पटना: कनीय अभियंता नियुक्ति मामले में पटना हाई कोर्ट ने एसएससी को तलब किया है. एसएससी पर आरोप है कि जूनियर इंजीनियर भर्ती मामले में आरक्षण रोस्टर का पालन नहीं किया जा रहा है. पटना हाई कोर्ट ने सरकार से इस मामले में जवाब मांगा है.
साल 2011 में 1988 पद जूनियर सिविल इंजीनियर और 42 पद जूनियर मैकेनिकल इंजीनियर की भर्ती के लिए वैकेंसी निकली थी. लेकिन इसके चयन प्रक्रिया में पाया गया कि स्ट्रांग रूम में रिजल्ट से छेड़छाड़ किया गया है. इस कारण हाई कोर्ट ने परीक्षाफल को रद्द कर दिया था. पटना हाई कोर्ट में दो बार इस बहाली के लिए हुए परीक्षाफल को रद्द किया. वहीं, तीसरी बार 17 नवंबर 2018 को परीक्षाफल प्रकाशित किया गया इसमें रिजर्वेशन रोस्टर का पालन नहीं किया गया. 807 जनरल कैटेगरी के छात्रों की बहाली की गई जबकि 166 और भर्ती करने थे लेकिन एसएससी ने ऐसा नहीं किया.
एसएससी को देना होगा जबाव
पटना हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता दिनी कुमार ने बताया कि पटना हाई कोर्ट ने इस परीक्षा के परीक्षाफल को दो बार अनियमितता के कारण रद्द किया. लेकिन तीसरी बार भी अनियमितता हुई है और सिर्फ जनरल कैटेगरी के छात्रों का चयन किया गया है. हाईकोर्ट ने एसएससी से जवाब मांगा है कि पिछड़ा, अति पिछड़ा और अत्यंत पिछड़ा वर्ग में छात्रों का चयन क्यों नहीं हुआ. वहीं, इस मामले पर एसएससी को कोर्ट में जबाव देते हुए यह भी दिखाना होगा कि किस-किस को कितना मार्क्स आये हैं.