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Holi 2023: होली का पर्व आज, रंगों में सराबोर हुए लोग.. राज्यपाल और CM ने दी बधाई

पूरे साल इंतजार के बाद आज होली का त्योहार मनाया जा रहा है. लोगों को इस पर्व का बेसब्री से इंतजार रहता है. होली पर बड़े, बूढ़े, बच्चे, नौजवान, महिलाएं, युवतियां हर उम्र हर वर्ग के लोग अपने तरह से इसे मनाते है. इस दिन तरह-तरह के अच्छे पकवान बनाए जाते हैं और लोग एक दूसरे के घर जाकर गुलाल और रंग मलकर होली मनाते हैं. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Mar 7, 2023, 11:57 PM IST

Updated : Mar 8, 2023, 10:20 AM IST

पटनाः उत्साह और उमंग का पर्व होली आज बिहार सहित पूरे देश में मनाया (Holi 2023) जा रहा है. वैसे तो होली की खुमारी फागुन आने के साथ ही लोगों पर चढ़ने लगती है. लेकिन मंगलवार की रात शुभ मुहूर्त में होलिका दहन के बाद बुधवार को लोग एक दूसरे को रंग लगाकर होली मनाएंगे. इस पर्व को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में प्रतीकात्मक तौर पर भी मनाया जाता है. इस पर्व का लोगों को पूरे साल इंतजार रहता है. हर उम्र के लोग इस त्योहार को एक समान जोश के साथ मनाते हैं.

ये भी पढ़ेंः Holi 2023: होली में रंग छुड़ाने के लिए खास घरेलू टिप्स, एलर्जी है तो काम आएगा यह नुस्खा

राज्यपाल और CM ने दी बधाई: राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यवासियों को होली की बधाई दी है. सीएम ने ट्वीट कर लिखा, "रंगों के त्योहार होली की बधाई एवं शुभकामनाएं। होली सामाजिक समरसता का प्रतीक है। होली का यह पवित्र त्योहार राज्यवासियों के जीवन में खुशियों के नए रंग लेकर आए। यह पवित्र त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का भी प्रतीक है। होली का त्योहार प्रेम, भाईचारे एवं सद्भाव के साथ मनाएं."

  • रंगों के त्योहार होली की बधाई एवं शुभकामनाएं। होली सामाजिक समरसता का प्रतीक है। होली का यह पवित्र त्योहार राज्यवासियों के जीवन में खुशियों के नए रंग लेकर आए। यह पवित्र त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का भी प्रतीक है। होली का त्योहार प्रेम, भाईचारे एवं सद्भाव के साथ मनाएं।

    — Nitish Kumar (@NitishKumar) March 8, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अलबेला है त्योहार का स्वरूपः यूं तो होली से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं हैं और इसके पीछे का कारण भी बहुत ही अच्छा संदेश देता है. लोग जमकर मौज-मस्ती करते हैं और तरह-तरह के व्यंजन का लुत्फ उठाते हैं. लेकिन वसंत के आगमन और मौसमानुरूप प्रकृति को लेकर इसे मस्ती और अलबेलेपन से भरे त्यौहार के रूप में भी मनाया जाता है. लोग इस दिन अपने परिजन, दोस्तों और पहचान वालों को रंग लगाते हैं और नाच गाना का आयोजन कर मनोरंजन करते हैं.

  • बुराई पर भलाई एवं ईर्ष्या पर प्रेम की विजय के प्रतीक रंगों के रंगीन पर्व के शुभ अवसर पर आप सबों का जीवन ख़ुशमय और सुखमय रंगो से सदा रंगा रहे। यही मनोकामना है।

    सभी देशवासियों को होली की हार्दिक रंग बिरंगी शुभकामनाएँ। #HappyHoli pic.twitter.com/s810faw4Q7

    — Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) March 8, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

फगुआ गाने की रही है परंपराः पुराने समय से ही ढोल, झाल, मंजीरा आदि लोक वाद्य यंत्रों के साथ मस्ती भरे लोक गीत जैसे फगुआ, चैता, झूमर गाने की परंपरा रही है. अब भले लोग डीजे और बड़े बड़े साउंड बाक्स लगा कर रिकार्डेड गाने पर नाच-गान का आयोजन करते हैं, लेकिन मनोरंजन और मस्ती हर स्वरूप में इस पर्व की आत्मा रही है. एक महीने पहले से ही लोगों पर होली का खुमार चढ़ जाता है.

पटनाः उत्साह और उमंग का पर्व होली आज बिहार सहित पूरे देश में मनाया (Holi 2023) जा रहा है. वैसे तो होली की खुमारी फागुन आने के साथ ही लोगों पर चढ़ने लगती है. लेकिन मंगलवार की रात शुभ मुहूर्त में होलिका दहन के बाद बुधवार को लोग एक दूसरे को रंग लगाकर होली मनाएंगे. इस पर्व को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में प्रतीकात्मक तौर पर भी मनाया जाता है. इस पर्व का लोगों को पूरे साल इंतजार रहता है. हर उम्र के लोग इस त्योहार को एक समान जोश के साथ मनाते हैं.

ये भी पढ़ेंः Holi 2023: होली में रंग छुड़ाने के लिए खास घरेलू टिप्स, एलर्जी है तो काम आएगा यह नुस्खा

राज्यपाल और CM ने दी बधाई: राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यवासियों को होली की बधाई दी है. सीएम ने ट्वीट कर लिखा, "रंगों के त्योहार होली की बधाई एवं शुभकामनाएं। होली सामाजिक समरसता का प्रतीक है। होली का यह पवित्र त्योहार राज्यवासियों के जीवन में खुशियों के नए रंग लेकर आए। यह पवित्र त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का भी प्रतीक है। होली का त्योहार प्रेम, भाईचारे एवं सद्भाव के साथ मनाएं."

  • रंगों के त्योहार होली की बधाई एवं शुभकामनाएं। होली सामाजिक समरसता का प्रतीक है। होली का यह पवित्र त्योहार राज्यवासियों के जीवन में खुशियों के नए रंग लेकर आए। यह पवित्र त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का भी प्रतीक है। होली का त्योहार प्रेम, भाईचारे एवं सद्भाव के साथ मनाएं।

    — Nitish Kumar (@NitishKumar) March 8, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अलबेला है त्योहार का स्वरूपः यूं तो होली से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं हैं और इसके पीछे का कारण भी बहुत ही अच्छा संदेश देता है. लोग जमकर मौज-मस्ती करते हैं और तरह-तरह के व्यंजन का लुत्फ उठाते हैं. लेकिन वसंत के आगमन और मौसमानुरूप प्रकृति को लेकर इसे मस्ती और अलबेलेपन से भरे त्यौहार के रूप में भी मनाया जाता है. लोग इस दिन अपने परिजन, दोस्तों और पहचान वालों को रंग लगाते हैं और नाच गाना का आयोजन कर मनोरंजन करते हैं.

  • बुराई पर भलाई एवं ईर्ष्या पर प्रेम की विजय के प्रतीक रंगों के रंगीन पर्व के शुभ अवसर पर आप सबों का जीवन ख़ुशमय और सुखमय रंगो से सदा रंगा रहे। यही मनोकामना है।

    सभी देशवासियों को होली की हार्दिक रंग बिरंगी शुभकामनाएँ। #HappyHoli pic.twitter.com/s810faw4Q7

    — Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) March 8, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

फगुआ गाने की रही है परंपराः पुराने समय से ही ढोल, झाल, मंजीरा आदि लोक वाद्य यंत्रों के साथ मस्ती भरे लोक गीत जैसे फगुआ, चैता, झूमर गाने की परंपरा रही है. अब भले लोग डीजे और बड़े बड़े साउंड बाक्स लगा कर रिकार्डेड गाने पर नाच-गान का आयोजन करते हैं, लेकिन मनोरंजन और मस्ती हर स्वरूप में इस पर्व की आत्मा रही है. एक महीने पहले से ही लोगों पर होली का खुमार चढ़ जाता है.

Last Updated : Mar 8, 2023, 10:20 AM IST
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