पटना: जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने पार्टी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अति पिछड़ा बताए जाने पर निशाना साधा है. नीरज ने कहा कि जब मोध घांची को पहले ही ओबीसी में शामिल कर लिया गया था तो फिर 2002 में दोबारा शामिल करने की क्या जरूरत पड़ी. नीरज कुमार ने अधिसूचना की कॉपी भी दिखाई.
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पीएम मोदी की जाति पर जदयू ने उठाए सवाल: जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि हम जानना चाहते हैं मोध घांची यदि पिछड़ा हैं जिसका दावा प्रधानमंत्री और बीजेपी के लोग कर रहे हैं तो दो ही आधार होगा एक सामाजिक और दूसरा शैक्षणिक. लेकिन मोध और घांची का 1931 की जातीय गणना में साक्षरता दर 40.59% था. वहीं उस समय राजपूत जाति का साक्षरता दर 15 से 20% और पटेल जाति का साक्षरता दर 25 से 35% था.
"तो जिसका साक्षरता दर कम रहेगा वह रहेगा अगड़ा और जिसका साक्षरता दर अधिक रहेगा वह पिछड़ा कैसे रहेगा. मैं पीएम नरेंद्र मोदी से पूछना चाहूंगा कि आखिर कौन सी रिपोर्ट थी जिसके आधार पर आपने मोध और घांची जाति को पिछड़ा जाति में रखने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया."- नीरज कुमार, जदयू प्रवक्ता
'हिम्मत है तो मेरे आरोपों को..': नीरज ने बीजेपी और प्रधानमंत्री को चुनौती दी है और कहा कि यदि हिम्मत है और मेरे आरोपों को गलत बता कर दिखाएं. साथ ही नीरज कुमार ने पीएम मोदी को चैलेंज देते हुए कहा कि या तो मेरे खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें या फिर जातीय जनगणना कर लें, उससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.
JDU का पीएम मोदी से सवाल: नीरज कुमार ने पीएम नरेंद्र मोदी से कई सवाल भी किए. उन्होंने पूछा कि मोध घांची जाति ओबीसी में कैसे शामिल है? सामाजिक या आर्थिक सर्वेक्षण कब किया गया? उस सर्वेक्षण की रिपोर्ट कहां है? नीरज कुमार ने कहा कि पीएम मोदी वोद के सौदागार हैं, इसलिए वह जाति आधारित जनगणना नहीं चाहते हैं .