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सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हुआ उल्लंघन, BS-4 वाहनों का गलत तरीके से किया गया निबंधन

जिला परिवहन विभाग की ओर से लॉकडाउन के दौरान सुप्रीम कोर्ट के रोक के बावजूद बीएस-4 वाहनों का गलत तरीके से निबंधन किया गया. जिसके लिए जिला परिवहन अधिकारी ने जांच के आदेश दिए हैं.

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परिवहन विभाग
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Published : Sep 22, 2020, 2:14 PM IST

पटना: जिले के परिवहन कार्यालय में एक बड़ी धांधली सामने आई है. बताया जा रहा है कि पटना जिला परिवहन कार्यालय में बैक डेट से बीएस-4 और चोरी की गाड़ियों का निबंधन करा दिया गया है. इन वाहनों के निबंधन में परिवहन विभाग को राजापुर के रूप में एक भी रुपये नहीं मिले हैं. वहीं, जब इसकी भनक जिला परिवहन अधिकारी को लगी तो उन्होंने परिवहन सचिव को पत्र भेजकर इस पूरे मामले की जानकारी दी है.

5 सदस्य टीम का गठन
परिवहन आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल की ओर से पूरे मामले की जांच के लिए 5 सदस्य टीम का गठन कर दिया गया है. लेकिन यहां सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि लॉकडाउन के दौरान सुप्रीम कोर्ट के रोक के बावजूद बीएस-4 वाहनों का गलत तरीके से निबंधन किया गया. इसके लिए परिवहन विभाग ने किसी की अनुमति नहीं ली. वहीं, दूसरी ओर जिला परिवहन अधिकारी की ओर से भेजे गए पत्र के अनुरूप बीआर-1 पीजी 7145 और बीआर-1 सीयू 5137 नंबर की गाड़ी का बगैर राजस्व लिए ही निबंधन करा दिया गया. इसकी जानकारी परिवहन विभाग को 29 अगस्त को मिली जानकारी मिलते हैं दोनों ऑपरेटरों से स्पष्टीकरण पूछा गया है.

2 ऑपरेटरों से पूछताछ
वहीं, इस मामले पर आरोपी दोनों ऑपरेटरों ने बताया है पिछले जुलाई को डीटीओ के हेड के लॉगिन पासवर्ड से उन्हें यह नंबर अलाट करने के लिए कहा गया था. दरअसल दोनों गाड़ियों के बैकलॉग एंट्री का कार्य डीटीओ ऑफिस के अमित कुमार गौतम के बैकलॉग से किया गया था. वर्तमान डीटीओ ने अमित कुमार से भी स्पष्टीकरण मांगा है. फिलहाल इस पूरे मामले पर जिला परिवहन सचिव संजय अग्रवाल ने जांच के आदेश दे दिए हैं और दोषियों पर जल्द से जल्द कार्रवाई करने के भी आदेश जारी किए गए है. वहीं, इस मामले में अमित कुमार गौतम का कहना है कि इस मामले में उनकी कोई भूमिका नहीं है जांच के दौरान सब पता चल जाएगा.

पटना: जिले के परिवहन कार्यालय में एक बड़ी धांधली सामने आई है. बताया जा रहा है कि पटना जिला परिवहन कार्यालय में बैक डेट से बीएस-4 और चोरी की गाड़ियों का निबंधन करा दिया गया है. इन वाहनों के निबंधन में परिवहन विभाग को राजापुर के रूप में एक भी रुपये नहीं मिले हैं. वहीं, जब इसकी भनक जिला परिवहन अधिकारी को लगी तो उन्होंने परिवहन सचिव को पत्र भेजकर इस पूरे मामले की जानकारी दी है.

5 सदस्य टीम का गठन
परिवहन आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल की ओर से पूरे मामले की जांच के लिए 5 सदस्य टीम का गठन कर दिया गया है. लेकिन यहां सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि लॉकडाउन के दौरान सुप्रीम कोर्ट के रोक के बावजूद बीएस-4 वाहनों का गलत तरीके से निबंधन किया गया. इसके लिए परिवहन विभाग ने किसी की अनुमति नहीं ली. वहीं, दूसरी ओर जिला परिवहन अधिकारी की ओर से भेजे गए पत्र के अनुरूप बीआर-1 पीजी 7145 और बीआर-1 सीयू 5137 नंबर की गाड़ी का बगैर राजस्व लिए ही निबंधन करा दिया गया. इसकी जानकारी परिवहन विभाग को 29 अगस्त को मिली जानकारी मिलते हैं दोनों ऑपरेटरों से स्पष्टीकरण पूछा गया है.

2 ऑपरेटरों से पूछताछ
वहीं, इस मामले पर आरोपी दोनों ऑपरेटरों ने बताया है पिछले जुलाई को डीटीओ के हेड के लॉगिन पासवर्ड से उन्हें यह नंबर अलाट करने के लिए कहा गया था. दरअसल दोनों गाड़ियों के बैकलॉग एंट्री का कार्य डीटीओ ऑफिस के अमित कुमार गौतम के बैकलॉग से किया गया था. वर्तमान डीटीओ ने अमित कुमार से भी स्पष्टीकरण मांगा है. फिलहाल इस पूरे मामले पर जिला परिवहन सचिव संजय अग्रवाल ने जांच के आदेश दे दिए हैं और दोषियों पर जल्द से जल्द कार्रवाई करने के भी आदेश जारी किए गए है. वहीं, इस मामले में अमित कुमार गौतम का कहना है कि इस मामले में उनकी कोई भूमिका नहीं है जांच के दौरान सब पता चल जाएगा.

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