पटना: सुशांत सिंह राजपूत मामले में पटना से गए 5 सदस्य टीम और बिहार पुलिस के अधिकारी के खिलाफ बांद्रा पुलिस स्टेशन में लिखित शिकायत दर्ज करवाई गई है. सुशांत सिंह केस में महाराष्ट्र करणी सेना के नेता अजय सिंह सेंगर ने पटना से गए 5 सदस्य पुलिस की टीम के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है.
वहीं इस मामले पर मुंबई जांच करने गई टीम में शामिल इंस्पेक्टर कैसर आलम ने कि हम लोगों ने जो किया वह कानूनी तौर तरीके से किया है. दरअसल, करणी सेना का आरोप है कि बिहार के पुलिस अधिकारियों का कार्यक्षेत्र मुंबई नहीं था, उन्हें एफआईआर मुंबई ट्रांसफर करना चाहिए था. उनके ऐसा ना करने से महाराष्ट्र पुलिस की छवि धूमिल हुई है.
'महत्वपूर्ण साक्ष्य हम लोगों ने जुटाया है'
सुशांत सिंह राजपूत मामले में मुंबई जांच करने गई टीम में शामिल इंस्पेक्टर कैसर आलम ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि हम लोगों ने जो किया वह कानूनी तौर तरीके से किया है. आईपीसी के जिन धाराओं के तहत हम लोगों पर मुकदमा करने की मांग उठी है. वह धाराएं अनुसंधान से जुड़ी है. हमारे बड़े अधिकारी पूरे मामले को देख रहे हैं. हम लोगों ने जो अनुसंधान किया है, जो घटनाक्रम हुई है. उन सारी बातों को हम लोगों ने बड़े अधिकारियों को अवगत करवा दिया है.
अनुसंधान के दौरान क्या कुछ साक्ष्य मिला है. यह मीडिया के सामने हम नहीं बता सकते हैं. लेकिन इतना जरूर बताएंगे कि सुशांत सिंह राजपूत मामले में महत्वपूर्ण साक्ष्य हम लोगों ने जुटाया है. हमलोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं हो सकता है, क्योंकि हम लोगों ने मुंबई पुलिस के कार्य में हस्तक्षेप नहीं किया है, बल्कि मुंबई पुलिस ने ही हमारे अनुसंधान के क्रम में बाधा पहुंचाया है.
'महाराष्ट्र पुलिस की छवि हुई है धूमिल'
गौरतलब है कि करणी सेना के नेता अजय सिंह सेंगर ने बांद्रा पुलिस स्टेशन में पटना से गए 5 सदस्य टीम के ऊपर एफ आई आर दर्ज करने की मांग करते हुए ऑनलाइन एप्लीकेशन दर्ज करवाया है. उस पत्र में सेंगर ने लिखा है कि सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या केस में बिहार पुलिस ने पटना में जीरो एफआईआर दर्ज किया है. वह मुंबई पुलिस को कानून की धारा के तहत ट्रांसफर करना जरूरी था, लेकिन वे लोग नहीं किए हैं.
वहीं सेंगर ने लिखा है कि कानून भंग करके बिहार की पुलिस ने मुंबई में खुद जांच करने लगी, बल्कि इनको मुंबई में जांच करने का कोई अधिकार नहीं था और सरकारी कामकाज में हस्तक्षेप की गई है. जिससे महाराष्ट्र पुलिस की छवि धूमिल हुई है. बांद्रा पुलिस स्टेशन में बिहार पुलिस ने दादागिरी की. इसलिए बिहार पुलिस के मोहम्मद यासीन, मनोरंजन भारती, निशांत, दुर्गेश और कैसर इन पर धारा 353/ 352/186 के अनुसार एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है.