पटनाः अति पिछड़ा आरक्षण को लेकर जदयू (JDU Pol khol Abhiyaan Against BJP) आज यानी 13 अक्टूबर से बीजेपी के खिलाफ पोल खोल अभियान की शुरूआत पूरे बिहार (Pol Khol Abhiyaan In Bihar) में करेगी. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह से लेकर पार्टी के सभी विधायक सांसद और कार्यकर्ता इस अभियान में शामिल होंगे. यह कार्यक्रम हर जिला मुख्यालय में होगा. पटना में गांधी मैदान में गांधी मूर्ति के पास पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के साथ पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता प्रदर्शन में शामिल होंगे.
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नगर निकाय चुनाव में अति पिछड़ा आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट के फैसले के बाद बिहार में सियासत थम नहीं रहा है. बीजेपी नीतीश कुमार को इसके लिए दोषी बताती रही है, वहीं जदयू का कहना है कि बीजेपी आरक्षण विरोधी है. जदयू की ओर से पिछले दिनों पूरे बिहार में बीजेपी के खिलाफ महंगाई बेरोजगारी को लेकर अभियान चलाया गया था, अब एक बार फिर से अति पिछड़ा आरक्षण के मुद्दे पर जदयू बीजेपी को घेरने की आज कोशिश करेगी. जदयू नेताओं का कहना है कि बिहार में 2007 से ही निकायों में अति पिछड़ा आरक्षण की व्यवस्था की गई है और उसके बाद आरक्षण के तहत ही 3 बार चुनाव तक हो चुके हैं. इसलिए हाईकोर्ट के फैसले को लेकर अति पिछड़ा आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट में बिहार सरकार अपील करेगी.
हल्ला बोल पोल खोल कार्यक्रमः जदयू बीजेपी के खिलाफ हल्ला बोल पोल खोल कार्यक्रम कर जनता के बीच अपनी बात रखने जा रही है. जदयू का यह भी कहना है कि बीजेपी चाहती है बिना आरक्षण का ही चुनाव हो जाए लेकिन जब तक आरक्षण की व्यवस्था नहीं हो जाएगी चुनाव नहीं होगा. दूसरी तरफ इस मामले में बीजेपी का तर्क है कि सुप्रीम कोर्ट ने 2021 में नगर निकाय चुनाव में अति पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने के लिए आयोग बनाकर 3 टेस्ट करने का निर्देश दिया था. लेकिन नीतीश कुमार अपनी जिद के कारण आयोग नहीं बनाये और हाईकोर्ट ने फैसला दे दिया है. सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की जगह अभी भी आयोग बनाकर अति पिछड़ों के आरक्षण की व्यवस्था कराए.
सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में जदयू: नीतीश कुमार ने अति पिछड़ा वर्ग को लुभाने के लिए पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ वरिष्ठ मंत्रियों को भी मैदान में उतार दिया है. अब सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपील करने वाली है तो वहीं दूसरी तरफ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर वरिष्ठ नेता अलग अलग तरीके से तर्क दे रहे हैं. ऐसे में देखने वाली बात होगी कि सुप्रीम कोर्ट में जब बिहार सरकार अपील करती है तो क्या कुछ फैसला होता है. क्योंकि बीजेपी लगातार कह रही है कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही निर्देश दे रखा है. इसलिए सुप्रीम कोर्ट जाने का कोई लाभ नहीं मिलेगा. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट से यदि फैसला सरकार के खिलाफ आता है तो बीजेपी को फिर से सरकार पर हमला करने का एक और मौका मिल जाएगा.
बीजेपी ने राज्य सरकार पर फोड़ा ठीकराः आपको बता दें कि बिहार में होने वाले नगर निकाय चुनाव पर पटना हाईकोर्ट के रोक बाद से बीजेपी और महागठबंधन के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है. जदयू और सत्ता में सहयोगी राजद इसके लिए बीजेपी को दोषी बता रहे हैं. अब जेडीयू बीजेपी के खिलाफ आज से पोल खोल अभियान चलाने जा रही है, तो वहीं बीजेपी ने राज्य सरकार पर इसका ठीकरा फोड़ा है. नगर निकाय में अति पिछड़ा के आरक्षण को लेकर दोनों दल एक दूसरे को घेरने में लगे हैं. बिहार में 2015 विधानसभा चुनाव में भी आरक्षण बड़ा मुद्दा बना था और अब एक बार फिर आरक्षण को बड़ा मुद्दा बनाया जा रहा है.