पटनाः सीएम नीतीश कुमार के महागठबंधन में शामिल होने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah program In Nalanda) का बिहार दौरा लगातार हो रहा है. सबसे पहले वो सितंबर में 2 दिनों के सीमांचल दौरे पर 23 और 24 सितंबर को पूर्णिया और किशनगंज आए. दूसरी बार 11 अक्टूबर को छपरा के सिताबदियारा में जेपी जयंती के मौके पर पहुंचे थे और अब तीसरी बार नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में उनका कार्यक्रम होने वाला है. अमित शाह के नालंदा में कार्यक्रम को लेकर जदयू (JDU Alert Regarding Amit Shah visit In Nalanda) खेमे में बेचैनी दिख रही है.
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नीतीश के गढ़ में अमित शाह का दौराः नालंदा में नीतीश कुमार का सिक्का चलता है यह बात किसी से छिपा नहीं है. अब अमित शाह उन्हें उनके गढ़ से चुनौती देने आ रहे हैं. नवंबर के पहले सप्ताह में कार्यक्रम होगा. वैसे तो वो बीजेपी के बूथ अध्यक्षों और कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करने आ रहे हैं लेकिन निशाना नीतीश कुमार ही होगें. अमित शाह के सितंबर और अक्टूबर में बिहार दौरे पर पहले भी खूब सियासत हुई थी. यहां तक की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्णिया में रैली के माध्यम से अमित शाह को जवाब देने की बात कही थी. महागठबंधन के तरफ से अभी तक रैली हुई नहीं है उसके बाद अमित शाह का एक दौरा और हो चुका है. जेपी जयंती के मौके पर सिताबदियारा में और उस पर भी खूब बयानबाजी हुई थी, लेकिन अब अमित शाह नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में आ रहे हैं. जिससे जदयू की परेशानी बढ़ी हुई है.
बढ़ सकती है नीतीश कुमार की मुश्किलेंः पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह नालंदा जिले से ही आते हैं और लगातार नालंदा में घूम भी रहे हैं. यहां अमित शाह एक तीर से दो निशाना साधेंगे एक तो आरसीपी सिंह की नालंदा में ताकत भी देखेंगे दूसरा नालंदा नीतीश कुमार के गृह जिले होने के कारण वहां से पूरे बिहार को मैसेज देंगे. राजनीतिक विश्लेषक रवि उपाध्याय का कहना है नीतीश कुमार के लिए इसलिए मुश्किलें बढ़ सकती है क्योंकि आरसीपी सिंह नालंदा से चुनाव लड़ सकते हैं और पहले भी अमित शाह ने बिहार दौरे पर नीतीश कुमार पर ही निशाना साधा था और इस बार तो उनके गृह क्षेत्र में जा रहे हैं तो निश्चित रूप से नीतीश कुमार और महागठबंधन की सरकार ही निशाने पर होगी.
"नीतीश कुमार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं क्योंकि आरसीपी सिंह नालंदा से चुनाव लड़ सकते हैं. पहले भी अमित शाह ने बिहार दौरे पर नीतीश कुमार पर ही निशाना साधा था. इस बार तो उनके गृह क्षेत्र में जा रहे हैं तो निश्चित रूप से नीतीश कुमार और महागठबंधन की सरकार इस बार भी निशाने पर होगी"- रवि उपाध्याय, राजनीतिक विश्लेषक
संजय जायसवाल ने भी की थी बैठकः वहीं, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल नालंदा का दौरा कर चुके हैं वहां के नेताओं के साथ बैठक भी की है. अमित शाह नालंदा दौरे में बूथ अध्यक्षों और पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे. बीजेपी मीडिया प्रभारी राकेश सिंह का कहना है अमित शाह नालंदा ही नहीं बिहार के हर जिले का दौरा करेंगे और महागठबंधन की सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता भी बिहार में कैंप करेंगे.
'जनता किसी की सुनने वाली नहीं है' वहीं, 7 बार से लगातार विधायक बन रहे श्रवण कुमार ने कहा कि नालंदा में नीतीश कुमार के अलावे जनता किसी की सुनने वाली नहीं है. कोई लाख प्रयास कर ले कुछ होने वाला नहीं है. वहीं जदयू प्रवक्ता सुनील सिंह का कहना है कि अमित शाह एक बार नहीं सौ बार बिहार का दौरा करें. बिहार में उनकी दाल गलने वाली नहीं है. यहां नीतीश कुमार की सरकार है.
नालंदा में नीतीश कुमार का दबदबाः नालंदा जिले में कुल 7 विधानसभा सीट है. जिसमें से नालंदा, राजगीर, अस्थवां, हिलसा, हरनौत पर जदयू का कब्जा है तो वही बिहारशरीफ पर बीजेपी का और इस्लामपुर पर आरजेडी का कब्जा है. कुल मिलाकर देखें तो नीतीश कुमार जिस गठबंधन के साथ रहे हैं 7 में से 6 सीट उसी के साथ रही है. वहीं नालंदा लोकसभा सीट पर भी जदयू के कौशलेंद्र कुमार चुनाव जीतते रहे हैं जो नीतीश कुमार के पसंद के हैं. नालंदा में 1995 से ही नीतीश कुमार का दबदबा है. 2015 विधानसभा चुनाव में भी जदयू को 5 और आरजेडी को एक सीट मिली थी. पिछले ढाई दशक से नीतीश कुमार विधानसभा का चुनाव हो या लोकसभा का अपनी पकड़ नालंदा जिले में बनाए हुए हैं.
छठ के बाद अमित शाह का कार्यक्रम ः नालंदा जिले को लेकर कहा जाता है कि वहां उम्मीदवार नीतीश कुमार के नाम पर ही चुनाव लड़ते हैं. इसलिए जदयू के लिए नालंदा जिला महत्वपूर्ण है और अमित शाह नीतीश कुमार को उनके गढ़ में चुनौती देने आ रहे हैं. इस कारण अमित शाह के दौरे पर सियासत भी शुरू है. नालंदा में अमित शाह के कार्यक्रम को लेकर तैयारी भी शुरू हो गई है. पिछले दिनों बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल ने नालंदा में पार्टी नेताओं की बैठक भी की थी. छठ के बाद अमित शाह का कार्यक्रम होने वाला है तो छठ समाप्ति के बाद पार्टी के नेता पूरी ताकत अमित शाह के दौरे को लेकर लगा देंगे. हालांकि अभी तिथि की घोषणा नहीं हुई है छठ के बाद तिथि की भी घोषणा कर दी जाएगी और अमित शाह के दौरे पर फिर से बयानबाजी भी जोर पकड़ेगी.