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तीसरे चरण में कई दिग्गजों के बीच 'दंगल', नये चेहरों के भाग्य का भी होगा फैसला

तीसरे चरण में होने वाले मतदान में कई दिग्गजों के भाग्य का फैसला होगा. तीसरे चरण का चुनाव काफी मायने में महत्वपूर्ण और दिलचस्प है. कई नेता दल बदल के साथ - साथ चुनावी क्षेत्र बदल कर भी अपना भाग्य आजमा रहे हैं.

फाइल फोटो
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Published : Apr 21, 2019, 5:01 PM IST

पटना: तीसरे चरण में होने वाले मतदान में कई दिग्गजों के भाग्य का फैसला होगा. तीसरे चरण का चुनाव काफी मायने में महत्वपूर्ण और दिलचस्प है. कई नेता दल बदल के साथ - साथ चुनावी क्षेत्र बदल कर भी अपना भाग्य आजमा रहे हैं. वहीं दिग्गजों के बीच युवा चेहरा भी पहली बार इस चुनावी दंगल में दिग्गजों के साथ कुश्ती लड़ रहे हैं. तीसरे चरण में झंझारपुर से 17, सुपौल से 20, अररिया से 12, मधेपुरा से 13 और खगड़िया से 20 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं.
इस चरण की लड़ाई दिलचस्प बनाने में कई कद्दावर नेता के साथ-साथ नये चेहरे भी काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. ये हैं बिहार के वो सीट जहां तीसरे चरण में चुनावी घमासान होगी.

अभिषेक कुमार संवाददाता पटना


मधेपुरा
तीसरे चरण में मधेपुरा सबसे हॉट सीट बना हुआ है. संसद में वर्षों से अपनी भागीदारी निभा रहे शरद यादव जेडीयू का दामन छोड़ एक बार फिर आरजेडी के टिकट पर अपना भाग्य आजमा रहे हैं. वहीं आरजेडी से टिकट नहीं मिलने पर पप्पू यादव अपनी जन अधिकार पार्टी के टिकट पर चुनावी दंगल में उतरे हुए हैं. मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र से बिहार सरकार में मंत्री दिनेश चंद्र यादव जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. इन दिग्गजों की लड़ाई में रहने से यहां का चुनाव काफी रोमांचक बना हुआ है.

अररिया
अररिया लोकसभा क्षेत्र एक बार फिर सुर्खियों में है. एक समय यहां से तस्लीमुद्दीन पूरे सीमांचल के इलाके में अपना सिक्का चलाते थे. लंबे अरसे के बाद एक बार फिर अररिया की जनता ने 2014 के लोकसभा चुनाव में तस्लीमुद्दीन को जीताकर संसद भेज था. उनके निधन के बाद उनके बेटे सरफराज आलम ने भी तकरीबन डेढ़ लाख वोटों से उपचुनाव में जीत हासिल की थी. वहीं भाजपा के प्रत्याशी प्रदीप कुमार सिंह अररिया लोकसभा क्षेत्र के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. प्रदीप सिंह बीजेपी के टिकट पर यहां से सांसद रह चुके हैं. पिछले चुनाव में विजय कुमार मंडल ने 2 लाख 21 हजार वोट लाकर लड़ाई को दिलचस्प बना दिया था. इस बार का मपकाबला भी दिलचस्प होने वाला है.


सुपौल
सुपौल लोकसभा सीट कांग्रेस के खाते में है. 2014 के मोदी लहर के बावजूद कांग्रेस उम्मीदवार रंजीत रंजन ने यहां से जीत हासिल की थी. इस बार भी कांग्रेस की उम्मीदवार रंजीत रंजन ही है. वहीं जेडीयू पिछली बार की तरह इस बार भी दिलेश्वर कामत को टिकट देकर भाग्य आजमा रही है. 2014 के चुनाव में भाजपा के टिकट पर कामेश्वर चौपाल तकरीबन ढाई लाख वोट लाकर तीसरे स्थान पर थे.

खगड़िया
खगड़िया लोकसभा सीट इस बार सबकी नजरों में है. पिछली बार मोदी लहर का फायदा लेते हुए लोकसभा प्रत्याशी महबूब अली कैसर ने जीत दर्ज की थी. इस बार भी एनडीए ने उन्हें प्रत्याशी बनाया है. उनके विरोध में पहली बार चुनाव लड़ रहे वीआईपी पार्टी के अध्यक्ष मुकेश साहनी ताल ठोक रहे हैं. यहां से 2014 में जेडीयू के टिकट पर दिनेश चंद्र यादव और राजद के टिकट पर कृष्णा कुमार यादव चुनाव लड़े थे.

झंझारपुर
बीजेपी कोटे का झंझारपुर सीट इस बार जेडीयू के खाते में है. इस बार जेडीयू ने रामप्रीत मंडल को यहां से अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं, आरजेडी ने गुलाब यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है. देवेंद्र प्रसाद यादव भी यहां से चुनाव लड़ रहे हैं. देवेंद्र प्रसाद यादव पिछली बार भी यहां से जेडीयू से चुनावी मैदान में थे. वहीं आरजेडी की टिकट पर मंगनी लाल मंडल और बीजेपी के टिकट पर विरेंद्र कुमार चौधरी ने चुनाव लड़ा था. तकरीबन 3 लाख 35 हजार वोट लाकर वीरेंद्र कुमार चौधरी चुनाव जीते थे. मंगनी लाल मंडल दूसरे और देवेंद्र प्रसाद यादव तीसरे स्थान पर थे.

पटना: तीसरे चरण में होने वाले मतदान में कई दिग्गजों के भाग्य का फैसला होगा. तीसरे चरण का चुनाव काफी मायने में महत्वपूर्ण और दिलचस्प है. कई नेता दल बदल के साथ - साथ चुनावी क्षेत्र बदल कर भी अपना भाग्य आजमा रहे हैं. वहीं दिग्गजों के बीच युवा चेहरा भी पहली बार इस चुनावी दंगल में दिग्गजों के साथ कुश्ती लड़ रहे हैं. तीसरे चरण में झंझारपुर से 17, सुपौल से 20, अररिया से 12, मधेपुरा से 13 और खगड़िया से 20 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं.
इस चरण की लड़ाई दिलचस्प बनाने में कई कद्दावर नेता के साथ-साथ नये चेहरे भी काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. ये हैं बिहार के वो सीट जहां तीसरे चरण में चुनावी घमासान होगी.

अभिषेक कुमार संवाददाता पटना


मधेपुरा
तीसरे चरण में मधेपुरा सबसे हॉट सीट बना हुआ है. संसद में वर्षों से अपनी भागीदारी निभा रहे शरद यादव जेडीयू का दामन छोड़ एक बार फिर आरजेडी के टिकट पर अपना भाग्य आजमा रहे हैं. वहीं आरजेडी से टिकट नहीं मिलने पर पप्पू यादव अपनी जन अधिकार पार्टी के टिकट पर चुनावी दंगल में उतरे हुए हैं. मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र से बिहार सरकार में मंत्री दिनेश चंद्र यादव जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. इन दिग्गजों की लड़ाई में रहने से यहां का चुनाव काफी रोमांचक बना हुआ है.

अररिया
अररिया लोकसभा क्षेत्र एक बार फिर सुर्खियों में है. एक समय यहां से तस्लीमुद्दीन पूरे सीमांचल के इलाके में अपना सिक्का चलाते थे. लंबे अरसे के बाद एक बार फिर अररिया की जनता ने 2014 के लोकसभा चुनाव में तस्लीमुद्दीन को जीताकर संसद भेज था. उनके निधन के बाद उनके बेटे सरफराज आलम ने भी तकरीबन डेढ़ लाख वोटों से उपचुनाव में जीत हासिल की थी. वहीं भाजपा के प्रत्याशी प्रदीप कुमार सिंह अररिया लोकसभा क्षेत्र के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. प्रदीप सिंह बीजेपी के टिकट पर यहां से सांसद रह चुके हैं. पिछले चुनाव में विजय कुमार मंडल ने 2 लाख 21 हजार वोट लाकर लड़ाई को दिलचस्प बना दिया था. इस बार का मपकाबला भी दिलचस्प होने वाला है.


सुपौल
सुपौल लोकसभा सीट कांग्रेस के खाते में है. 2014 के मोदी लहर के बावजूद कांग्रेस उम्मीदवार रंजीत रंजन ने यहां से जीत हासिल की थी. इस बार भी कांग्रेस की उम्मीदवार रंजीत रंजन ही है. वहीं जेडीयू पिछली बार की तरह इस बार भी दिलेश्वर कामत को टिकट देकर भाग्य आजमा रही है. 2014 के चुनाव में भाजपा के टिकट पर कामेश्वर चौपाल तकरीबन ढाई लाख वोट लाकर तीसरे स्थान पर थे.

खगड़िया
खगड़िया लोकसभा सीट इस बार सबकी नजरों में है. पिछली बार मोदी लहर का फायदा लेते हुए लोकसभा प्रत्याशी महबूब अली कैसर ने जीत दर्ज की थी. इस बार भी एनडीए ने उन्हें प्रत्याशी बनाया है. उनके विरोध में पहली बार चुनाव लड़ रहे वीआईपी पार्टी के अध्यक्ष मुकेश साहनी ताल ठोक रहे हैं. यहां से 2014 में जेडीयू के टिकट पर दिनेश चंद्र यादव और राजद के टिकट पर कृष्णा कुमार यादव चुनाव लड़े थे.

झंझारपुर
बीजेपी कोटे का झंझारपुर सीट इस बार जेडीयू के खाते में है. इस बार जेडीयू ने रामप्रीत मंडल को यहां से अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं, आरजेडी ने गुलाब यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है. देवेंद्र प्रसाद यादव भी यहां से चुनाव लड़ रहे हैं. देवेंद्र प्रसाद यादव पिछली बार भी यहां से जेडीयू से चुनावी मैदान में थे. वहीं आरजेडी की टिकट पर मंगनी लाल मंडल और बीजेपी के टिकट पर विरेंद्र कुमार चौधरी ने चुनाव लड़ा था. तकरीबन 3 लाख 35 हजार वोट लाकर वीरेंद्र कुमार चौधरी चुनाव जीते थे. मंगनी लाल मंडल दूसरे और देवेंद्र प्रसाद यादव तीसरे स्थान पर थे.

Intro:तीसरे चरण में होने वाले चुनाव में कई दिग्गजों के भाग्य का फैसला होगा। तीसरे चरण का चुनाव काफी मायने में महत्वपूर्ण और दिलचस्प है। कई नेता दल बदल के साथ - साथ चुनावी क्षेत्र भी बदल अपना भाग्य आजमा रहे हैं। वहीं इन दिग्गजों के बीच युवा चेहरा भी पहली बार इस चुनावी दंगल में दिग्गजों के साथ कुश्ती लड़ रहे हैं। तीसरे चरण में झंझारपुर से 17, सुपौल से 20, अररिया से 12, मधेपुरा से 13 और खगड़िया से 20 उम्मीदवार चुनावी मैदान में है।
इस चरण की लड़ाई दिलचस्प बनाने में कई कद्दावर नेता के साथ साथ नया चेहरा भी काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।


Body:मधेपुरा...
तीसरे चरण में मधेपुरा सबसे हॉट सीट बना हुआ है। संसद में वर्षों से अपनी भागीदारी निभा रहे शरद यादव जेडीयू का दामन छोड़ एक बार फिर आरजेडी के टिकट पर अपना भाग्य आजमा रहे हैं। वहीं आरजेडी से टिकट नहीं मिलने पर पप्पू यादव अपनी जन अधिकार पार्टी के टिकट पर चुनावी दंगल में उतरे हुए हैं। मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र से बिहार सरकार में मंत्री दिनेश चंद्र यादव जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। इन दिग्गजों की लड़ाई में रहने से चुनाव काफी रोमांचक बना हुआ है।

अररिया...
अररिया लोकसभा क्षेत्र एक बार फिर सुर्खियों में बना हुआ है। एक समय यहां से तस्लीमुद्दीन पूरे सीमांचल के इलाके में अपना सिक्का चलते थे । लंबे अरसे के बाद एक बार फिर अररिया की जनता ने 2014 के लोकसभा चुनाव में जीत तस्लीमुद्दीन को संसद भेज था । उनके निधन के बाद उनके बेटे सरफराज आलम ने भी तकरीबन डेढ़ लाख वोटों से उपचुनाव में जीता था। वहीं भाजपा के प्रत्याशी प्रदीप कुमार सिंह अररिया लोकसभा क्षेत्र के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। प्रदीप सिंह बीजेपी के टिकट पर यहां से सांसद रह चुके हैं। पिछले चुनाव में विजय कुमार मंडल 2 लाख 21 हजार वोट लाकर लड़ाई को दिलचस्प बना दिया था।


Conclusion:सुपौल...
सुपौल लोकसभा सीट पिछले 2 साल से कांग्रेस के खाते में है। 2014 के मोदी लहर के बावजूद कांग्रेस उम्मीदवार रंजीत रंजन ने यहां से जीत हासिल की थी। इस बार भी कांग्रेस की उम्मीदवार रंजीत रंजन ही है। तो वहीं जेडीयू पिछली बार की तरह इस बार भी दिलेश्वर कामत को टिकट देकर भाग्य आजमा रही है। 2014 के चुनाव में भाजपा के टिकट पर कामेश्वर चौपाल ने भी तकरीबन ढाई लाख वोट लाकर तीसरे स्थान पर थे।

खगड़िया...
खगड़िया लोकसभा सीट इस बार सबकी नजरो पर है। पिछली बार मोदी लहर का फायदा लेते हुए लोकसभा प्रत्याशी मसूद अली कैसर ने जीत दर्ज की थी। इस बार भी उन्हें लोग का प्रत्याशी बनाई है। उनके विरोध में पहली बार चुनाव लड़ रहे वीआईपी पार्टी के अध्यक्ष मुकेश साहनी ताल ठोक रहे हैं। 2014 में जेडीयू के टिकट पर दिनेश चंद्र यादव और राजद के टिकट पर कृष्णा कुमार यादव चुनाव लड़े थे।

झंझारपुर....
बीजेपी कोटे का झंझारपुर सीट जेडीयू के खाते में है। इस बार जेडीयू रामप्रीत मंडल को यहां से उम्मीदवार बनाए हुए है तो वहीं राजद गुलाब यादव को और महागठबंधन से बाहर रहते हुए समाजवादी पार्टी ने देवेंद्र प्रसाद यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है। देवेंद्र प्रसाद यादव पिछली बार भी चुनावी मैदान में थे। वहीं आरजेडी की टिकट पर मंगनी लाल मंडल और बीजेपी के टिकट पर विरेंद्र कुमार चौधरी ने चुनाव लड़ा था। तकरीबन 3 लाख 35 हजार वोट लाकर वीरेंद्र कुमार चौधरी चुनाव जीते थे। मंगनी लाल मंडल दूसरे और देवेंद्र प्रसाद यादव तीसरे स्थान पर थे।

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