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क्वॉरेंटाइन सेंटर के मामले पर HC ने मुख्य सचिव से किया रिपोर्ट तलब, 22 मई को अगली सुनवाई

बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार ने विभिन्न जिलों में आ रहे प्रवासी मजदूरों की सहायता के लिए विधिक स्वयं सेवकों की नियुक्ति की है. ये स्वयं सेवक प्रवासी मजदूरों के लिए बनाए गए क्वारन्टीन सेन्टरों में हर रोज जाकर उनको हो रही असुविधा का आंकलन करेंगे.

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Published : May 21, 2020, 6:25 PM IST

पटनाः राज्य में कोरोना मरीजों के लिए चल रहे क्वॉरेंन्टाइन सेंटर मामले पर पटना हाइकोर्ट ने सुनवाई करते हुए राज्य के चीफ सेक्रेटरी से रिपोर्ट तलब किया है. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने पारुल प्रसाद और राजीव रंजन की जनहित याचिकाओं पर ये सुनवाई की.

सरकार की ओर से हो रहे प्रयास
जनहित याचिकाओं में कहा गया है कि बिहार बाहर से बड़ी तादाद में प्रवासी मजदूर अपने घर वापस आ रहे हैं. इनके रहने के लिए बनाए गए क्वॉरेंन्टाइन सेंटरों में बुनियादी सुविधाओं की काफी कमी है. कोर्ट को बताया गया कि राज्य सरकार की ओर से काफी प्रयास हो रहे हैं, लेकिन प्रवासी मजदूरों की संख्या लगातार बढ़ रही है.

22 मई को अगली सुनवाई
केंद्र सरकार के अधिवक्ता एसडी संजय ने कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार के दिशा निर्देश के अनुसार क्वॉरेंन्टाइन सेंटरों की व्यवस्था सुचारू रूप से चलाने के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं की मदद ली जा सकती है. इस मामले पर अगली सुनवाई 22 मई को होगी.

असुविधा का आंकलन
वहीं, बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार ने विभिन्न जिलों में आ रहे प्रवासी मजदूरों की सहायता के लिए विधिक स्वयं सेवकों की नियुक्ति की है. ये स्वयं सेवक प्रवासी मजदूरों के लिए बनाए गए क्वारन्टीन सेन्टरों में हर रोज जाकर उनको हो रही असुविधा का आंकलन करेंगे. साथ ही प्रशासन के सहयोग से प्रवासी मजदूरों की समस्याओं का समाधान कराएंगे.

प्रवासी मजदूरों को कराया गया भोजन
प्रधिकार के सदस्य सचिव सुनील दत्त मिश्रा ने बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से जहानाबाद और अरवल में 600 प्रवासी मजदूरों को भोजन कराया गया और छपरा में मोची परिवारों की सहायता की गई. प्राधिकार के अध्यक्ष और पटना हाई कोर्ट के जस्टिस दिनेश कुमार सिंह के मार्गदर्शन में प्रवासी मजदूरों के साथ ही अन्य जरूरतमंदों की सहायता की जा रही है.

पटनाः राज्य में कोरोना मरीजों के लिए चल रहे क्वॉरेंन्टाइन सेंटर मामले पर पटना हाइकोर्ट ने सुनवाई करते हुए राज्य के चीफ सेक्रेटरी से रिपोर्ट तलब किया है. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने पारुल प्रसाद और राजीव रंजन की जनहित याचिकाओं पर ये सुनवाई की.

सरकार की ओर से हो रहे प्रयास
जनहित याचिकाओं में कहा गया है कि बिहार बाहर से बड़ी तादाद में प्रवासी मजदूर अपने घर वापस आ रहे हैं. इनके रहने के लिए बनाए गए क्वॉरेंन्टाइन सेंटरों में बुनियादी सुविधाओं की काफी कमी है. कोर्ट को बताया गया कि राज्य सरकार की ओर से काफी प्रयास हो रहे हैं, लेकिन प्रवासी मजदूरों की संख्या लगातार बढ़ रही है.

22 मई को अगली सुनवाई
केंद्र सरकार के अधिवक्ता एसडी संजय ने कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार के दिशा निर्देश के अनुसार क्वॉरेंन्टाइन सेंटरों की व्यवस्था सुचारू रूप से चलाने के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं की मदद ली जा सकती है. इस मामले पर अगली सुनवाई 22 मई को होगी.

असुविधा का आंकलन
वहीं, बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार ने विभिन्न जिलों में आ रहे प्रवासी मजदूरों की सहायता के लिए विधिक स्वयं सेवकों की नियुक्ति की है. ये स्वयं सेवक प्रवासी मजदूरों के लिए बनाए गए क्वारन्टीन सेन्टरों में हर रोज जाकर उनको हो रही असुविधा का आंकलन करेंगे. साथ ही प्रशासन के सहयोग से प्रवासी मजदूरों की समस्याओं का समाधान कराएंगे.

प्रवासी मजदूरों को कराया गया भोजन
प्रधिकार के सदस्य सचिव सुनील दत्त मिश्रा ने बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से जहानाबाद और अरवल में 600 प्रवासी मजदूरों को भोजन कराया गया और छपरा में मोची परिवारों की सहायता की गई. प्राधिकार के अध्यक्ष और पटना हाई कोर्ट के जस्टिस दिनेश कुमार सिंह के मार्गदर्शन में प्रवासी मजदूरों के साथ ही अन्य जरूरतमंदों की सहायता की जा रही है.

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