ETV Bharat / state

निकाय चुनाव 2022: पटना हाईकोर्ट में अन्य पिछड़ा वर्गों को आरक्षण के मुद्दे पर सुनवाई पूरी, निर्णय सुरक्षित - municipal elections in bihar

पटना हाईकोर्ट ने निकायों चुनाव (municipal elections in bihar) में अन्य पिछडा वर्गों को आरक्षण दिए जाने के मुद्दे पर सुनवाई पूरी कर निर्णय सुरक्षित रख लिया है. नगर निकाय चुनाव के पहले चरण का मतदान 10 अक्टूबर को होगा.

Patna High Court News
Patna High Court News
author img

By

Published : Sep 29, 2022, 11:07 PM IST

पटना: पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने बिहार के स्थानीय निकायों में अन्य पिछडा वर्गों को आरक्षण दिए जाने के मुद्दे पर सुनवाई पूरी कर निर्णय सुरक्षित रख लिया. सुनील कुमार व अन्य की याचिकाओं पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि स्थानीय निकायों के चुनाव तय कार्यक्रम के अनुसार 10 अक्टूबर से होंगे.

ये भी पढ़ें- पटना हाईकोर्ट के हस्तक्षेप से 7 साल बाद अपने बच्चे से मिलेगी मां


पूजा अवकाश में सुनाया जाएगा निर्णय: मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि इस मामलें पर निर्णय पूजा अवकाश में सुना दिया जाएगा. कोर्ट ने ये भी कहा कि अगर राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव के कार्यक्रम में परिवर्तन करने की जरूरत समझे तो कर सकता है. इससे पूर्व इस मामलें पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट से अनुरोध किया कि इस मुद्दे पर 23 सितम्बर 2022 तक सुनवाई कर ले तो सही रहेगा.


कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला: दिसंबर 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि स्थानीय निकायों में ओबीसी के लिए आरक्षण (reservation for Obc) की अनुमति तब तक नहीं दी जा सकती जब तक कि सरकार 2010 में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा निर्धारित तीन जांच की अर्हता पूरी नहीं कर लेती. तीन जांच के प्रावधानों के तहत ओबीसी के पिछड़ापन पर आंकडे जुटाने के लिए एक विशेष आयोग गठित करने और आयोग के सिफरिशों के मद्देनजर प्रत्येक स्थानीय निकाय में आरक्षण का अनुपात तय करने की जरूरत हैं. साथ ही ये भी सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि एससी/एसटी/ओबीसी के लिए आरक्षण की सीमा कुल उपलब्ध सीटों का पचास प्रतिशत की सीमा को नहीं पार करें.

जानिए कोर्ट ने क्या कहा: कोर्ट ने कहा कि जब तक तीन जांच की अर्हता नहीं पूरी कर ली जाती तब तक ओबीसी को सामान्य श्रेणी के सीट के अंतर्गत पुनः अधिसूचित किया जाए. कोर्ट ने ये भी कहा कि बिहार मे नगर निकायों का चुनाव 10 अक्टूबर 2022 को चुनाव होने हैं. इसके पूर्व पटना हाईकोर्ट को इस मामलें पर सुनवाई कर ले तो उपयुक्त रहेगा. जिसके बाद आज पटना हाईकोर्ट ने इस मामलें पर सभी पक्षों की लम्बी बहस सुनने के फैसला सुरक्षित रख लिया.

ये भी पढ़ें- पटना हाईकोर्ट में मुजफ्फरपुर बलात्कार मामले में सुनवाई, एसएसपी से जवाब तलब

पटना: पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने बिहार के स्थानीय निकायों में अन्य पिछडा वर्गों को आरक्षण दिए जाने के मुद्दे पर सुनवाई पूरी कर निर्णय सुरक्षित रख लिया. सुनील कुमार व अन्य की याचिकाओं पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि स्थानीय निकायों के चुनाव तय कार्यक्रम के अनुसार 10 अक्टूबर से होंगे.

ये भी पढ़ें- पटना हाईकोर्ट के हस्तक्षेप से 7 साल बाद अपने बच्चे से मिलेगी मां


पूजा अवकाश में सुनाया जाएगा निर्णय: मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि इस मामलें पर निर्णय पूजा अवकाश में सुना दिया जाएगा. कोर्ट ने ये भी कहा कि अगर राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव के कार्यक्रम में परिवर्तन करने की जरूरत समझे तो कर सकता है. इससे पूर्व इस मामलें पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट से अनुरोध किया कि इस मुद्दे पर 23 सितम्बर 2022 तक सुनवाई कर ले तो सही रहेगा.


कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला: दिसंबर 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि स्थानीय निकायों में ओबीसी के लिए आरक्षण (reservation for Obc) की अनुमति तब तक नहीं दी जा सकती जब तक कि सरकार 2010 में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा निर्धारित तीन जांच की अर्हता पूरी नहीं कर लेती. तीन जांच के प्रावधानों के तहत ओबीसी के पिछड़ापन पर आंकडे जुटाने के लिए एक विशेष आयोग गठित करने और आयोग के सिफरिशों के मद्देनजर प्रत्येक स्थानीय निकाय में आरक्षण का अनुपात तय करने की जरूरत हैं. साथ ही ये भी सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि एससी/एसटी/ओबीसी के लिए आरक्षण की सीमा कुल उपलब्ध सीटों का पचास प्रतिशत की सीमा को नहीं पार करें.

जानिए कोर्ट ने क्या कहा: कोर्ट ने कहा कि जब तक तीन जांच की अर्हता नहीं पूरी कर ली जाती तब तक ओबीसी को सामान्य श्रेणी के सीट के अंतर्गत पुनः अधिसूचित किया जाए. कोर्ट ने ये भी कहा कि बिहार मे नगर निकायों का चुनाव 10 अक्टूबर 2022 को चुनाव होने हैं. इसके पूर्व पटना हाईकोर्ट को इस मामलें पर सुनवाई कर ले तो उपयुक्त रहेगा. जिसके बाद आज पटना हाईकोर्ट ने इस मामलें पर सभी पक्षों की लम्बी बहस सुनने के फैसला सुरक्षित रख लिया.

ये भी पढ़ें- पटना हाईकोर्ट में मुजफ्फरपुर बलात्कार मामले में सुनवाई, एसएसपी से जवाब तलब

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.