पटना: सुशांत सिंह राजपूत मामले पर जेडीयू के प्रदेश महासचिव डॉ. निहोरा प्रसाद ने महाराष्ट्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार इस घटना की पूरी सच्चाई देश के सामने नहीं लाना चाहती हैं. उन्होंने कहा कि मुंबई पुलिस सरकार के दबाव के चलते इस पूरे मामले को रफा दफा करने में लगी हुई हैं. जो दुर्भाग्यपूर्ण है.
वहीं, सुशांत मामले पर जाप पार्टी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव एजाज अहमद ने महाराष्ट्र सरकार और मुंबई पुलिस पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ठोस कदम लेने की नसीहत दी.
'गुनहगारों को बचाना चाहती है महाराष्ट्र सरकार'
जेडीयू के प्रदेश महासचिव डॉ. निहोरा प्रसाद ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार सुशांत मामले में पैसे वालों को बचाना चाहती है. यही वजह है कि मुंबई पुलिस सरकार के दबाव में सारे साक्ष्य को मिटाने पर जुटी हुई है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से मुंबई पुलिस ने बिहार के पटना से मुंबई जांच करने गई पुलिस के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया. वह काफी शर्मनाक था. उन्होंने कहा कि सुशांत मामले पर जिस तरह से महाराष्ट्र सरकार चुप बैठी हुई है. इससे यह दर्शाता है कि सरकार इस पूरे मामले को लीपापोती करने में जुटी हुई हैं. उन्होंने कहा कि सुशांत मामले का सच देश के सामने लाने में महाराष्ट्र सरकार दिलचस्पी नहीं दिखा रही है.
'महाराष्ट्र सरकार पक्षपात पूर्ण अपना रही रवैया'
जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव एजाज अहमद ने महाराष्ट्र सरकार के रवैया पर हमलावर नजर आए. उन्होंने कहा कि सुशांत बिहार ही नहीं देश का एक होनहार कलाकार था. उसकी मौत पर जिस तरह से महाराष्ट्र सरकार पक्षपात पूर्ण रवैया अपना रही है. यह काफी हास्यास्पद है. उन्होंने मुंबई पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि मुंबई पुलिस की भूमिका इस पूरे मामले में सकारात्मक नहीं रहा हैं. उसके नापाक इरादे से पूरे देश में गलत संदेश गया है. उन्होंने मुंबई पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनका रवैया पटना पुलिस के साथ अच्छा नहीं था. वहीं, उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए मुंबई पुलिस पर ठोस कार्रवाई करने के लिए न्यायालय में जाने का हिदायत भी दी है.
बहरहाल, सुशांत मामले पर हर दिन जिस तरह से मुंबई पुलिस का चेहरा सामने आ रहा है. उससे केस में हर दिन नया मोड़ ले रहा है. वही इससे सुशांत के परिजनों के साथ-साथ बिहार की राजनीतिक सरगर्मियां भी तेज हो गई है. अब देखना काफी दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में सुशांत मामले पर सही तस्वीर देश के सामने कब तक आती है.