नई दिल्ली/पटना: नरेन्द्र मोदी गुरुवार शाम सात बजे दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे. उनके साथ बीजेपी और एनडीए में शामिल कई और पार्टियों के सांसद भी मंत्री के तौर पर शपथ लेंगे. हालांकि जेडीयू के मंत्रिमंडल में शामिल होने को लेकर मामला उलझता दिख रहा है. जेडीयू का कहना है कि अगर हमारी बात नहीं मानी गई तो हमारे कोई भी सांसद मंत्री पद की शपथ नहीं लेंगे.
इस मुद्दे को लेकर दिल्ली स्थित मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर जेडीयू के तमाम बड़े नेताओं का बैठक हो रही है और मंत्रणा की जा रही है कि एक मंत्री को शपथ दिलाई जाए या मंत्रिमंडल में शामिल ही ना हुआ जाए. जेडीयू पहले तीन सांसदों को मंत्री बनाना चाह रहा था, उसे उम्मीद थी कि दो मंत्री तो जरूर बन जाएंगे. लेकिन बीजेपी की तरफ से एक नाम की मांग पर जेडीयू में नाराजगी साफ झलक रही है.
सभी सहयोगी दलों को एक मंत्री पद
सूत्रों के हवाले से खबर है कि बीजेपी ने एनडीए में शामिल सभी दलों को सिर्फ एक मंत्री पद देने की बात कही है. जेडीयू ने बिहार में इस बार 17 में से 16 सीटों पर जीत हासिल की है और उसकी मांग है कि उन्हें कम से कम दो मंत्री पद दिए जाएं, लेकिन बीजेपी इसके लिए तैयार नहीं हैं. वो हरेक सहयोगी पार्टी को सिर्फ एक मंत्री पद देना चाहती है.
बिहार से अब तक पांच नाम आए सामने
बिहार से अब तक पांच लोगों को मंत्री बनाए जाने की बात सामने आई है. रविशंकर प्रसाद, गिरिराज सिंह और नित्यानंद राय बीजेपी से, तो वहीं, आरसीपी सिंह जेडीयू और रामविलास पासवान एलजेपी से शामिल होने की खबर है.
50 से अधिक मंत्री लेंगे शपथ
लगभग 8 हजार मेहमानों की मौजूदगी में प्रधानमंत्री के साथ-साथ 50 से अधिक मंत्रियों के भी शपथ लेने की संभावना है. सबकी नजर इस बात पर भी है कि गृह, रक्षा, वित्त और विदेश जैसे अहम विभागों की जिम्मेदारी किसे दी जाती है.