांजलि: प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि हमारे नेता के लिए पूरा बिहार उनका परिवार है. राजनीति हमेशा उनके लिए समाजसेवा का जरिया रही है. हमें उन लोगों की पहचान करनी है, जो हमारे नेता के मिशन को कमजोर करने में लगे हैं. हमें बरगलाने की, भटकाने की, भ्रमित करने की कई कोशिशें होंगी, लेकिन हमलोगों को सावधान रहना है. चट्टानी एकता के साथ अपने नेता का हाथ मजबूत करना है और उनके द्वारा किए जा रहे विकास-कार्यों को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना है. जगदेव बाबू के लिए यही हमलोगों की सच्ची श्रद्धांजलि होगी.