पटना: कोरोना संक्रमण रोकने के लिए देश में लगाए गए लॉकडाउन में सभी काम धंधे बंद हैं. श्रमिकों की स्थिती बदहाल हो गई है और वो सड़क पर आ गए हैं. वहीं ऐसी स्थिती में बढ़ा कर बिजली बिल मांगी जा रही है. लॉकडाउन में बढ़े हुए बिजली बिल आने के विरोध में जनसंघर्ष मोर्चा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.
प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि नीतीश कुमार को अपने पड़ोसी राज्यों से सीख लेनी चाहिए. पड़ोसी राज्य झारखंड, उत्तरप्रदेश, हरियाणा, मध्यप्रदेश आदि जगहों पर बिजली बिल माफ कर फैक्ट्री मालिकों को सहूलियत दी है. वहां लॉकडाउन में सभी फैक्ट्री मालिक और घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के बिल माफ किया गया है. लेकिन हमारी राज्य सरकार जनविरोधी है. उन्होंने कहा कि, लॉकडाउन के कारण कई फैक्ट्रियां बन्द होने से फैक्ट्री मालिको की कमर टूट गई और मजदूरों की स्तिथि बदहाल हो गई. लेकिन राज्य सरकार फैक्ट्री मालिकों को मदद करने के बजाय उन्हें परेशान कर रही है.
तुगलकी फरमान से फैक्ट्री मालिकों का जीना हराम
धरने का नेतृत्व मोर्चा के अध्यक्ष देवरत्न प्रसाद ने किया. उन्होंने कहा कि सरकार जबतक हमारी जनहित मांग पूरा नहीं करेगी, हमलोगों का आंदोलन चलता रहेगा. उन्होंने कहा कि, बिहार सरकार के इस तुगलकी फरमान से फैक्ट्री मालिकों का जीना हराम हो गया है. बिहार की सरकार नहीं चाहती कि बिहार में कल-कारखाने विकसित हो. हम चाहते हैं कि फैक्ट्री मालिकों का बिजली बिल माफ कर उन्हें सहूलियत दी जाए. लेकिन सरकार बिना उपयोग के ही बिजली का पैसा मांग रही है, जो जनहित के खिलाफ है.