पटना: बिहार में प्रदूषण के बढ़ते खतरे को भांपते हुए एक तरफ जहां जल जीवन हरियाली अभियान जोरों पर चल रहा है. वहीं वाहनों से बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने की कवायद भी तेज हो गई है. अगले साल से पटना और इसके आसपास डीजल चालित ऑटो वाहनों का परिचालन पूरी तरह बंद होने वाला है. इनकी जगह ई-रिक्शा और सीएनजी से चलने वाले ऑटो को सरकार प्रमोट कर रही है. इसके साथ ही अब इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर बिहार सरकार पॉलिसी बना रही है. जिसके तहत मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना में भी इलेक्ट्रिक वाहनों को शामिल करने का निर्देश मुख्यमंत्री ने दिया है.
इलेक्ट्रिकल व्हीकल को प्रमोट करने का निर्देश
परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों के परिचालन के लिए सबसे ज्यादा जरूरत चार्जिंग स्टेशंस की होगी. जिसके लिए जगह चिन्हित किए जा रहे हैं. बता दें ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए नीति आयोग ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने का निर्देश सभी राज्य सरकार को दिया है. नीति आयोग ने कहा है कि हर राज्य एक इलेक्ट्रिकल व्हीकल मैनुफैक्चरिंग पॉलिसी का निर्माण करे. जिससे आने वाले समय में पर्यावरण संरक्षण किया जा सके.
नीतीश कुमार ने की थी समीक्षा बैठक
बता दें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार उद्योग निवेश प्रोत्साहन नीति 2016 में संशोधन के माध्यम से इलेक्ट्रिकल व्हीकल को प्रमोट करने को कहा है. पिछले दिनों एक समीक्षा बैठक में नीतीश कुमार ने यह कहा भी कहा था कि ऊर्जा विभाग, उद्योग विभाग, परिवहन विभाग और नगर विकास विभाग वित्त विभाग के साथ मिलकर इस पूरी पॉलिसी पर गंभीरता पूर्वक विचार करें और एक ठोस पॉलिसी लेकर आएं.
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सरकार ने खरीदी 10 इलेक्ट्रिक कारें
बता दें मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री समेत करीब 10 प्रमुख व्यक्तियों के लिए सरकार ने इलेक्ट्रिक कारें खरीदी हैं. जिनका उपयोग 10 प्रमुख लोग कर रहे हैं. ऐसे ही वाहनों की जरूरत आगे भी होगी. इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने अधिकारियों को निर्देश दिया है. उन्होंने इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति लोगों को जागरूक करने और सरकार की ओर से इलेक्ट्रिक वाहन शोरूम और इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन बनाने में सहायता करने का निर्देश दिया है.