ETV Bharat / state

16 सीटों पर होने हैं चुनाव : नियोजित शिक्षकों को पहुंचा आघात, वोट की चोट से किस पर पड़ेगा प्रभाव

बिहार में दो चरणों के तहत 12 मई और 19 मई को चुनाव होने हैं. बिहार की कुल 16 सीटों पर चुनाव होने बाकी हैं. ऐसे में बिहार नियोजित शिक्षकों पर कोर्ट के आए फैसले पर इन चुनावों में असर पड़ सकता है.

impact on lok sabha election after sc decision on contract teachers
author img

By

Published : May 10, 2019, 7:24 PM IST

Updated : May 10, 2019, 7:35 PM IST

पटना: बिहार के 3 लाख 70 हजार नियोजित शिक्षकों को बड़ा आघात लगा है. बिहार में पांच चरण के चुनाव संपन्न हो चुके हैं. वहीं, बाकी बचे दो चरणों के चुनाव 12 मई और 19 मई को होने हैं. ऐसे में नियोजित शिक्षकों के दर्द का असर और सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर किसे ज्यादा फायदा मिलेगा. ये आगामी दो चुनावों में साफ देखने को मिलेगा.

सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए पटना हाईकोर्ट के फैसले को निरस्त कर दिया है. कोर्ट ने नियोजित शिक्षकों को नियमित करने से मना कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट में डबल बेंच के जज अभय मनोहर सप्रे और यू यू ललित की कोर्ट ने फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार की अपील को मंजूर किया.

कोर्ट के फैसले का चुनाव में असर
ईटीवी भारत लगातार इस मुद्दे पर नजर जमाए हुए था. लिहाजा, कोर्ट का चुनाव के समय आया ये फैसला किस तरह सत्ताधारी एनडीए सरकार को प्रभावित कर सकता है और विपक्ष को लाभ पहुंचा सकता है. इस पर हमारे एक्सपर्ट पैनल ने खास चर्चा करते हुए अपनी-अपनी राय प्रस्तुत की. सवाल करते हुए आउटपुट हेड सुजीत झा ने इस मुद्दे का चुनाव में पड़ने वाले असर को जाना.

नियोजित शिक्षकों के मुद्दे पर खास बातचीत

सीनियर रिपोर्टर अविनाश कुमार का मानना
राजधानी पटना से सीनियर रिपोर्टर अविनाश ने बताया कि महागठबंधन ने इस मुद्दे पर अभी तक कोई फायदा नहीं उठाया है. फैसला बड़ा है. वहीं, नीतीश कुमार को कोई हानि नहीं पहुंचेगी क्योंकि सरकार ने सही तर्क देकर कई सुविधाएं दी थी. हालांकि, सरकार के कई कार्यक्रमों में शिक्षकों ने विरोध किया था. अब देखना होगा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव शिक्षकों को किस तरह का आश्वासन देते हैं और किस तरह मौके का फायदा उठाते हैं.

भारी नुकसान पहुंच सकता है- प्रवीण बागी (ब्यूरो चीफ)
16 सीटों पर होने वाले मतदान को लेकर नियोजित शिक्षकों का आक्रोश कहीं ना कहीं जरूर देखने को मिलेगा. ये बात कहते हुए ब्यूरो चीफ प्रवीण बागी ने कहा कि आगामी दो फेज के चुनावों में एनडीए को नुकसान जरूर पहुंच सकता है. सरकार कैसे शिक्षकों के आक्रोश को नियंत्रित करती है, ये देखने वाली बात होगी.

टूट गए सपने
गौरतलब है कि नियोजित शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट से बहुत आस थी. जलसा मनाने की तैयारी में लगे नियोजित शिक्षकों को आज कोर्ट से झटका लगा. ऐसे में बिहार में इन शिक्षकों की पीड़ा का असर वोटिंग में जरूर पड़ेगा. प्रवीण बागी ने बताया कि हर शिक्षक का परिवार है और चार से पांच मतदाता उनके परिवार में जरूर हैं. लिहाजा, आगामी चुनाव में कोर्ट के फैसले का प्रभाव पड़ सकता है.

हाथ खड़े कर दिये- अमित वर्मा (सीनियर रिपोर्टर, पटना)
अमित ने सीधे तौर पर कहा कि केंद्र और राज्य में एनडीए की सरकार है. चुनाव में जरूर इसका असर पड़ेगा. नोटा का इम्पैक्ट देखने को मिल सकता है. उन्होंने बताया कि कोर्ट में सरकार ने हाथ खड़े कर दिए थे. इस बात को भी नियोजित शिक्षक जानते हैं. लोग जानते हैं कि यहां बिहार में बीजेपी और जदयू दोनों की सरकार है. एनडीए की सरकार है, तो असर जरूर देखने को मिलेगा.

'मान सम्मान की लड़ाई लड़ेंगे'
पैनल में मौजूद नियोजित शिक्षक संघ के प्रतिनिधि उमा शंकर ने बताया कि निश्चित रूप से प्रभाव पड़ेगा. जो सरकार हमारे मान सम्मान की रक्षा करेगी, उसके लिए खड़े होंगे. आगामी चुनाव में हम अपने विवेक से काम करेंगे. इंसाफ और सामान काम और सामान वेतन पर उन्होंने कहा कि ये बड़ा फैसला है. हम मान-सम्मान की लड़ाई लड़ेंगे. बाकी बचे चुनावों में इसका असर पड़ेगा

क्या है मामला?
दरअसल, 31 अक्टूबर 2017 को पटना हाईकोर्ट ने नियोजित शिक्षकों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए बिहार सरकार को समान काम के लिए समान वेतन देने का आदेश दिया था. इसके बाद बिहार सरकार सुप्रीम कोर्ट गई थी. यहां नियोजित शिक्षकों ने भी अर्जी दाखिल कर कोर्ट से यह मांग की थी कि समान काम के लिए समान वेतन उनका अधिकार है. नियोजित शिक्षकों को उनका ये हक मिलना ही चाहिए.

एक साल तक चली सुनवाई
करीब एक साल तक सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई चली. इसके बाद 3 अक्टूबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था.

रुकी हुई है शिक्षकों की नियुक्ति
बता दें कि इस फैसले के इंतजार में बिहार में शिक्षकों की नियुक्ति भी रूकी हुई थी. बिहार में बड़ी संख्या में स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं. समान काम समान वेतन पर फैसला नहीं आने कारण सरकार इन शिक्षकों की बहाली पर रोक लगा रखी है.

पटना: बिहार के 3 लाख 70 हजार नियोजित शिक्षकों को बड़ा आघात लगा है. बिहार में पांच चरण के चुनाव संपन्न हो चुके हैं. वहीं, बाकी बचे दो चरणों के चुनाव 12 मई और 19 मई को होने हैं. ऐसे में नियोजित शिक्षकों के दर्द का असर और सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर किसे ज्यादा फायदा मिलेगा. ये आगामी दो चुनावों में साफ देखने को मिलेगा.

सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए पटना हाईकोर्ट के फैसले को निरस्त कर दिया है. कोर्ट ने नियोजित शिक्षकों को नियमित करने से मना कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट में डबल बेंच के जज अभय मनोहर सप्रे और यू यू ललित की कोर्ट ने फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार की अपील को मंजूर किया.

कोर्ट के फैसले का चुनाव में असर
ईटीवी भारत लगातार इस मुद्दे पर नजर जमाए हुए था. लिहाजा, कोर्ट का चुनाव के समय आया ये फैसला किस तरह सत्ताधारी एनडीए सरकार को प्रभावित कर सकता है और विपक्ष को लाभ पहुंचा सकता है. इस पर हमारे एक्सपर्ट पैनल ने खास चर्चा करते हुए अपनी-अपनी राय प्रस्तुत की. सवाल करते हुए आउटपुट हेड सुजीत झा ने इस मुद्दे का चुनाव में पड़ने वाले असर को जाना.

नियोजित शिक्षकों के मुद्दे पर खास बातचीत

सीनियर रिपोर्टर अविनाश कुमार का मानना
राजधानी पटना से सीनियर रिपोर्टर अविनाश ने बताया कि महागठबंधन ने इस मुद्दे पर अभी तक कोई फायदा नहीं उठाया है. फैसला बड़ा है. वहीं, नीतीश कुमार को कोई हानि नहीं पहुंचेगी क्योंकि सरकार ने सही तर्क देकर कई सुविधाएं दी थी. हालांकि, सरकार के कई कार्यक्रमों में शिक्षकों ने विरोध किया था. अब देखना होगा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव शिक्षकों को किस तरह का आश्वासन देते हैं और किस तरह मौके का फायदा उठाते हैं.

भारी नुकसान पहुंच सकता है- प्रवीण बागी (ब्यूरो चीफ)
16 सीटों पर होने वाले मतदान को लेकर नियोजित शिक्षकों का आक्रोश कहीं ना कहीं जरूर देखने को मिलेगा. ये बात कहते हुए ब्यूरो चीफ प्रवीण बागी ने कहा कि आगामी दो फेज के चुनावों में एनडीए को नुकसान जरूर पहुंच सकता है. सरकार कैसे शिक्षकों के आक्रोश को नियंत्रित करती है, ये देखने वाली बात होगी.

टूट गए सपने
गौरतलब है कि नियोजित शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट से बहुत आस थी. जलसा मनाने की तैयारी में लगे नियोजित शिक्षकों को आज कोर्ट से झटका लगा. ऐसे में बिहार में इन शिक्षकों की पीड़ा का असर वोटिंग में जरूर पड़ेगा. प्रवीण बागी ने बताया कि हर शिक्षक का परिवार है और चार से पांच मतदाता उनके परिवार में जरूर हैं. लिहाजा, आगामी चुनाव में कोर्ट के फैसले का प्रभाव पड़ सकता है.

हाथ खड़े कर दिये- अमित वर्मा (सीनियर रिपोर्टर, पटना)
अमित ने सीधे तौर पर कहा कि केंद्र और राज्य में एनडीए की सरकार है. चुनाव में जरूर इसका असर पड़ेगा. नोटा का इम्पैक्ट देखने को मिल सकता है. उन्होंने बताया कि कोर्ट में सरकार ने हाथ खड़े कर दिए थे. इस बात को भी नियोजित शिक्षक जानते हैं. लोग जानते हैं कि यहां बिहार में बीजेपी और जदयू दोनों की सरकार है. एनडीए की सरकार है, तो असर जरूर देखने को मिलेगा.

'मान सम्मान की लड़ाई लड़ेंगे'
पैनल में मौजूद नियोजित शिक्षक संघ के प्रतिनिधि उमा शंकर ने बताया कि निश्चित रूप से प्रभाव पड़ेगा. जो सरकार हमारे मान सम्मान की रक्षा करेगी, उसके लिए खड़े होंगे. आगामी चुनाव में हम अपने विवेक से काम करेंगे. इंसाफ और सामान काम और सामान वेतन पर उन्होंने कहा कि ये बड़ा फैसला है. हम मान-सम्मान की लड़ाई लड़ेंगे. बाकी बचे चुनावों में इसका असर पड़ेगा

क्या है मामला?
दरअसल, 31 अक्टूबर 2017 को पटना हाईकोर्ट ने नियोजित शिक्षकों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए बिहार सरकार को समान काम के लिए समान वेतन देने का आदेश दिया था. इसके बाद बिहार सरकार सुप्रीम कोर्ट गई थी. यहां नियोजित शिक्षकों ने भी अर्जी दाखिल कर कोर्ट से यह मांग की थी कि समान काम के लिए समान वेतन उनका अधिकार है. नियोजित शिक्षकों को उनका ये हक मिलना ही चाहिए.

एक साल तक चली सुनवाई
करीब एक साल तक सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई चली. इसके बाद 3 अक्टूबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था.

रुकी हुई है शिक्षकों की नियुक्ति
बता दें कि इस फैसले के इंतजार में बिहार में शिक्षकों की नियुक्ति भी रूकी हुई थी. बिहार में बड़ी संख्या में स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं. समान काम समान वेतन पर फैसला नहीं आने कारण सरकार इन शिक्षकों की बहाली पर रोक लगा रखी है.

Intro:Body:



bihar teachers, supreme court,  supreme court, ETV bharat news, lok sabhe election, bihar government, latest news, politics of bihar, six phase election, mahagathbandhan, nda, बिहार, बिहार नियोजित शिक्षक, साढ़े तीन लाख बिहार नियोजित शिक्षक, सुप्रीम कोर्ट,Hindi News, News in Hindi, बिहार सरकार, कोर्ट का फैसला, नियोजित शिक्षकों पर फैसला, बिहार की राजनीति, बिहार में लोकसभा चुनाव, बिहार महागठबंधन, एनडीए की सरकार


Conclusion:
Last Updated : May 10, 2019, 7:35 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.