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बिहार में 40 हजार कैदियों का कैसे होगा वैक्सीनेशन? जेल प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती

बिहार में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. ऐसे में प्रदेश की जेलों में बंद कैदी भी अब संक्रमित हो रहे हैं. जेल प्रशासन के सामने इन कैदियों को कोरोना का टीका देने की बड़ी चुनौती है. सवाल ये है कि बिहार का जेल प्रशासन कैसे इन 40 हजार कैदियों को वैक्सीनेट करेगा? टीका लगाने में परेशानी है तो कहां है? देखिए रिपोर्ट-

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Published : May 6, 2021, 2:42 PM IST

Updated : May 6, 2021, 3:43 PM IST

पटनाः बिहार की 59 जेलों में बंद 55 हजार कैदियों को कोरोना का टीका लगाने की चुनौती जेल प्रशासन के सामने है. हालात ये है कि अभी तक महज 15 हजार कैदियों का ही टीकाकरण के लिए रजिस्ट्रेशन हो पाया है. 5 हजार कैदी पहले ही कोरोना का टीका ले चुके हैं. ऐसे में 40 हजार कैदियों को टीका दिलाना जेल प्रशासन की सबसे बड़ी परेशानी है. बिहार की जेलों में 43 हजार ही कैदी रखने की क्षमता है. बावजूद इसके यहां 55 हजार कैदी जेलों में बंद हैं.

ऐसे में कोरोना जेल प्रशासन कैदियों के कोरोना टीकाकरण पर जोर दे रही है. लेकिन इसमें भी एक पेंच फंस हुआ है. कई कैदियों के पास आधार कार्ड नहीं है. इस वजह से अन्य कैदियों का टीकाकरण के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा है.

जेल आईजी मिथिलेश मिश्रा से बातचीत

इसे भी पढ़ेंः बेऊर जेल में बंद कैदियों के परिजनों से प्रशासन की अपील, टीकाकरण के लिए जल्द उपलब्ध कराएं पहचान पत्र

कैदियों के टीकाकरण में ये है समस्या
दरअसल बिहार के 59 जेलों में फिलहाल 55000 कैदी बंद है. बिहार के विभिन्न जिलों के जेलों में कैदियों को रखने की क्षमता 43000 है. परंतु इस वक्त अधिक कैदी जेलों में मौजूद है. इनमें से 15,000 कैदियों का ही अब तक कोरोना के टीका के लिए रजिस्ट्रेशन हो पाया है.

जिनमें से 5000 कैदियों का कोरोना टीकाकरण हो चुका है. बचे 40,000 कैदियों के कोरोना टीकाकरण को लेकर रजिस्ट्रेशन करवाना जेल प्रशासन के लिए सिर दर्द बना हुआ है. जेल प्रशासन के द्वारा जेलों में लगे सरकारी नंबर से कैदियों के परिजनों को कैदियों द्वारा बात करवा कर उनसे आधार कार्ड मंगवाने की पहल की जा रही है.

40 कैदी हुए कोरोना पॉजिटिव
जेल आईजी मिथिलेश मिश्रा इस बारे में बताते हैं कि कैदियों के पास उनका आधार कार्ड या दूसरा कोई आईडेंटिटी कार्ड नहीं है. जिसकी वजह से ज्यादा से ज्यादा कैदियों का रिजिस्ट्रेशन अब तक को-विन पोर्टल पर नहीं हो पाया है. ऐसे में जेल प्रशासन को 40,000 कैदियों को वैक्सीनेट करवाने में बड़ी समस्या आ रही है.

वे बताते हैं कि बिहार के विभिन्न जिलों की जेलों में अब तक 40 कैदी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. हालांकि इनमें से 20 कैदी रिकवर हो चुके हैं. वहीं जेलों में तैनात पारा मेडिकल स्टाफ और कक्षपाल भी करोना संक्रमित हुए हैं. उन्हें भी जेलों में बने आइसोलेशन सेंटर में रखा गया है.

ETV भारत के माध्यम से जेल प्रशासन की अपील
जेल प्रशासन की मानें तो जेलों में बंद कैदियों के पास उनका आधार कार्ड या दूसरा आईडेंटिटी कार्ड नहीं होने की वजह से काफी मुश्किलें आ रही हैं. जेल प्रशासन ने सभी कैदियों के परिजनों से ईटीवी भारत के माध्यम से अपील की है कि कैदियों के परिजन जेल गेट पर आधार कार्ड या दूसरा आइडेंटिटी कार्ड जल्द से जल्द पहुंचा दें. ताकि इन कैदियों को कोरोना का टीका लगाया जा सके. इसे लेकर जेल प्रशासन के द्वारा व्हाट्सएप नंबर भी जारी किया गया है.

पटनाः बिहार की 59 जेलों में बंद 55 हजार कैदियों को कोरोना का टीका लगाने की चुनौती जेल प्रशासन के सामने है. हालात ये है कि अभी तक महज 15 हजार कैदियों का ही टीकाकरण के लिए रजिस्ट्रेशन हो पाया है. 5 हजार कैदी पहले ही कोरोना का टीका ले चुके हैं. ऐसे में 40 हजार कैदियों को टीका दिलाना जेल प्रशासन की सबसे बड़ी परेशानी है. बिहार की जेलों में 43 हजार ही कैदी रखने की क्षमता है. बावजूद इसके यहां 55 हजार कैदी जेलों में बंद हैं.

ऐसे में कोरोना जेल प्रशासन कैदियों के कोरोना टीकाकरण पर जोर दे रही है. लेकिन इसमें भी एक पेंच फंस हुआ है. कई कैदियों के पास आधार कार्ड नहीं है. इस वजह से अन्य कैदियों का टीकाकरण के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा है.

जेल आईजी मिथिलेश मिश्रा से बातचीत

इसे भी पढ़ेंः बेऊर जेल में बंद कैदियों के परिजनों से प्रशासन की अपील, टीकाकरण के लिए जल्द उपलब्ध कराएं पहचान पत्र

कैदियों के टीकाकरण में ये है समस्या
दरअसल बिहार के 59 जेलों में फिलहाल 55000 कैदी बंद है. बिहार के विभिन्न जिलों के जेलों में कैदियों को रखने की क्षमता 43000 है. परंतु इस वक्त अधिक कैदी जेलों में मौजूद है. इनमें से 15,000 कैदियों का ही अब तक कोरोना के टीका के लिए रजिस्ट्रेशन हो पाया है.

जिनमें से 5000 कैदियों का कोरोना टीकाकरण हो चुका है. बचे 40,000 कैदियों के कोरोना टीकाकरण को लेकर रजिस्ट्रेशन करवाना जेल प्रशासन के लिए सिर दर्द बना हुआ है. जेल प्रशासन के द्वारा जेलों में लगे सरकारी नंबर से कैदियों के परिजनों को कैदियों द्वारा बात करवा कर उनसे आधार कार्ड मंगवाने की पहल की जा रही है.

40 कैदी हुए कोरोना पॉजिटिव
जेल आईजी मिथिलेश मिश्रा इस बारे में बताते हैं कि कैदियों के पास उनका आधार कार्ड या दूसरा कोई आईडेंटिटी कार्ड नहीं है. जिसकी वजह से ज्यादा से ज्यादा कैदियों का रिजिस्ट्रेशन अब तक को-विन पोर्टल पर नहीं हो पाया है. ऐसे में जेल प्रशासन को 40,000 कैदियों को वैक्सीनेट करवाने में बड़ी समस्या आ रही है.

वे बताते हैं कि बिहार के विभिन्न जिलों की जेलों में अब तक 40 कैदी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. हालांकि इनमें से 20 कैदी रिकवर हो चुके हैं. वहीं जेलों में तैनात पारा मेडिकल स्टाफ और कक्षपाल भी करोना संक्रमित हुए हैं. उन्हें भी जेलों में बने आइसोलेशन सेंटर में रखा गया है.

ETV भारत के माध्यम से जेल प्रशासन की अपील
जेल प्रशासन की मानें तो जेलों में बंद कैदियों के पास उनका आधार कार्ड या दूसरा आईडेंटिटी कार्ड नहीं होने की वजह से काफी मुश्किलें आ रही हैं. जेल प्रशासन ने सभी कैदियों के परिजनों से ईटीवी भारत के माध्यम से अपील की है कि कैदियों के परिजन जेल गेट पर आधार कार्ड या दूसरा आइडेंटिटी कार्ड जल्द से जल्द पहुंचा दें. ताकि इन कैदियों को कोरोना का टीका लगाया जा सके. इसे लेकर जेल प्रशासन के द्वारा व्हाट्सएप नंबर भी जारी किया गया है.

Last Updated : May 6, 2021, 3:43 PM IST
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