पटना: आईसीएसई बोर्ड (ICSE Board) ने शनिवार को 10वीं और 12वीं का परिणाम जारी (Results Released) कर दिया गया. इस बार कोरोना काल (Corona Pandemic) में जारी हुए रिजल्ट में सफलता के तमाम रिकॉर्ड टूटे हैं. देशभर में आईसीएसई (ICSE) 10वीं की परीक्षा में 99.98 प्रतिशत छात्र-छात्राएं सफल हुए हैं. जबकि आईसीएसई 12वीं की परीक्षा में 99.76 प्रतिशत छात्र-छात्राएं सफल हुए हैं.
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कोरोना काल में सफलता का प्रतिशत लगभग 100 प्रतिशत के करीब है. 12वीं की परीक्षा में छात्राओं के सफलता का प्रतिशत 99.86 प्रतिशत है. वहीं, छात्रों के सफलता का प्रतिशत 99.66 प्रतिशत है. देशभर में आईसीएसई की दसवीं परीक्षा में 2 लाख 19 हजार 499 छात्र-छात्राएं सम्मिलित हुए थे. जिनमें से 27 छात्र और 18 छात्राएं असफल रही हैं. वहीं, 12वीं परीक्षा में 94 हजार 11 छात्र-छात्राएं सम्मिलित हुए जिनमें 171 छात्र और 59 छात्राएं असफल रही हैं.
बिहार की बात करें तो आईसीएसई के 10वीं परीक्षा में 36 स्कूलों से 5 हजार 240 छात्र-छात्राएं सम्मिलित हुए जिनमें से 2 हजार 872 छात्र और 2 हजार 368 छात्राएं रही. इनमें 2 छात्र और 2 छात्राएं असफल रही और कुल 5 हजार 236 छात्र-छात्राएं सफल हुए. पास हुए छात्र-छात्राओं का 99.92 प्रतिशत रहा. जिनमें लड़कियों के सफलता का प्रतिशत 99.93 प्रतिशत रहा और लड़कों के सफलता का प्रतिशत 99.92 प्रतिशत रहा.
आईसीएसई 12वीं परीक्षा में प्रदेश के 12 स्कूलों से 1106 छात्र-छात्राएं शामिल हुए जिनमें 387 छात्र और 719 छात्राएं शामिल रहीं. इनमें सभी 387 छात्र सफल रहे जबकि 718 छात्राएं सफल रही. इनमें एक छात्रा असफल रही. प्रदेश में आईसीएसई 12वीं में सफलता का 99.91 प्रतिशत रहा.
बताते चलें कि इस बार कोरोना के कारण आईसीएसई के 10वीं और 12वीं की परीक्षा का आयोजन नहीं किया गया और परिणाम जारी करने के लिए मूल्यांकन के लिए कई मापदंडों का उपयोग किया गया. दसवीं कक्षा का रिजल्ट जारी करने के लिए छात्रों के नौवीं और दसवीं के स्कूल में आयोजित किए गए विभिन्न ने परीक्षाओं के स्कोर का उपयोग किया गया इसके अलावा आंतरिक मूल्यांकन का भी उपयोग किया गया.
वहीं, 12वीं परीक्षा का रिजल्ट जारी करने के लिए स्कूल में आयोजित किए गए 11वीं और 12वीं के विभिन्न परीक्षाओं के औसत अंक का उपयोग किया गया. इसके अलावा दसवीं कक्षा की औसत अंक (अंग्रेजी + 4 सर्वश्रेष्ठ विषय) का उपयोग किया गया. इसके अलावा 12वीं के इंटरनल और प्रैक्टिकल परीक्षा के अंकों का भी उपयोग किया गया.
CISCE का कहना है कि आंतरिक मूल्यांकन छात्र की कुशलता को मापता है और सर्वश्रेष्ठ तीन विषयों में औसत अंक उनकी सामान्य शैक्षणिक क्षमता का आकलन है. परिषद ने 2015 से 2019 के साथ-साथ वर्ष 2002 की बोर्ड परीक्षाओं के आंकड़ों का विस्तृत विश्लेषण किया है.
प्रत्येक कारक और वेटेज को इस प्रकार चुना गया है, जिससे इस वर्ष बोर्ड परीक्षाओं में उपस्थित होने वाले सभी उम्मीदवारों के लिए निष्पक्षता सुनिश्चित की जा सके. असेसमेंट स्कीम को बेहतर तरीके से समझने के लिए स्टूडेंट्स CISCE बोर्ड द्वारा जारी की गई असेसमेंट स्कीम को देख सकते हैं.
बताते दें कि कोरोना के कारण 10वीं और 12वीं के परीक्षा का आयोजन नहीं किया गया. इस वजह से रिजल्ट में रैंक जारी नहीं किया गया और ना ही टॉपर्स की सूची आईसीएसई बोर्ड की तरफ से जारी की गई. परिणाम देखने के लिए आईएससीई की आधिकारिक वेबसाइट www.cisce.org या www.results.cisce.org पर जाएं.
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