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जूनियर इंजीनियर भर्ती मामले में आरक्षण रोस्टर का नहीं हुआ पालन, HC ने SSC को किया तलब

साल 2011 में जूनियर इंजीनियर की भर्ती के लिए वैकेंसी निकली थी. लेकिन इसके चयन प्रक्रिया में पाया गया कि स्ट्रांग रूम में रिजल्ट से छेड़छाड़ किया गया है. इस कारण हाई कोर्ट ने परीक्षाफल को रद्द कर दिया था. पटना हाई कोर्ट में दो बार इस बहाली के लिए हुए परीक्षाफल को रद्द किया. वहीं, तीसरी प्रकाशित परीक्षाफल में रिजर्वेशन रोस्टर का पालन नहीं किया गया.

पटना हाई कोर्ट
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Published : Jun 28, 2019, 7:53 AM IST

पटना: कनीय अभियंता नियुक्ति मामले में पटना हाई कोर्ट ने एसएससी को तलब किया है. एसएससी पर आरोप है कि जूनियर इंजीनियर भर्ती मामले में आरक्षण रोस्टर का पालन नहीं किया जा रहा है. पटना हाई कोर्ट ने सरकार से इस मामले में जवाब मांगा है.

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प्रकाशित परीक्षाफल

साल 2011 में 1988 पद जूनियर सिविल इंजीनियर और 42 पद जूनियर मैकेनिकल इंजीनियर की भर्ती के लिए वैकेंसी निकली थी. लेकिन इसके चयन प्रक्रिया में पाया गया कि स्ट्रांग रूम में रिजल्ट से छेड़छाड़ किया गया है. इस कारण हाई कोर्ट ने परीक्षाफल को रद्द कर दिया था. पटना हाई कोर्ट में दो बार इस बहाली के लिए हुए परीक्षाफल को रद्द किया. वहीं, तीसरी बार 17 नवंबर 2018 को परीक्षाफल प्रकाशित किया गया इसमें रिजर्वेशन रोस्टर का पालन नहीं किया गया. 807 जनरल कैटेगरी के छात्रों की बहाली की गई जबकि 166 और भर्ती करने थे लेकिन एसएससी ने ऐसा नहीं किया.

जानकारी देते पटना हाई कोर्ट को अधिवक्ता

एसएससी को देना होगा जबाव

पटना हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता दिनी कुमार ने बताया कि पटना हाई कोर्ट ने इस परीक्षा के परीक्षाफल को दो बार अनियमितता के कारण रद्द किया. लेकिन तीसरी बार भी अनियमितता हुई है और सिर्फ जनरल कैटेगरी के छात्रों का चयन किया गया है. हाईकोर्ट ने एसएससी से जवाब मांगा है कि पिछड़ा, अति पिछड़ा और अत्यंत पिछड़ा वर्ग में छात्रों का चयन क्यों नहीं हुआ. वहीं, इस मामले पर एसएससी को कोर्ट में जबाव देते हुए यह भी दिखाना होगा कि किस-किस को कितना मार्क्स आये हैं.

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प्रकाशित परीक्षाफल

पटना: कनीय अभियंता नियुक्ति मामले में पटना हाई कोर्ट ने एसएससी को तलब किया है. एसएससी पर आरोप है कि जूनियर इंजीनियर भर्ती मामले में आरक्षण रोस्टर का पालन नहीं किया जा रहा है. पटना हाई कोर्ट ने सरकार से इस मामले में जवाब मांगा है.

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प्रकाशित परीक्षाफल

साल 2011 में 1988 पद जूनियर सिविल इंजीनियर और 42 पद जूनियर मैकेनिकल इंजीनियर की भर्ती के लिए वैकेंसी निकली थी. लेकिन इसके चयन प्रक्रिया में पाया गया कि स्ट्रांग रूम में रिजल्ट से छेड़छाड़ किया गया है. इस कारण हाई कोर्ट ने परीक्षाफल को रद्द कर दिया था. पटना हाई कोर्ट में दो बार इस बहाली के लिए हुए परीक्षाफल को रद्द किया. वहीं, तीसरी बार 17 नवंबर 2018 को परीक्षाफल प्रकाशित किया गया इसमें रिजर्वेशन रोस्टर का पालन नहीं किया गया. 807 जनरल कैटेगरी के छात्रों की बहाली की गई जबकि 166 और भर्ती करने थे लेकिन एसएससी ने ऐसा नहीं किया.

जानकारी देते पटना हाई कोर्ट को अधिवक्ता

एसएससी को देना होगा जबाव

पटना हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता दिनी कुमार ने बताया कि पटना हाई कोर्ट ने इस परीक्षा के परीक्षाफल को दो बार अनियमितता के कारण रद्द किया. लेकिन तीसरी बार भी अनियमितता हुई है और सिर्फ जनरल कैटेगरी के छात्रों का चयन किया गया है. हाईकोर्ट ने एसएससी से जवाब मांगा है कि पिछड़ा, अति पिछड़ा और अत्यंत पिछड़ा वर्ग में छात्रों का चयन क्यों नहीं हुआ. वहीं, इस मामले पर एसएससी को कोर्ट में जबाव देते हुए यह भी दिखाना होगा कि किस-किस को कितना मार्क्स आये हैं.

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प्रकाशित परीक्षाफल
Intro:कनीय अभियंता नियुक्ति मामले में पटना हाई कोर्ट ने एसएससी को तलब किया है एसएससी पर आरोप है कि जूनियर इंजीनियर भर्ती मामले में आरक्षण रोस्टर का पालन नहीं किया जा रहा है पटना हाई कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है


Body:जूनियर इंजीनियर की भर्ती के लिए साल 2011 में वैकेंसी निकली थी और स्ट्रांग रूम में छेड़छाड़ करने के आरोप में कोर्ट ने परीक्षा फल को रद्द कर दिया था पटना हाई कोर्ट में दो बार परीक्षाफल को रद्द किया है तीसरी बार 17-11-2018 को परीक्षाफल प्रकाशित किया गया जिसमें रिजर्वेशन रोस्टर का पालन नहीं किया गया 807 जनरल कैटेगरी के छात्रों की बहाली की गई जबकि 166 और भर्ती करने थे लेकिन एसएससी ने ऐसा नहीं किया


Conclusion:पटना हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता दिनी कुमार ने बताया कि दो बार पटना हाई कोर्ट में परीक्षाफल को रद्द किया तीसरी बार भी अनियमितता हुई है और सिर्फ जनरल कैटेगरी के छात्रों का चयन किया गया है पटना हाईकोर्ट ने एसएससी से जवाब मांगा है कि पिछड़ा अति पिछड़ा और अत्यंत पिछड़ा वर्ग में छात्रों का चयन क्यों नहीं हुआ है
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