पटना: लालू परिवार में जारी अंतर्कलह ने विरोधियों को हमला करने का बड़ा मौका दे दिया है. रविवार को जिस तरह पहले तेजप्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) ने अपने आवास के बाहर धरना दिया और फिर पिता लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के मनाने पर मान गए, उसको लेकर जेडीयू (JDU) ने तंज कसा है. प्रवक्ता निखिल मंडल (JDU Spokesperson Nikhil Mandal) ने कहा कि दरअसल परिवार आधारित पार्टियों का हाल ऐसा ही होता है, जैसा इन दिनों आरजेडी (RJD) में हो रहा है.
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जेडीयू के प्रवक्ता निखिल मंडल ने कहा कि देश में परिवारिक पार्टियों का हाल एक जैसा ही है. यूपी में भी कुछ साल पहले हमें देखने को मिला और अब बिहार में भी वैसा ही देखने को मिल रहा है. उन्होंने कहा कि लालू यादव अब राजनीति में अपनी अंतिम पारी खेल रहे हैं. ऐसे में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर लड़ाई हो रही है.
जेडीयू प्रवक्ता ने कहा कि पार्टी पर किसका अधिकार हो या कहें कि मालिकाना हक की लड़ाई चल रही है. ऐसे में लालू यादव को ही कोई कड़ा डिसीजन लेना होगा, नहीं तो यह नौटंकी हमें आगे भी बार-बार देखने को मिलेगी.
निखिल मंडल ने कहा कि रविवार को भले ही लालू के मनाने पर तेजप्रताप मान गए हों, लेकिन देखिएगा कि फिर वो नाराज हो जाएंगे और कभी राबड़ी देवी तो कभी लालू यादव उन्हें मनाते रहेंगे. उन्होंने कहा कि जनता देख रही है कि जब ये लोग परिवार नहीं संभाल पा रहे हैं तो भला राज्य क्या संभाल पाएंगे.
"लालूजी का पॉलिटिकल स्टेज अब अंतिम है. सवाल है का राजद को कौन संभालेगा. दोनों भाइयों में मालिकाना हक की लड़ाई हो रही है. हमें लगता है कि एक कड़ा डिसीजन लालूजी को लेना ही होगा, नहीं तो हर रोज अलग-अलग तरह से नौटंकी होती रहेगी"- निखिल मंडल, प्रवक्ता, जेडीयू
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आपको बताएं कि रविवार को आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव के साढ़े 3 साल बाद पटना आगमन पर तेजप्रताप यादव ने पिता के स्वागत के लिए अपने घर पर इंतजाम किया था. 'पिताजी आपका स्वागत है' का बैनर लगाया था. अपने छात्र जनशक्ति परिषद के सदस्यों को भी बुलाया था. एयरपोर्ट पर पिता से मुलाकात के दौरान तेजप्रताप ने उन्हें घर आने का न्योता भी दिया, लेकिन लालू यादव एयरपोर्ट से सीधे राबड़ी आवास चले गए. साथ ही तेजप्रताप को अपनी मां के घर में जाने भी नहीं दिया गया.
पिता घर आए तेजप्रताप का यह सपना भी चकनाचूर हो गया. दुखी तेजप्रताप की आंखों से आंसू बहने लगे. गेट पर काफी देर तक पिता का इंतजार करते रहे फिर कहा, 'सब बर्बाद हो गया. मैं काफी दुखी हूं.' उन्होंने जगदानंद सिंह, सुनील सिंह और संजय पर राजद को बर्बाद करने का आरोप लगाया. पिता के घर नहीं आने से नाराज तेजप्रताप गेट के बाहर सड़क पर धरने पर बैठ गए. बाद में लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी तेजप्रताप के घर आए और उन्हें मनाकर सारे गिले-शिकवे दूर किए. तेजप्रताप भी पिता के आने से काफी खुश दिखाई दे रहे हैं.