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JDU सांसद ने किया खुलासा, बताया रामविलास की बरसी में क्यों नहीं गए नीतीश कुमार - जदयू सांसद नीतीश कुमार पर बयान

राजधानी पटना में लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान की बरखी में मुख्यमंत्री के उपस्थित न होने को लेकर जदयू सांसद ने कारण बताया है. उन्होंने कहा कि व्यस्तता के करण नीतीश कुमार उपस्थित नहीं हो सके. पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

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Published : Sep 13, 2021, 1:55 PM IST

नयी दिल्ली/पटना: राजधानी पटना (Patna) के एसके पुरी स्थित आवास पर रविवार को लोजपा (LJP) के संस्थापक रामविलास पासवान (Ramvilas Paswan) की बरखी मनाई गई. लेकिन इस बरखी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल नहीं हुए. जिसे लेकर जदयू सांसद सुनील कुमार पिंटू ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने कामकाज में व्यस्त हैं. बिहार में लोग बाढ़ की समस्याओं से परेशान हैं. कोरोना की तीसरी लहर आने की संभावना भी जताई जा रही है. जिसे देखते हुए मुख्यमंत्री इन सभी से निपटने की तैयारी में लगे हुए हैं. जिस वजह से नीतीश कुमार रामविलास पासवान की बरखी में नहीं जा पाए.

इसे भी पढ़ें: चिराग के घर पहुंचे चाचा पशुपति पारस, राम विलास पासवान को दी श्रद्धांजलि

जदयू सांसद सुनील कुमार पिंटू ने बताया कि नीतीश कुमार पत्र के माध्यम से अपनी संवेदना प्रकट की है. चिराग पासवान और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को इस विषय पर राजनीति नहीं करनी चाहिए. तेजस्वी यादव राम विलास पासवान की बरसी में गए तो थे, लेकिन वहां वे हंसकर चिराग और उनकी माताजी के साथ फोटो खिंचवा रहे थे. इस तरह की हरकत बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है.

देखें रिपोर्ट.

ये भी पढ़ें: नीतीश को तेजस्वी की नसीहत, 'रामविलास पासवान की श्रद्धांजलि सभा में आकर शिष्टाचार दिखाना चाहिए था'

बता दें कि चिराग पासवान ने रविवार को पटना में अपने पिता की बरसी का कार्यक्रम का आयोजन किया था. इसमें सभी पार्टी के दिग्गज नेता पहुंचे थे. लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वहां नजर नहीं आए थे. इसपर चिराग ने कहा की मैंने नीतीश कुमार को निमंत्रण भिजवाया था. मेरे पार्टी के लोग उनसे मिलने भी गये थे. लेकिन मुख्यमंत्री न ही मिले और न ही निमंत्रण स्वीकार किया.

चिराग पासवान ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मेरे दिवंगत पिता राम विलास पासवान के समकक्ष रहे हैं. उन्हें बरसी में आना चाहिए था. कुछ ऐसे लम्हें होते हैं जो राजनीति से ऊपर होते हैं. वहीं तेजस्वी ने कहा की ऐसे मौकों पर लोग व्यक्तिगत मतभेदों को भुला देते हैं. लेकिन नीतीश कुमार सामाजिक रीति-रिवाजों की बहुत कम परवाह करते हैं. दिवंगत राम विलास पासवान की बरसी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत जदयू के कोई नेता उपस्थित नहीं हुए.

'पटना में रविवार को हिंदी कलेंडर के अनुसार माननीय रामविलास पासवान जी की बरखी मनाई गई. इस दौरान चिराग पासवान ने सवाल उठाया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नहीं आए. मुख्यमंत्री ने रामविलास पासवान के प्रति अपनी संवेदना प्रकट की. मुख्यमंत्री का पहुंचना न पहुंचना यह कोई बड़ी बात नहीं होती है. उनके पास और भी बहुत काम होते हैं. इन दिनों बिहार में बाढ़, कोविड टीकाकरण, वायरल फीवर समेत कई समस्या आ गई है. जिससे निपटने की तैयारी कर रहे हैं.' -सुनील कुमार, जदयू सांसद

बरखी के मौके पर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए पूजा किया गया. चिराग पासवान पूजा पर बैठे. वहीं, पशुपति पारस पास में ही लोहे की कुर्सी पर बैठे नजर आए. पूजा में परिवार के करीबी सदस्य शामिल हुए. रामविलास की बरखी पर लोजपा और बिहार के कई दलों के नेता आए हैं. दरअसल, तीन माह पहले लोजपा में हुई टूट के बाद चाचा पशुपति पारस और चिराग पासवान के रिश्ते तल्ख हो गए थे.

बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव में लोजपा ने जदयू के खिलाफ हर सीट पर उम्मीदवार दिया था. जिससे जदयू करीब 30 सीट से हार गई और 43 सीटों पर ही सिमट कर रह गई. चिराग लगातार नीतीश के कामकाज पर सवाल उठाते रहते हैं. जिसके कारण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चिराग से नाराज रहते हैं. सूत्रों के अनुसार लोजपा में हुई बड़ी टूट से लेकर पशुपति पारस को केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री बनवाने में नीतीश की भूमिका मानी जाती है. ऐसा करके जदयू ने चिराग से बदला लिया लेकिन जदयू या नीतीश कुमार ने खुलकर कभी यह स्वीकार नहीं किया है.

नयी दिल्ली/पटना: राजधानी पटना (Patna) के एसके पुरी स्थित आवास पर रविवार को लोजपा (LJP) के संस्थापक रामविलास पासवान (Ramvilas Paswan) की बरखी मनाई गई. लेकिन इस बरखी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल नहीं हुए. जिसे लेकर जदयू सांसद सुनील कुमार पिंटू ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने कामकाज में व्यस्त हैं. बिहार में लोग बाढ़ की समस्याओं से परेशान हैं. कोरोना की तीसरी लहर आने की संभावना भी जताई जा रही है. जिसे देखते हुए मुख्यमंत्री इन सभी से निपटने की तैयारी में लगे हुए हैं. जिस वजह से नीतीश कुमार रामविलास पासवान की बरखी में नहीं जा पाए.

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जदयू सांसद सुनील कुमार पिंटू ने बताया कि नीतीश कुमार पत्र के माध्यम से अपनी संवेदना प्रकट की है. चिराग पासवान और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को इस विषय पर राजनीति नहीं करनी चाहिए. तेजस्वी यादव राम विलास पासवान की बरसी में गए तो थे, लेकिन वहां वे हंसकर चिराग और उनकी माताजी के साथ फोटो खिंचवा रहे थे. इस तरह की हरकत बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है.

देखें रिपोर्ट.

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बता दें कि चिराग पासवान ने रविवार को पटना में अपने पिता की बरसी का कार्यक्रम का आयोजन किया था. इसमें सभी पार्टी के दिग्गज नेता पहुंचे थे. लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वहां नजर नहीं आए थे. इसपर चिराग ने कहा की मैंने नीतीश कुमार को निमंत्रण भिजवाया था. मेरे पार्टी के लोग उनसे मिलने भी गये थे. लेकिन मुख्यमंत्री न ही मिले और न ही निमंत्रण स्वीकार किया.

चिराग पासवान ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मेरे दिवंगत पिता राम विलास पासवान के समकक्ष रहे हैं. उन्हें बरसी में आना चाहिए था. कुछ ऐसे लम्हें होते हैं जो राजनीति से ऊपर होते हैं. वहीं तेजस्वी ने कहा की ऐसे मौकों पर लोग व्यक्तिगत मतभेदों को भुला देते हैं. लेकिन नीतीश कुमार सामाजिक रीति-रिवाजों की बहुत कम परवाह करते हैं. दिवंगत राम विलास पासवान की बरसी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत जदयू के कोई नेता उपस्थित नहीं हुए.

'पटना में रविवार को हिंदी कलेंडर के अनुसार माननीय रामविलास पासवान जी की बरखी मनाई गई. इस दौरान चिराग पासवान ने सवाल उठाया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नहीं आए. मुख्यमंत्री ने रामविलास पासवान के प्रति अपनी संवेदना प्रकट की. मुख्यमंत्री का पहुंचना न पहुंचना यह कोई बड़ी बात नहीं होती है. उनके पास और भी बहुत काम होते हैं. इन दिनों बिहार में बाढ़, कोविड टीकाकरण, वायरल फीवर समेत कई समस्या आ गई है. जिससे निपटने की तैयारी कर रहे हैं.' -सुनील कुमार, जदयू सांसद

बरखी के मौके पर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए पूजा किया गया. चिराग पासवान पूजा पर बैठे. वहीं, पशुपति पारस पास में ही लोहे की कुर्सी पर बैठे नजर आए. पूजा में परिवार के करीबी सदस्य शामिल हुए. रामविलास की बरखी पर लोजपा और बिहार के कई दलों के नेता आए हैं. दरअसल, तीन माह पहले लोजपा में हुई टूट के बाद चाचा पशुपति पारस और चिराग पासवान के रिश्ते तल्ख हो गए थे.

बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव में लोजपा ने जदयू के खिलाफ हर सीट पर उम्मीदवार दिया था. जिससे जदयू करीब 30 सीट से हार गई और 43 सीटों पर ही सिमट कर रह गई. चिराग लगातार नीतीश के कामकाज पर सवाल उठाते रहते हैं. जिसके कारण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चिराग से नाराज रहते हैं. सूत्रों के अनुसार लोजपा में हुई बड़ी टूट से लेकर पशुपति पारस को केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री बनवाने में नीतीश की भूमिका मानी जाती है. ऐसा करके जदयू ने चिराग से बदला लिया लेकिन जदयू या नीतीश कुमार ने खुलकर कभी यह स्वीकार नहीं किया है.

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