पटना: बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने अगले 1 अप्रैल से विद्युत शुल्क की दर को 10 पैसे प्रति यूनिट कम करने की घोषणा की है. इस घोषणा का फायदा सभी तरह के उपभोक्ताओं को मिलेगा. आयोग ने उपभोक्ताओं से मीटर रेंट भी नहीं लेने का आदेश जारी किया है.
बता दें कि पहले सभी उपभोक्ताओं से 20 रुपये प्रतिमाह मीटर रेंट लिया जाता था. नया दर 1 अप्रैल 2020 से प्रभाव में आएगा. इसके साथ-साथ आयोग ने कहा कि कुटीर ज्योति एवं ग्रामीण घरेलू सेवा में बिना मीटर के अब कोई भी उपभोक्ता बिजली का उपभोग नहीं कर सकेगा. सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं को अपने घरों और अन्य जगहों पर मीटर लगवाना अनिवार्य होगा.
'बिजली दर में 50% तक की कमी'
आयोग ने कृषि आधारित उद्योग लगाने वाले उपभोक्ताओं के विद्युत शुल्क में भारी कमी की है. जहां पहले न्यूनतम दर 1 हजार रुपये प्रति केवीए हुआ करता था. इसे घटाकर अब 5 सौ केविए कर दिया गया है. इस फैसले के बाद कृषि आधारित उद्योगों को काफी फायदा मिलने वाला है. बता दें कि पहले कृषि आधारित उद्योग बिजली उपभोग नहीं भी करने पर कम से कम 1 हजार रुपये केविए की दर से विद्युत शुल्क अदा करना होता था. इस फैसले के बाद अब कृषि आधारित उद्योग को न्यूनतम दर 5 सौ केविए के दर से भुगतान करना होगी.
'6 रुपये 5 पैसे होगा नया दर'
गौरतलब है कि नई विद्युत दर से पहले बिहार में उपभोक्ताओं को पहले 6 रुपये 15 पैसे प्रति यूनिट विद्युत शुल्क देना होता था. जिसे अब आयोग ने 10 पैसे प्रति यूनिट कम किया है. अब उपभोक्ताओं को 6 रुपये 5 पैसे के विद्युत शुल्क के अनुसार भूगतान करना पड़ेगा.