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जदयू मंत्री लेसी सिंह का दावा- 'कुढ़नी उपचुनाव में महागठबंधन के सामने विपक्ष टिक नहीं पाएगा'

बिहार की कुढ़नी विधानसभा में उपचुनाव की घोषणा (By Election In Kurhani Assembly) हो चुकी है. एक बार फिर पक्ष और विपक्ष चुनाव के मैदान में भिड़ने के लिए तैयार हैं. चुनाव को लेकर सियासत तेज हो गई है. जदयू मंत्री ने दावा किया है कि कुढ़नी में महागठबंधन के उम्मीदवार की जीत होगी. पढ़ें पूरी खबर..

जदयू मंत्री लेसी सिंह
जदयू मंत्री लेसी सिंह
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Published : Nov 15, 2022, 4:19 PM IST

Updated : Nov 15, 2022, 5:11 PM IST

पटनाः बिहार विधानसभा के मोकामा और गोपालगंज उपचुनाव के बाद मुजफ्फरपुर के कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव (Kurhani Assembly By Election) पर सबकी नजर है. जदयू मंत्री लेसी सिंह (JDU Minister Lacey Singh) ने दावा किया है कि महागठबंधन की ताकत के सामने विपक्ष का कोई भी उम्मीदवार नहीं टिक पायेगा. लेसी सिंह ने जदयू कार्यालय में मीडिया से बात करने के दौरान दावा किया कि कुढ़नी विधानसभा उप चुनाव में महागठबंधन की तैयारी के सामने कोई उम्मीदवार नहीं टिक पायेगा. बता दें कि आरजेडी का सेटिंग सीट होने के बावजूद आरजेडी कुढ़नी सीट सहयोगी जदयू को दिया है और जदयू के तरफ से मनोज कुशवाहा ने नामांकन भी कर दिया है. वहीं बीजेपी ने केदार गुप्ता को एक बार फिर से मौका दिया है. दोनों तरफ से जीत के दावे हो रहे हैं. महागठबंधन के साथ 7 दलों की एकजुटता है. वहीं भाजपा को एनडीए के घटन दलों के साथ चिराग पासवान की पार्टी एलजेपीआर का भी समर्थन है.

ये भी पढ़ें-कुढ़नी उपचुनाव को लेकर सियासत तेज, बीजेपी-महागठबंधन दोनों भर रहे जीत का दंभ

"जनता मालिक है. गोपालगंज की तुलना कुढ़नी से नहीं की जा सकती है. गोपालगंज में सुभाष सिंह के निधन के कारण सहानुभूति वोट बीजेपी को मिला था. लेकिन कुढ़नी का अलग मामला है. मनोज कुशवाहा कुढ़नी से पहले भी तीन बार विधायक रह चुके हैं. पहले भी जितते रहे हैं और लोगों की सेवा करते रहे हैं इसी आधार पर उन्हें टिकट दिया गया है. महागठबंधन के पास 7 दलों की ताकत है. उसके सामने बीजेपी का उम्मीदवार नहीं टिक पाएंगे."- लेसी सिंह, जदयू मंत्री



कुढ़नी विधानसभा उपचुनावः इस सीट पर जदयू के तरफ से मनोज कुशवाहा उम्मीदवार हैं वहीं बीजेपी की ओर से केदार गुप्ता को एक बार फिर से मौका दिया है. दोनों तरफ से जीत के दावे हो रहे हैं. मनोज कुशवाहा कुढ़नी से पहले भी तीन बार विधायक रह चुके हैं. वहीं केदार गुप्ता बीजेपी की तरफ से 2015 में चुनाव जीते थे. उस समय भी नीतीश कुमार महागठबंधन में थे. 2020 में भी केदार गुप्ता को ही बीजेपी ने टिकट दिया था. लेकिन, आरजेडी के अनिल सहनी से चुनाव हार गए. अब अनिल सहनी की सदस्यता समाप्त होने के बाद यहां उप चुनाव हो रहा है. आरजेडी के पूर्व विधायक अनिल सहनी पर 31 अक्टूबर 2013 को सीबीआई ने केस किया था. कोर्ट ने सजा सुनाई उसके बाद यह सीट खाली हुई है.

ये भी पढ़ें- कुढ़नी में BJP को मिलेगा चिराग का साथ, LJPR का दावा- उपचुनाव में होगी हमारी प्रभावी भूमिका

पटनाः बिहार विधानसभा के मोकामा और गोपालगंज उपचुनाव के बाद मुजफ्फरपुर के कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव (Kurhani Assembly By Election) पर सबकी नजर है. जदयू मंत्री लेसी सिंह (JDU Minister Lacey Singh) ने दावा किया है कि महागठबंधन की ताकत के सामने विपक्ष का कोई भी उम्मीदवार नहीं टिक पायेगा. लेसी सिंह ने जदयू कार्यालय में मीडिया से बात करने के दौरान दावा किया कि कुढ़नी विधानसभा उप चुनाव में महागठबंधन की तैयारी के सामने कोई उम्मीदवार नहीं टिक पायेगा. बता दें कि आरजेडी का सेटिंग सीट होने के बावजूद आरजेडी कुढ़नी सीट सहयोगी जदयू को दिया है और जदयू के तरफ से मनोज कुशवाहा ने नामांकन भी कर दिया है. वहीं बीजेपी ने केदार गुप्ता को एक बार फिर से मौका दिया है. दोनों तरफ से जीत के दावे हो रहे हैं. महागठबंधन के साथ 7 दलों की एकजुटता है. वहीं भाजपा को एनडीए के घटन दलों के साथ चिराग पासवान की पार्टी एलजेपीआर का भी समर्थन है.

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"जनता मालिक है. गोपालगंज की तुलना कुढ़नी से नहीं की जा सकती है. गोपालगंज में सुभाष सिंह के निधन के कारण सहानुभूति वोट बीजेपी को मिला था. लेकिन कुढ़नी का अलग मामला है. मनोज कुशवाहा कुढ़नी से पहले भी तीन बार विधायक रह चुके हैं. पहले भी जितते रहे हैं और लोगों की सेवा करते रहे हैं इसी आधार पर उन्हें टिकट दिया गया है. महागठबंधन के पास 7 दलों की ताकत है. उसके सामने बीजेपी का उम्मीदवार नहीं टिक पाएंगे."- लेसी सिंह, जदयू मंत्री



कुढ़नी विधानसभा उपचुनावः इस सीट पर जदयू के तरफ से मनोज कुशवाहा उम्मीदवार हैं वहीं बीजेपी की ओर से केदार गुप्ता को एक बार फिर से मौका दिया है. दोनों तरफ से जीत के दावे हो रहे हैं. मनोज कुशवाहा कुढ़नी से पहले भी तीन बार विधायक रह चुके हैं. वहीं केदार गुप्ता बीजेपी की तरफ से 2015 में चुनाव जीते थे. उस समय भी नीतीश कुमार महागठबंधन में थे. 2020 में भी केदार गुप्ता को ही बीजेपी ने टिकट दिया था. लेकिन, आरजेडी के अनिल सहनी से चुनाव हार गए. अब अनिल सहनी की सदस्यता समाप्त होने के बाद यहां उप चुनाव हो रहा है. आरजेडी के पूर्व विधायक अनिल सहनी पर 31 अक्टूबर 2013 को सीबीआई ने केस किया था. कोर्ट ने सजा सुनाई उसके बाद यह सीट खाली हुई है.

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Last Updated : Nov 15, 2022, 5:11 PM IST
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