पटना: बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) में जेडीयू के जनाधार खिसकने के बाद पार्टी में बड़े फेरबदल किए गए हैं. सरकार के स्तर पर मुख्यमंत्री ने जनता दरबार (Janta Darbar) भी शुरू कर दिया है तो वहीं जदयू ने कई कार्यक्रम अभियान के तौर पर शुरू किया है. अब पार्टी प्रवक्ताओं को भी मैदान में उतारा है. जिससे जनता के बीच सरकार की योजनाओं को सही ढंग से रखा जा सके. जेडीयू कार्यालय स्थित कर्पूरी सभागार में प्रदेश प्रवक्ता डॉ. अजय आलोक (Dr. Ajay Alok) एवं निखिल मंडल (Nikhil Mandal) ने वर्चुअल माध्यम से पार्टी की बात रखी.
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जेडीयू प्रवक्ता निखिल मंडल ने कहा कि सप्ताह के सातों दिन प्रवक्ता वर्चुअल माध्यम से लाइव करेंगे और उसकी शुरुआत भी हो गई है. सरकार की 600 योजनाएं चल रही है, लेकिन कहीं ना कहीं उन योजनाओं को जनता के बीच सही ढंग से रखने में पार्टी कामयाब नहीं रही. अब सरकार के स्तर पर मुख्यमंत्री जनता दरबार लगा रहे हैं. पार्टी भी अपने स्तर से प्रयास शुरू कर दी है.
उन्होंने कहा कि विपक्ष का आरोप रहा है कि जनता अब हमारे साथ नहीं है, लेकिन चुनाव के बाद मैंडेट जिसे मिलता है. उसे साफ पता चलता है कि जनता किसके साथ है. 2005, 2010, 2015 और 2020 नीतीश कुमार के चेहरे पर ही चुनाव लड़ा गया है और हर बार सरकार बनी है तो विपक्ष राग अलापते रहे.
प्रदेश प्रवक्ता निखिल मंडल ने विस्तारपूर्वक बताया कि नीतीश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना कार्यक्रम चलाया गया है. जिसके तहत युवाओं को नए उद्योग लगाने के लिए 10 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी. इसमें से अधिकतम 50% या 5 लाख तक का अनुदान दिया जाएगा. बाकी की राशि पर 1 प्रतिशत का मामूली ब्याज देना होगा.
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उन्होंने कहा कि 2021 में बिहार लोक सेवा आयोग के अंतर्गत दारोगा, स्वास्थ्य विभाग एवं शिक्षक बहाली की प्रक्रिया जारी है. सन् 1954 से 2005 तक राज्य में कुल 3 अभियंत्रण महाविद्यालय और 13 सरकारी पॉलिटेक्निक संस्थान थे, जिनकी प्रवेश क्षमता क्रमशः लगभग 800 एवं 3,840 थी. पिछले 15 साल में 38 अभियंत्रण महाविद्यालयों तथा 31 पॉलिटेक्निक संस्थानों की स्थापना की गयी है, जिनकी प्रवेश क्षमता क्रमशः 9,975 और 11,332 है.
प्रवक्ता ने पार्टी की बात रखते हुये कहा कि मुख्यमंत्री कुशल युवा कार्यक्रम के अंतर्गत 10 लाख से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया गया, जिस पर 573 करोड़ रुपये खर्च किये गये. मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना के अंतर्गत कुल 4 लाख 47 हजार से अधिक आवेदकों को 702 करोड़ रुपये की राशि वितरित की गई. वहीं विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में निःशुल्क वाई-फाई की सुविधा के तहत 321 संस्थानों में वाई-फाई लगवाया गया.