पटना: तेजस्वी यादव के एक महीने बिहार से गायब रहने, विधानसभा के मॉनसून सत्र और पार्टी के स्थापना दिवस में भाग नहीं लेने पर शिवानंद तिवारी ने जिस ढ़ंग के तेवर दिखाए हैं, उसने तेजस्वी यादव के लिए मुश्किलें बढ़ा दी है. सत्ताधारी दल जेडीयू और बीजेपी के नेता इस पर तंज कसने लगे हैं. हालांकि आरजेडी के नेता, शिवानंद की सलाह को सही मानते हैं. उनका कहना है कि तेजस्वी यादव को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए.
'तेजस्वी यादव को जिम्मेदारी समझना चाहिए'
शिवानंद तिवारी के तेवर पर बीजेपी के विधायक अरुण कुमार सिन्हा ने भी कहा कि कांग्रेस ने तो पहले से ही पलायनवादी रुख अपना लिया था. तेजस्वी यादव भी लगातार पलायन ही कर रहे हैं और किसी के उकसाने से कुछ नहीं होने वाला है. हालांकि आरजेडी के विधायक रामानुज ने शिवानंद तिवारी का बचाव करते हुए कहा कि शिवानंद तिवारी हमारे वरिष्ठ नेता हैं. वह ठीक ही सलाह दे रहे हैं. तेजस्वी यादव को जिम्मेदारी समझनी चाहिए और भागना नहीं चाहिए.
आरजेडी ने तेजस्वी को किया सीएम उम्मीदवार घोषित
तेजस्वी यादव पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जरूर शामिल हुए. पार्टी नेताओं ने विधानसभा के चुनाव में उन्हें आरजेडी का सीएम उम्मीदवार भी घोषित कर दिया. लेकिन शिवानंद तिवारी अभी भी तीखे तेवर में ही दिख रहे हैं. लोकसभा चुनाव में जिन नेताओं ने पार्टी विरोधी काम किया है, उसके खिलाफ कार्रवाई की भी मांग कर रहे हैं. उन्होंने तेजस्वी यादव को यह भी कह दिया कि जिस एक खास वर्ग से आप घिरे रहते हैं, उससे पार्टी का दायरा सिकुड़ रहा है. अब देखना दिलचस्प है कि शिवानंद तिवारी की सलाह पर तेजस्वी अमल करते हैं या फिर उनके खिलाफ कोई कदम उठाते हैं.
बता दें कि शिवानंद तिवारी ने तेजस्वी को कहा था कि एक तरफ आप कहते हैं कि शेर के बेटे हैं, तो शेर का बेटा मांद में रहता है क्या? शिवानंद के इस तीखे तेवर पर जदयू के मंत्री संजय झा ने तंज कसते हुए कहा कि इन्हेरीटेड उत्तराधिकारी कहीं लड़ता है क्या? संजय झा ने कहा कि देश में यह रेयर ही होता होगा कि इतना महत्वपूर्ण मानसून सत्र चल रहा है और नेता प्रतिपक्ष सदन में नहीं हो.