पटना: कोरोना मरीज के इलाज के क्रम में चिकित्सक भी काफी संख्या में संक्रमित हो रहे हैं. राज्य में कुछ चिकित्सकों की कोरोना संक्रमण के कारण मौत भी हो चुकी है. ऐसे में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कुछ दिन पूर्व डॉक्टरों के हित में कुछ मांगे की थी. ताकि डॉक्टर सकारात्मक रूप से उत्साह के साथ कोविड-19 मरीज का इलाज कर सकें. आईएमए उस वक्त के स्वास्थ्य सचिव को भी पत्र लिखा था, मगर अब स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव बदल गए हैं. आईएमए का कहना है कि वह अपनी मांगों को लेकर जल्द ही स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से मिलेगा.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन बिहार के प्रेसिडेंट डॉ. विमल कारक ने कहा कि आईएमए की ओर से चिकित्सकों के मसले पर स्वास्थ्य विभाग के पुराने प्रधान सचिव से उन लोगों ने कुछ मांगे की थी, वह पूरा नहीं हो पाया था. उन्होंने कहा कि नए प्रधान सचिव से उन्हें उम्मीद है कि वह उनकी बातों पर ध्यान देंगे और उनकी मांगों को पूरी करने की दिशा में प्रयास करेंगे. उन्होंने कहा कि वह अपनी मांगों को लेकर नए प्रधान सचिव से मिलने की तैयारी कर रहे हैं.
अपनी मांगों के लेकर सचिव से मिलेगा आईएमए
डॉ. विमल कारक ने बताया कि उनकी कई मांगे हैं. जैसे जो डॉक्टर सस्पेंडेड हैं, उनमें से एक को छोड़कर किसी और का सस्पेंशन वेकेंट नहीं हुआ है. सभी चिकित्सकों का सस्पेंशन वेकेंट हो यह उनकी मांग है. अस्पताल के जो इंटर्न डॉक्टर हैं. उनकी तनख्वाह चपरासी से भी कम है. एक चपरासी की सैलरी 30 हजार रुपए हैं. वहीं, एक इंटर्न को 14 हजार रुपए मिलते हैं. उन्होंने कहा कि उनकी मांग है कि इंटर्न को भी 30 हजार रुपए सैलरी दी जाए. क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट लागू कराने संबंधी कई अनेक मांगे हैं और इन मांगों को लेकर वह जल्द ही स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से मुलाकात करेंगे.
जल्द भरेंगे चिकित्सकों के रिक्त पद
राज्य में चिकित्सकों की काफी कमी है. 70 फीसदी के लगभग पद रिक्त हैं. ऐसे में इन रिक्त पदों को भरने की दिशा में सरकार पर आईएमए क्या कुछ दबाव बना रहा है. इस पर डॉ. विमल कारक ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से इन खाली पड़े सीटों को भरने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग सजग है और बहुत जल्द ही लगभग 1 सप्ताह में रिक्त सीटों को भर दिया जाएगा. ऐसा स्वास्थ्य विभाग की ओर से उन्हें आश्वासन मिला है.