पटना: बिहार शिक्षा विभाग के माध्यमिक शिक्षा के निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव की तरफ से राज्य के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को सोमवार को आदेश पत्र जारी किया गया है. पत्र में स्पष्ट किया गया है कि राज्य के अन्य जिलों में हो रहे विद्यालयों के निरीक्षण से प्राप्त होने वाले प्रतिवेदन से समीक्षा के क्रम में यह सामने आया है कि राज्य के प्राथमिक/मध्य और माध्यमिक/उच्च माध्यमिक विद्यालयों में छात्रों की उपस्थिति में सुधार हो रहा है. साथ ही साथ यह भी सामने आया है कि ऐसे प्रखंड मुख्यालय जहां प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय है, उनकी प्रतिदिन की गतिविधियां संचालित होती है. वहां छात्रों की उपस्थिति 50% से कम है, जो विभाग के लिए चिंता का विषय है.
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शिक्षा विभाग का सख्त निर्देश: आदेश पत्र में स्पष्ट किया गया है कि प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों के कार्यालय में निरीक्षण के लिए पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध करा दी गई है. फिर भी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों द्वारा निरीक्षण नहीं करने और कम से कम प्रखंड मुख्यालय में स्थित विद्यालयों में छात्रों की उपस्थिति में अपेक्षित सुधार नहीं होने के लिए प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को जिम्मेदारी से मुक्त नहीं किया जा सकता है.
छात्रों की उपस्थिति 50 फीसदी से ऊपर हो: उस पत्र में यह भी कहा गया है कि ऐसी स्थिति में विभाग द्वारा निर्देश दिया गया है कि प्रखंड मुख्यालय में स्थित प्राथमिक एवं माध्यमिक, उच्च माध्यमिक विद्यालय में छात्रों की उपस्थिति 50% से कम रहने की स्थिति में वहां के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी की कार्य के प्रति लापरवाही मानी जाएगी. वहां तत्काल प्रभाव से स्थगित करते हुए कार्रवाई की जाएगी.
लापरवाही बरतने पर होगी कार्रवाई: शिक्षा विभाग के आदेश पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि 15 अगस्त के बाद प्रखंड के किसी भी प्राथमिक मध्य एवं माध्यमिक उच्च माध्यमिक विद्यालय में 50% से कम उपस्थिति रहने पर संबंधित प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों का वेतन स्थगित करते हुए उनके विरुद्ध कार्य के प्रति घोर लापरवाही और आदेश की अवहेलना का आरोप गठित किया जाएगा. साथ ही कारण भी पूछा जाएगा. जिसके आधार पर विभागीय कार्यवाही का प्रस्ताव विभाग को देना सुनिश्चित करेंगे.