पटना: लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान बंद मकानों और प्रतिष्ठानों से कचरा शुल्क (Garbage Fee) नहीं लिया जाएगा. महापौर (Mayor) ने शहरवासियों से अपील की है कि भ्रम की स्थिति में लोग ना आएं. मकान एवं प्रतिष्ठान में किराएदार रहते हैं तो चार्ज उनसे लिया जाएगा. इसके लिए मकान मालिक को पुष्टि करनी होगी. मेयर ने ये आदेश जारी किया है.
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पटना नगर निगम (Patna Municipal Corporation) क्षेत्र में वसूले जा रहे होल्डिंग एवं कचरा शुल्क को लेकर शहरवासियों में भ्रम की स्थिति को लेकर महापौर सीता साहू एवं नगर आयुक्त हिमांशू शर्मा ने स्थाई समिति के सदस्यों के साथ बैठक की. इसमें यह स्पष्ट किया गया कि ऐसे लोगों से कचरा शुल्क नहीं वसूल किया जाएगा जो कोरोना काल या लॉकडाउन में शहर में नहीं थे.
कई माह से बंद शहर के होटल, गोदाम या मकान एवं व्यावसायिक संस्थानों से कचरा उठाव के लिए शुल्क नहीं देना होगा. यह नियम पटना नगर निगम क्षेत्र में स्थित सभी तरह के संस्थानों पर लागू होगा. इसमें किसी तरह की भ्रम की कोई स्थिति नहीं हैं.
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इसके साथ ही एजेंसी को यह निर्देश दिया गया है कि जो व्यक्ति कचरा शुल्क देंगे, उनको अलग से कचरा शुल्क का रसीद दिया जाएगा. इसे होल्डिंग टैक्स के साथ समायोजित नहीं किया जाएगा. इसके साथ ही संस्थानों के वर्गीकरण में कचरा शुल्क की वसूली को लेकर भी पार्षदों की राय से विस्तृत प्लान तैयार किया जाएगा.
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मकान एवं प्रतिष्ठान में किरायेदार रहते हैं तो उनसे चार्जलिया जाएगा. इसके लिए मकान मालिक को पुष्टि करनी होगी. ठोस अपशिष्ट प्रबंधन शुल्क हर घर एवं प्रतिष्ठान से लिया जा रहा है. ऐसे में पटना में किराएदारों की संख्या को देखते हुए, पटना नगर निगम द्वारा चयनित एजेंसी की तरफ से किरायेदारों से अलग से शुल्क वसूल किया जाएगा. इसके लिए मकान मालिकों को यह पुष्टि करनी होगी कि उनकी संपत्ति (घर एवं प्रतिष्ठान) में कितने किराएदार हैं.
किरायेदारों की विस्तृत विवरणी टैक्स कलेक्टर के माध्यम से प्राप्त की जाएगी. शहर वासियों को यह छूट दी गई है कि वह अपने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन शुल्क की राशि का भुगतान त्रैमासिक (3 महीने का एक साथ), अर्धवार्षिक (6 महीने का एक साथ) एवं वार्षिक कर सकते हैं.
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शहर वासियों को यह छूट है कि वे अपने घर एवं प्रतिष्ठान में गीले कचरे की प्रोसेंसिंग स्वंय कर सकते हैं. ऐसा करने पर उन्हें ठोस अपशिष्ट प्रबंधन शुल्क से 50 प्रतिशत की छूट दी गयी है. ऐसा कर वह न सिर्फ शहर को गीले कचरे से मुक्ति देने में अपना योगदान देंगे बल्कि कचरा शुल्क में भी कटौती करवा सकेंगे. बैठक के दौरान उपमहापौर मीरा देवी, स्थाई समिति के सदस्य मुन्ना जयसवाल, दीपा रानी खान, इंद्रदीप चंद्रवंशी, कावेरी सिंह एवं पटना नगर निगम के पदाधिकारी मौजूद रहे.