पटना: पूर्व सांसद शरद यादव (Former MP Sharad Yadav) ने लोकतांत्रिक जनता दल का आरजेडी में विलय (Lokatantrik Janata Dal Merged With RJD) कर दिया है. उनके इस फैसले को लेकर उनकी पुरानी पार्टी जेडीयू ने शरद यादव पर हमला बोला (JDU Attacks Sharad Yadav) है. जेडीयू प्रवक्ता निखिल मंडल (JDU Spokesperson Nikhil Mandal) ने तंज कसते हुए कहा कि जिंदगी भर वोट मधेपुरा से, राजनीतिक कद मधेपुरा से और अपने मधेपुरा वाले बंगले को छोड़कर सरकारी बंगले के लोभ में आपने राजनीतिक समझौता कर लिया.
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जेडीयू ने शरद यादव पर हमला बोला: निखिल मंडल ने कहा कि वाह शरद यादव जी ने राज्यसभा जाने के लिए और दिल्ली में अपना सरकारी बंगला बचाने के लिए अपनी पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल का आरजेडी में विलय कर दिया. आपने कभी लालू यादव को भ्रष्ट बताया था तो फिर अपनी पार्टी का आरजेडी में विलय क्यों किया. क्या सिर्फ राज्यसभा जाना ही समाजवाद है?. जेडीयू ने आगे कहा कि दरअसल शरद यादव को दूसरे के कंधों पर कूदकर राजनीति करने की आदत हो गई है. सिर्फ एक वैचारिक आभामंडल और आडम्बर बनाकर जनता को बरगलाने का काम किया है.
'बंगले के लिए समझौता कर लिया': जेडीयू प्रवक्ता निखिल मंडल ने कहा कि जब आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव को चारा घोटाले में सजा मिली थी, तब शरद यादव ने खुशी जाहिर की थी. उन्होंने कहा था कि भ्रष्टाचारियों के लिए यह फैसला सबक है. उनकी नजर में लालू यादव भ्रष्टाचारी हैं तो दल का विलय क्यों? देखना है कि जिसके पिता को आपने भ्रष्ट बताया था कि उनके बेटे तेजस्वी यादव आपको क्या इनाम देते हैं.
"जिंदगी भर वोट मधेपुरा से, राजनीतिक कद मधेपुरा से और अपने मधेपुरा वाले बंगले को छोड़ सरकारी बंगले के लोभ में राजनीतिक समझौता कर लिया आपने. कांग्रेस के खिलाफ राजनीति की पर बेटी-समधी को कांग्रेस से टिकट दिलवाया. भ्रष्टाचार के खिलाफ थे, पर आज भ्रष्टाचार में डुबकी लगा दिए. जिस लालू को आपने भ्रष्ट कहा, उसके बेटे तेजस्वी क्या इनाम देंगे आपको, वो भी देखेंगे"- निखिल मंडल, प्रवक्ता, जनता दल (यूनाइटेड)
2018 में नीतीश से अलग हुए थे: दरअसल नीतीश कुमार के साथ राजनीतिक मनमुटाव के चलते शरद यादव ने 2018 में जेडीयू से बगावत कर लोकतांत्रिक जनता दल नाम से अपनी अलग राजनीतिक पार्टी का गठन किया था. शरद यादव के साथ अली अनवर सहित कई बड़े नेताओं ने पार्टी छोड़ दी थी. इसके बाद शरद यादव 2019 लोकसभा चुनाव में आरजेडी के टिकट पर मधेपुरा से चुनाव भी लड़े लेकिन जेडीयू के दिनेशचंद्र यादव से एक लाख वोटों से हार गए.
राज्यसभा जाना पक्का: शरद यादव ने हालांकि ऐलान किया है कि वे बिना शर्त अपनी पार्टी का आरजेडी में विलय कर रहे हैं लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि आरजेडी उन्हें या उनकी बेटी को राज्यसभा भेज सकता है. शरद यादव को हाइकोर्ट ने 15 दिनों में उन्हें आवंटित सरकारी बंगला खाली करने का आदेश दे दिया है. बिहार में जुलाई महीने में राज्यसभा की पांच सीटें खाली होंगी. जिनमें दो सीटें बीजेपी, एक सीट जेडीयू के पास जाएगी. दो सीटें आरजेडी के पास आएगी. शरद यादव के राज्यसभा का कार्यकाल जुलाई माह 2022 में ही समाप्त हो रहा है. वैसे ये भी चर्चा हो रही है कि उनकी बेटी सुभाषिनी यादव को आरजेडी विधान परिषद भी भेज सकता है.
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