पटना: हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने दिनेश कुमार सिंह व अन्य को लोगों की जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की. इस दौरान राज्य सरकार की ओर से कोरोना महामारी पर नियंत्रण के लिए की जा रही कार्रवाई का ब्योरा नहीं दे पाने पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है.
पटना हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर
वहीं, पटना हाई कोर्ट में एक रिट याचिका दायर कर कुलपति और प्रति कुलपति की नियुक्ति प्रक्रिया को चुनौती दी गई है. याचिकाकर्ता राजेश रंजन ने हाईकोर्ट से नियुक्ति प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाने का अनुरोध किया है. याचिका में कहा गया है कि सर्च कमेटी वैसे उम्मीदवारों को भी साक्षात्कार के लिए बुला रही है, जिनके पास पर्याप्त योग्यता नहीं है. लेकिन जिनके पास योग्यता है, उनको नजरअंदाज किया जा रहा है. सर्च कमेटी की कार्यप्रणाली पर भी याचिका में सवाल उठाया गया है. साथ ही नियुक्ति में धांधली का भी आरोप लगाया गया है.
राज्य सरकार ने आरटीपीसीआर मशीन से प्रतिदिन हो रहे जांच का ब्योरा नहीं दे पाई. कोर्ट ने इस बात को गंभीरता से लेते हुए कहा कि राज्य में कोरोना मरीजों की इलाज की स्थिति अच्छी नहीं है.
कोरोना वार्ड में सीसीटीवी कैमरा लगाने का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट व पटना हाईकोर्ट ने कोविड-19 मरीजों के लिए बने वार्डों में सीसीटीवी कैमरा लगाने का दिशा-निर्देश जारी किया है. लेकिन उसका अनुपालन आज तक नहीं हुआ. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को पिछली सुनवाई में दिए गए निर्देशों के अनुसार विंदुवार पूरा ब्योरा पेश करने का निर्देश दिया. मामले पर अगली सुनवाई 2 दो सप्ताह बाद की जाएगी.