पटना: बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद जदयू के तरफ से 27 सितंबर को पूरे बिहार में मार्च निकाला (Janata Dal United March) जाएगा. केंद्र सरकार की नीति के विरोध के साथ, महंगाई बेरोजगारी जैसे मुद्दे और संविधान बचाने का नारा मुख्य रूप से रहेगा. जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा (JDU State President Umesh Kushwaha) ने कहा कि उनकी रणनीति यही है कि सभी विधायक, सांसद अपने अपने क्षेत्र में मार्च में शामिल होंगे. पूरे बिहार में प्रखंड स्तर पर यह मार्च का आयोजन होगा
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''केंद्र सरकार की गलत नीतियों के कारण देश में महंगाई बेरोजगारी बढ़ रही है. साथ ही बीजेपी की ओर से जो माहौल समाज में बिगाड़ा जा रहा है उसके खिलाफ भी यह कार्यक्रम है. पटना में हाई कोर्ट स्थित है अंबेडकर मूर्ति से यह कार्यक्रम शुरू होगा और गांधी मैदान स्थित महात्मा गांधी की मूर्ति तक जाएगा''- उमेश कुशवाहा, प्रदेश अध्यक्ष, जेडीयू
जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने बताया कि पार्टी ने इस कार्यक्रम को लेकर पिछले कई दिनों से तैयारी की है. सभी प्रकोष्ठ की बैठक भी की थी और उसमें भी कार्यक्रम को सफल बनाने का टास्क दिया गया था. महागठबंधन की सरकार बनने के बाद पार्टी का यह बड़ा कार्यक्रम है.
बता दें कि जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने सभी 14 प्रकोष्ठों की बैठक कर प्रकोष्ठ के नेताओं को टास्क दिया था. तब उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार की महंगाई, बेरोजगारी के विरोध में और माहौल बिगाड़ने की बीजेपी की कोशिश के खिलाफ 27 सितंबर के मार्च को सफल जरूर बनायें. उसी क्रम में 27 सितंबर को पूरे प्रदेश में मार्च निकाला जा रहा है.
'महंगाई बेरोजगारी जैसे मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाने के लिए सांप्रदायिक माहौल खराब करने में बीजेपी के लोग लगे हैं. लेकिन हम लोग 27 सितंबर को महंगाई, बेरोजगारी और सांप्रदायिक माहौल खराब करने की जो कोशिश हो रही है, उसके खिलाफ प्रखंड स्तर पर मार्च निकालकर पूरे देश में संदेश देने की कोशिश करेंगे. विभिन्न प्रकोष्ठ के नेताओं से कहा है कि बीजेपी को मुंहतोड़ जवाब हम लोग देंगे और इस कार्यक्रम को सफल बनाएंगे.' - ललन सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जदयू