पटनाः बिहार में चुनाव को लेकर सभी दल के नेता रैली कर रहे हैं. जहां नेताओं पर हमले के मामले भी सामने आ रहे हैं. इसी क्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सभा में आलू, प्याज और पत्थर फेंके जाने पर जेडीयू ने विपक्ष पर जातीय उन्माद फैलाने का आरोप लगाया है.
वोट से जवाब देगी जनता
जेडीयू विधायक ललन पासवान और प्रवक्ता सुहेली मेहता ने कहा कि नीतीश कुमार पर हमले का मतलब बिहार में 15 साल से हो रहे विकास, महिलाओं के सशक्तिकरण और दलितों व अति पिछड़ों पर हमला है. पार्टी के नेताओं ने जनता से इसका जवाब वोट के माध्यम से देने की अपील की है.
नीतीश कुमार ने बिहार को जातीय हिंसा और नरसंहार से बाहर निकाला है और जिस प्रकार से उन पर हमला किया जा रहा है. यह जातीय उन्माद फैलाने की कोशिश हो रही है. -ललन पासवान, जेडीयू विधायक
महागठबंधन पर निशाना
ललन पासवान ने महागठबंधन में माले को शामिल करने को लेकर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार को एक बार फिर से उसी हिंसा के दौर में लाने की कोशिश की जा रही है.
'महिलाओं को डराने की कोशिश'
जेडीयू प्रवक्ता सुहेली मेहता ने कहा मुख्यमंत्री की सभा में आधी आबादी ज्यादा रहती है. इसलिए महिलाओं को डराने की यह कोशिश की जा रही है. बिहार में जो भी विकास के काम हुए हैं. यह हमला उसके विरोध में है. जनता इसका जवाब वोट से देगी.
तीन चरणों में चुनाव
मुख्यमंत्री की जनसभा में हमले पर जेडीयू की तरफ से सियासत शुरू हो गई है. बता दें कि बिहार में तीन चरणों में चुनाव हो रहे हैं. पहले चरण का मतदान 28 अक्टूबर को 16 जिलों की 71 सीटों पर और दूसरे चरण का मतदान 3 नवंबर को 17 जिलों की 94 सीटों पर संपन्न हो चुका है. वहीं तीसरे चरण का मतदान 15 जिलों की 78 सीटों पर 7 नवंबर को होने वाला है.