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हुलास पांडे ने LJPR संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा, ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड में चार्जशीटेड होने के बाद दी सफाई

Brahmeshwar Mukhiya Murder Case: आरा के नवादा थाना क्षेत्र के कतीरा मोहल्ले में 1 जून 2012 को सुबह 4 बजे टहलने निकले ब्रह्मेश्वर मुखिया की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. सीबीआई ने इस केस में शनिवार को सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है. आरोप पत्र में एलजेपीआर नेता हुलास पांडेय समेत 8 लोगों को आरोपी बनाया गया है. इसके बाद राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गयी. पढ़ें, विस्तार से.

हुलास पांडे, पूर्व विधान पार्षद
हुलास पांडे, पूर्व विधान पार्षद
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 18, 2023, 8:11 PM IST

Updated : Dec 18, 2023, 8:36 PM IST

हुलास पांडे, पूर्व विधान पार्षद.

पटनाः ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड में सीबीआई ने पूर्व विधान पार्षद और एलजेपीआर नेता हुलास पांडेय को अभियुक्त बनाया है. उनके अलावे 7 अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया है. सीबीआई ने शनिवार को आरा सिविल कोर्ट में 8 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है. हुलास पांडेय को नामजद अभियुक्त बनाए जाने के बाद राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई. आज सोमवार 18 दिसंबर को हुलास पांडे ने पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया.

हुलास पांडे ने दी सफाईः ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड में नाम जुड़ने के बाद हुलास पांडे ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस कर सफाई दी. उन्होंने सीबाआई के कुछ पदाधिकारियों पर गलत तरीके से नाम जोड़ने का आरो लगाया. उन्होंने कहा कि जिस तरह से ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड में नाम जोड़ा जा रहा है, उसमें कहीं से कोई सच्चाई नही है. उन्होंने 2012- 13 की घटना है. 10 वर्षों के बाद मेरा नाम जोड़ना कहीं न कहीं से चुनावी षडयंत्र है. जब जब चुनाव आता है, मेरा नाम जोड़ कर पार्टी को बदनाम करने की कोशिश की जाती है.

"पॉलिटिकल षड्यंत्र से मेरा नाम इसमें जोड़ा गया है. CBI से मेरा कोई विरोध नहीं है. लेकिन CBI में जरूर कोई अधिकारी है, जो हमारे राजनीतिक विरोधी पार्टी से जुड़े हैं और मुझे बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं. हमने संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है, ताकि कोई ये नहीं कह सके कि आरोप लगने के बाद भी पद पर कैसे बैठा है."- हुलास पांडे, पूर्व विधान पार्षद

ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्या से क्या फायदाः ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्या से मेरा क्या फायदा और मेरा कोई मतलब रहा नहीं है. इस हत्या कांड के आरोपी का नाम उजागर करने वाले को 10 लाख का इनाम देने की घोषणा हुई थी. लगता है 10 लाख रुपये की लालच में कोई खड़ा हो गया हो. उन्होंने कहा कि बिहार में बेरोजगारी बहुत है, 10 लाख की लालच में मेरा नाम जोड़ा जा रहा. उन्होंने कहा कि बरमेश्वर मुखिया की जिस दिन हत्या हुई थी उस दिन वो अपने सरकारी आवास पर 5-6 सरकारी अंगरक्षकों के साथ बैठे थे.

क्या है मामलाः आरा के नवादा थाना क्षेत्र के कतीरा मोहल्ले में 1 जून 2012 को सुबह 4 बजे टहलने निकले ब्रह्मेश्वर मुखिया की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस हत्या के बाद मुखिया समर्थकों में काफी गुस्सा था और उनकी ओर से आरा और पटना में जमकर बवाल भी मचाया गया था. इस कांड में भोजपुर पुलिस ने अनुसंधान के क्रम में 8 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. इसके बाद इस केस को सीबीआई के जिम्मे में सौंप दिया गया था. 10 साल बाद ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड में सीबीआई ने सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है.

इसे भी पढ़ेंः ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड में अमिताभ कुमार दास ने दी गवाही, हुलास पांडे की बढ़ सकती है मुश्किल

इसे भी पढ़ेंः ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड: CBI हत्यारों की सूचना देने वालों को देगी इनाम, चिपकाया पोस्टर

हुलास पांडे, पूर्व विधान पार्षद.

पटनाः ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड में सीबीआई ने पूर्व विधान पार्षद और एलजेपीआर नेता हुलास पांडेय को अभियुक्त बनाया है. उनके अलावे 7 अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया है. सीबीआई ने शनिवार को आरा सिविल कोर्ट में 8 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है. हुलास पांडेय को नामजद अभियुक्त बनाए जाने के बाद राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई. आज सोमवार 18 दिसंबर को हुलास पांडे ने पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया.

हुलास पांडे ने दी सफाईः ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड में नाम जुड़ने के बाद हुलास पांडे ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस कर सफाई दी. उन्होंने सीबाआई के कुछ पदाधिकारियों पर गलत तरीके से नाम जोड़ने का आरो लगाया. उन्होंने कहा कि जिस तरह से ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड में नाम जोड़ा जा रहा है, उसमें कहीं से कोई सच्चाई नही है. उन्होंने 2012- 13 की घटना है. 10 वर्षों के बाद मेरा नाम जोड़ना कहीं न कहीं से चुनावी षडयंत्र है. जब जब चुनाव आता है, मेरा नाम जोड़ कर पार्टी को बदनाम करने की कोशिश की जाती है.

"पॉलिटिकल षड्यंत्र से मेरा नाम इसमें जोड़ा गया है. CBI से मेरा कोई विरोध नहीं है. लेकिन CBI में जरूर कोई अधिकारी है, जो हमारे राजनीतिक विरोधी पार्टी से जुड़े हैं और मुझे बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं. हमने संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है, ताकि कोई ये नहीं कह सके कि आरोप लगने के बाद भी पद पर कैसे बैठा है."- हुलास पांडे, पूर्व विधान पार्षद

ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्या से क्या फायदाः ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्या से मेरा क्या फायदा और मेरा कोई मतलब रहा नहीं है. इस हत्या कांड के आरोपी का नाम उजागर करने वाले को 10 लाख का इनाम देने की घोषणा हुई थी. लगता है 10 लाख रुपये की लालच में कोई खड़ा हो गया हो. उन्होंने कहा कि बिहार में बेरोजगारी बहुत है, 10 लाख की लालच में मेरा नाम जोड़ा जा रहा. उन्होंने कहा कि बरमेश्वर मुखिया की जिस दिन हत्या हुई थी उस दिन वो अपने सरकारी आवास पर 5-6 सरकारी अंगरक्षकों के साथ बैठे थे.

क्या है मामलाः आरा के नवादा थाना क्षेत्र के कतीरा मोहल्ले में 1 जून 2012 को सुबह 4 बजे टहलने निकले ब्रह्मेश्वर मुखिया की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस हत्या के बाद मुखिया समर्थकों में काफी गुस्सा था और उनकी ओर से आरा और पटना में जमकर बवाल भी मचाया गया था. इस कांड में भोजपुर पुलिस ने अनुसंधान के क्रम में 8 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. इसके बाद इस केस को सीबीआई के जिम्मे में सौंप दिया गया था. 10 साल बाद ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड में सीबीआई ने सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है.

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Last Updated : Dec 18, 2023, 8:36 PM IST
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