पटना: बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद से लगातार नियुक्ति पत्र वितरण समारोह का आयोजन हो रहा है. आज भी गांधी मैदान में 10459 पुलिसकर्मियों को मुख्यमंत्री ने नियुक्ति पत्र वितरित किया है. वही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) इसे इवेंट मैनेजमेंट बताते हुए इसे घोटाला (appointment scam in bihar) भी बताई है. बीजेपी की ओर से लगातार आरोप लगाए जा रहे हैं कि उनके कार्यकाल में जो नियुक्ति पत्र वितरित कर दिए गए थे फिर से दोबारा नियुक्ति पत्र बांटा जा रहा है. बीजेपी के आरोप पर जदयू मंत्रियों ने भी निशाना साधा है.
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जो कमिटमेंट हम लोगों ने किया है उसे कर रहे हैं पूरा: मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि विपक्ष का काम ही है कहना अपनी बात रखते हैं पुलिस की नियुक्ति में समय लगता है और सामूहिक रूप से नियुक्ति पत्र वितरित करने में अधिक समय लगता है इसलिए इस तरह की बात करना सही नहीं है सरकार ने जो वादा किया है. नई नियुक्ति देंगे उसे हम लोग दे रहे हैं.
केंद्र सरकार भी दो करोड़ लोगों को दे देती नौकरी: ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार (Rural Development Minister Shravan Kumar) का कहना है कि बीजेपी क्या बोल रही है उससे कोई लेना देना नहीं है हम लोगों का जो काम है हम लोगों का कर रहे हैं. अच्छा होता कि केंद्र सरकार भी गांधी मैदान में समारोह कर दो करोड़ लोगों को नौकरी दे देती लेकिन ना तो विशेष राज्य का दर्जा दे सकते हैं यहां तक कि पटना विश्वविद्यालय को भी केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने की मांग करते हैं तो उनका दिल दिमाग इधर उधर चला जाता है खुद तो कुछ करते नहीं है और जब हम लोग कर रहे हैं तो वो लोग उंगली उठा रहे हैं.
"बीजेपी क्या बोल रही है उससे कोई लेना देना नहीं है हम लोगों का जो काम है हम लोगों का कर रहे हैं. अच्छा होता कि केंद्र सरकार भी गांधी मैदान में समारोह कर दो करोड़ लोगों को नौकरी दे देती लेकिन ना तो विशेष राज्य का दर्जा दे सकते हैं यहां तक कि पटना विश्वविद्यालय को भी केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने की मांग करते हैं तो उनका दिल दिमाग इधर उधर चला जाता है." :- श्रवण कुमार, ग्रामीण विकास मंत्री
जिनको नौकरी मिली है उन्हे हीं दिया जा रहा नियुक्ति पत्र: वहीं जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा की अपने प्रधानमंत्री की ओर नहीं देख रहे हैं. जिन्होंने 2 करोड़ रोजगार देने का वादा किया था.अब इस साल 75000 देने की घोषणा की है. वह भी बिहार की देखा देखी कर रहे हैं. ठीक है बिहार में प्रोसेस हो सकता है पहले शुरू हुआ हो लेकिन उस समय भी तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही थे. इसलिए नौकरी पहले मिला हो या अब उसका कोई मतलब नहीं है नियुक्ति पत्र उन्हीं को दिया जा रहा है जिनको नौकरी मिली है.
"अपने प्रधानमंत्री की ओर नहीं देख रहे हैं. जिन्होंने 2 करोड़ रोजगार देने का वादा किया था. अब इस साल 75000 देने की घोषणा की है. वह भी बिहार की देखा देखी कर रहे हैं " :- उपेंद्र कुशवाहा, राष्ट्रीय अध्यक्ष जदयू संसदीय बोर्ड
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