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राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा पाने के लिए JDU ने बदली रणनीति, 'सेवन सिस्टर्स' राज्यों पर किया फोकस - Northeast India

जेडीयू को राष्ट्रीय पार्टी (National Party) का दर्जा दिलाने के मिशन में लगे नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने ललन सिंह (Lalan Singh) को टास्क दिया है. इसी के तहत जेडीयू अध्यक्ष ने हाल ही में नॉर्थ ईस्ट के 7 राज्यों को लेकर जेडीयू एग्जीक्यूटिव काउंसिल का गठन किया है. अरुणाचल में जेडीयू का पहले से संगठन है, जबकि मेघालय में भी पार्टी की स्थिति ठीक है. पार्टी को लगता है कि सेवन सिस्टर्स वाले राज्यों (Seven Sisters States) में मिलने वाली सफलता राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिलाने में सहायक हो सकती है.

ललन सिंह
ललन सिंह
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Published : Sep 16, 2021, 9:51 PM IST

पटना: 16 सालों से बिहार की सत्ता पर काबिज जेडीयू (JDU) की कोशिश राष्ट्रीय पार्टी (National Party) बनने की है. पिछले कई सालों से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के तमाम प्रयासों के बावजूद राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा नहीं मिला है. पार्टी बड़े राज्यों में भी चुनाव लड़ती रही है, लेकिन सफलता नहीं मिली है. अगले साल यूपी सहित पांच राज्यों में विधानसभा का चुनाव होना है. ऐसे में पार्टी की नजर इन राज्यों पर भी है. वहीं, बड़े राज्यों में सफलता नहीं मिलती देख अब पार्टी छोटे राज्यों पर फोकस कर रही है. इसके लिए जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह (JDU President Lalan Singh) ने नई रणनीति पर काम करना भी शुरू कर दिया है.

ये भी पढ़ें: नीतीश कुमार को राष्ट्रीय फलक पर ले जाने की तैयारी, राजनीतिक प्रस्ताव के जरिए JDU ने बढ़ाया BJP पर दबाव

वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय का कहना है कि छोटे राज्यों में पार्टी का स्ट्राइक रेट बेहतर हो सकता है, इसलिए राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने पार्टी को सेवन सिस्टर्स वाले राज्यों में विस्तार देने का अभियान शुरू किया है. इसी के तहत नॉर्थ ईस्ट एग्जीक्यूटिव काउंसिल (North East Executive Council) का गठन किया है. जिसमें 7 राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों को सदस्य बनाया है, साथ ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को भी उसमें जगह दी गई है.

देखें रिपोर्ट

जेडीयू नेता और बिहार सरकार में मंत्री मदन सहनी का कहना है कि वैसे तो सभी पार्टी चाहती है कि वह राष्ट्रीय पार्टी बने, लेकिन जेडीयू में राष्ट्रीय पार्टी बनने की पूरी क्षमता है. हमारे पास नेता भी है और संगठन भी. लिहाजा पार्टी अपने मिशन पर काम कर रही है.

वहीं, जेडीयू प्रवक्ता अरविंद निषाद का भी कहना है कि संगठन के विस्तार को लेकर ही राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने नॉर्थ ईस्ट काउंसिल का गठन किया है. उनका कहना है कि राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए 10 फीसदी वोट चाहिए और इन राज्यों में हम प्राप्त कर सकते हैं.

दरअसल, जेडीयू की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में भी नॉर्थ ईस्ट से आए 7 राज्यों के नेताओं के साथ मुख्यमंत्री ने मुलाकात की थी. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ भी बैठक हुई थी. अरुणाचल प्रदेश के अध्यक्ष ने तो यहां तक दावा किया था कि आने वाले 2024 विधानसभा चुनाव में पार्टी पहले से बेहतर प्रदर्शन करेगी. उसी के बाद नीतीश कुमार के निर्देश पर ललन सिंह ने नॉर्थ ईस्ट एग्जीक्यूटिव काउंसिल का गठन किया है. काउंसिल में कुल 13 सदस्य बनाए गए हैं और 13 सदस्यों में से 7 इन्हीं राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष हैं और उन्हीं राज्यों में से कन्वेनर भी बनाया गया है. पार्टी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव केसी त्यागी सहित कुछ वरिष्ठ नेताओं को भी इसमें जगह दी गई है.

ये भी पढ़ें: ...तो BJP के खिलाफ 'विद्रोह' का साहस नहीं जुटा सके नीतीश, इसीलिए 'थर्ड फ्रंट' के मंच से बनाई दूरी

जेडीयू ने नॉर्थ ईस्ट एग्जीक्यूटिव काउंसिल में अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, मणिपुर, त्रिपुरा और मेघालय को एक साथ मिलाकर बड़े अभियान के तौर पर काम शुरू करने का फैसला लिया है. पार्टी इन 7 सिस्टर्स राज्यों (Seven Sisters States) के माध्यम से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त करने की कोशिश भी करेगी, क्योंकि छोटा राज्य होने के कारण पार्टी का वोट प्रतिशत यहां अधिक हो सकता है. अभी जेडीयू को बिहार के अलावे अरुणाचल में ही राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा मिला हुआ है. ऐसे में अरुणाचल के साथ अन्य राज्यों में भी पार्टी अपना कदम बढ़ाना चाहती है. अब कितनी सफलता मिलती है यह तो आने वाले दिनों में ही पता चलेगा.

पटना: 16 सालों से बिहार की सत्ता पर काबिज जेडीयू (JDU) की कोशिश राष्ट्रीय पार्टी (National Party) बनने की है. पिछले कई सालों से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के तमाम प्रयासों के बावजूद राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा नहीं मिला है. पार्टी बड़े राज्यों में भी चुनाव लड़ती रही है, लेकिन सफलता नहीं मिली है. अगले साल यूपी सहित पांच राज्यों में विधानसभा का चुनाव होना है. ऐसे में पार्टी की नजर इन राज्यों पर भी है. वहीं, बड़े राज्यों में सफलता नहीं मिलती देख अब पार्टी छोटे राज्यों पर फोकस कर रही है. इसके लिए जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह (JDU President Lalan Singh) ने नई रणनीति पर काम करना भी शुरू कर दिया है.

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वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय का कहना है कि छोटे राज्यों में पार्टी का स्ट्राइक रेट बेहतर हो सकता है, इसलिए राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने पार्टी को सेवन सिस्टर्स वाले राज्यों में विस्तार देने का अभियान शुरू किया है. इसी के तहत नॉर्थ ईस्ट एग्जीक्यूटिव काउंसिल (North East Executive Council) का गठन किया है. जिसमें 7 राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों को सदस्य बनाया है, साथ ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को भी उसमें जगह दी गई है.

देखें रिपोर्ट

जेडीयू नेता और बिहार सरकार में मंत्री मदन सहनी का कहना है कि वैसे तो सभी पार्टी चाहती है कि वह राष्ट्रीय पार्टी बने, लेकिन जेडीयू में राष्ट्रीय पार्टी बनने की पूरी क्षमता है. हमारे पास नेता भी है और संगठन भी. लिहाजा पार्टी अपने मिशन पर काम कर रही है.

वहीं, जेडीयू प्रवक्ता अरविंद निषाद का भी कहना है कि संगठन के विस्तार को लेकर ही राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने नॉर्थ ईस्ट काउंसिल का गठन किया है. उनका कहना है कि राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए 10 फीसदी वोट चाहिए और इन राज्यों में हम प्राप्त कर सकते हैं.

दरअसल, जेडीयू की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में भी नॉर्थ ईस्ट से आए 7 राज्यों के नेताओं के साथ मुख्यमंत्री ने मुलाकात की थी. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ भी बैठक हुई थी. अरुणाचल प्रदेश के अध्यक्ष ने तो यहां तक दावा किया था कि आने वाले 2024 विधानसभा चुनाव में पार्टी पहले से बेहतर प्रदर्शन करेगी. उसी के बाद नीतीश कुमार के निर्देश पर ललन सिंह ने नॉर्थ ईस्ट एग्जीक्यूटिव काउंसिल का गठन किया है. काउंसिल में कुल 13 सदस्य बनाए गए हैं और 13 सदस्यों में से 7 इन्हीं राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष हैं और उन्हीं राज्यों में से कन्वेनर भी बनाया गया है. पार्टी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव केसी त्यागी सहित कुछ वरिष्ठ नेताओं को भी इसमें जगह दी गई है.

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जेडीयू ने नॉर्थ ईस्ट एग्जीक्यूटिव काउंसिल में अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, मणिपुर, त्रिपुरा और मेघालय को एक साथ मिलाकर बड़े अभियान के तौर पर काम शुरू करने का फैसला लिया है. पार्टी इन 7 सिस्टर्स राज्यों (Seven Sisters States) के माध्यम से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त करने की कोशिश भी करेगी, क्योंकि छोटा राज्य होने के कारण पार्टी का वोट प्रतिशत यहां अधिक हो सकता है. अभी जेडीयू को बिहार के अलावे अरुणाचल में ही राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा मिला हुआ है. ऐसे में अरुणाचल के साथ अन्य राज्यों में भी पार्टी अपना कदम बढ़ाना चाहती है. अब कितनी सफलता मिलती है यह तो आने वाले दिनों में ही पता चलेगा.

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