पटना: एमएलसी चुनाव को लेकर जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा (JDU Leader Umesh Kushwaha) ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि कि एमएलसी चुनाव में महागठबंधन का प्रदर्शन उम्मीद के अनुरूप नहीं हुआ है. इसकी हम लोग समीक्षा करेंगे. ऐसे कोसी और सारण निर्वाचन क्षेत्र की जनता ने मुख्यमंत्री के सुशासन पर भरोसे का मुहर लगाने का काम किया है. 5 सीटों में से 2 सीट पर जदयू के उम्मीदवारों की जीत मिली है. जदयू के तीन सीटिंग सीट थी. एक सीट का नुकसान हुआ है. साथ ही जदयू को विधान परिषद में झटका भी लगा है. अब बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बन गई है.
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एमएलसी चुनाव पर उमेश कुशवाहा का बयान: जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि हमारी पार्टी ने सिर्फ विकास के मुद्दे पर चुनाव में जाने का निर्णय लिया था. इसीलिए कोशी और सारण निर्वाचन क्षेत्र की जीत प्रदेश के अंदर किए गए विकास कार्यों की जीत है. यह जगजाहिर है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार के अंदर बीते वर्षों में अभूतपूर्व विकास से सम्बंधित अनगिनत कार्य हुए हैं. जिसकी चर्चा आज देश-दुनिया में भी होती है.
सुशासन के पर्याय बन गये हैं नीतीश कुमार: जदयू नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विकास और सुशासन के पर्याय बन चुके हैं. मुख्यमंत्री ने जनकल्याण की दिशा में नए आयामों को स्थापित करने का कार्य किया है और इसका सीधा लाभ बिहार की जनता को हुआ है. चाहे बात महिला सशक्तिकरण की हो या बिहार को समृद्ध बनाने की, हम सभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में संकल्पबद्ध होकर निरंतर आगे बढ़ रहें हैं.
उमेश कुशवाहा का बीजेपी पर हमला: बीजेपी को ललकारते हुए उमेश कुशवाहा ने कहा कि प्रदेश की सम्मानित जनता ने एमएलसी चुनाव में बीजेपी को करारा तमाचा जड़ा है. गृहमंत्री अमित शाह जी के हाथ में बिहार का कमान होने के बावजूद भी आधे से अधिक सीटों पर बीजेपी की करारी हार केंद्र की निरकुंश सरकार के प्रति प्रदेश के जनता की नाराजगी और आक्रोश का प्रमाण है. जनभावनाओं को कुचलकर सत्ता हथियाने की मानसिकता को बिहार में शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा है. जनता ने स्पष्ट संकेत दे दिया है कि बिहार में किसी तानाशाही की मनमानी नहीं चलेगी और केंद्र सरकार के प्रति जनाक्रोश से यह बात स्पष्ट हो चुका है कि आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन का बिहार से सफाया तय है.
"महागठबंधन का संयुक्त प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा है. कुछ सीटों पर हम मामूली अंतर से जरुर पिछड़ गए हैं, लेकिन वोटों के मुकाबले में महागठबंधन का प्रदर्शन संतोषजनक रहा है. हमलोगों ने महागठबंधन के साथियों के साथ व्याप्तक स्तर पर कमजोर कड़ियों की समीक्षा करने का निर्णय लिया है और हमें पूर्ण विश्वास है कि अगली बार हम और अधिक मजबूती से चुनावी मैदान में आएंगे."- उमेश कुशवाहा, प्रदेश अध्यक्ष, जदयू
पांच सीटों पर एमएलसी चुनाव: एमएलसी चुनाव में 5 सीटों पर जो रिजल्ट आया है. उसमें 2 सीट बीजेपी को मिली है और 2 सीट जदयू को मिली है. एक सीट पर प्रशांत किशोर के जनसुराज समर्थित उम्मीदवार को जीत मिली है. राजद के एकमात्र उम्मीदवार जगदानंद सिंह के बेटे पुनीत सिंह को बीजेपी के अवधेश नारायण सिंह ने पराजित कर दिया है. विधान परिषद के 5 सीटों के रिजल्ट से विधान परिषद का समीकरण भी बदल गया है. अब बीजेपी सदस्यों की संख्या बल के हिसाब से विधान परिषद में 24 सदस्यों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बन गई है. जदयू को झटका लगा है, 23 सदस्यों के साथ जदयू अब दूसरे नंबर पर पहुंच गई है.