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पटना में आवारा कुत्तों की नसबंदी और एंटी रेबीज वैक्सिनेशन कार्य मामला HC में निष्पादित - आवारा कुत्तों के मामले का निष्पादन

Patna High Court: पटना में आवारा कुत्तों की नसबंदी व एंटी रेबीज वैक्सीनेशन का कार्य संतुलन जीव कल्याण नामक एनजीओ को दिये जाने के विरुद्ध दायर जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ ने सुनवाई की. कोर्ट ने इस मामले को निष्पादित कर दिया है. पढ़ें पूरी खबर.

पटना हाईकोर्ट
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 12, 2024, 7:33 PM IST

पटना: पटना हाइकोर्ट ने पटना में आवारा कुत्तों की नसबंदी एवं एंटी रेबीज वैक्सिनेशन का कार्य 'संतुलन जीव कल्याण' नामक एनजीओ को दिये जाने के मामले पर सुनवाई की. पटना हाईकोर्ट में पटना नगर निगम की ओर से ये बताये जाने के बाद कि पटना में आवारा कुत्तों की नसबंदी और एंटी रेबीज वैक्सीनेशन का कार्य एनजीओ को देने के आदेश को रद्द कर दिया गया. कोर्ट ने इस मामले को निष्पादित कर दिया. एनजीओ को दिये जाने के विरुद्ध दायर जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ ने सुनवाई की.

आवारा कुत्तों के मामले का निष्पादन: इसके पूर्व निगम ने इस एनजीओ को इस दिये कार्य को निलंबित कर दिया गया था. याचिकाकर्ताओं की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि संतुलन जीव कल्याण संस्था को पशु जन्म नियंत्रण नियम,2023 की धारा 2 (एच) के तहत आवश्यक परियोजना प्रमाणपत्र नहीं मिला है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया था कि इस आधार पर उसके टेंडर को रद्द किया जाना चाहिए था. उन्होंने बताया कि संतुलन जीव कल्याण संस्था को एबीसी कार्यक्रम के संचालन के लिए परियोजना मान्यता नहीं दी गई है.

पटना नगर निगम कर रहा आवारा कुत्तों के साथ क्रूरता : पटना नगर निगम ने आवारा कुत्तों को पकड़ने, पशुओं के जन्म नियंत्रण, एंटी रेबीज टीकाकरण नसबंदी और टीकाकरण के लिए 1130 प्रति कुत्ते की दर से निविदा सूचना 18-11-2022 के विरुद्ध 12-01-2023 को निविदा कार्य आवंटित किया था. अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि नगर निगम पटना संतुलन जीव कल्याण की मिलीभगत से पशु जन्म नियंत्रण और टीकाकरण के संचालन में आवारा कुत्तों के साथ क्रूरता कर रहा है. ऐसे में संतुलन जीव कल्याण के पक्ष में दिए गए टेंडर को रद्द किया जाना चाहिए. पटना हाईकोर्ट ने पटना नगर निगम द्वारा संतुलन जीव कल्याण संस्था को दिये गये टेंडर रद्द करने की सूचना देने के बाद इस मामले को निष्पादित कर दिया.

पटना: पटना हाइकोर्ट ने पटना में आवारा कुत्तों की नसबंदी एवं एंटी रेबीज वैक्सिनेशन का कार्य 'संतुलन जीव कल्याण' नामक एनजीओ को दिये जाने के मामले पर सुनवाई की. पटना हाईकोर्ट में पटना नगर निगम की ओर से ये बताये जाने के बाद कि पटना में आवारा कुत्तों की नसबंदी और एंटी रेबीज वैक्सीनेशन का कार्य एनजीओ को देने के आदेश को रद्द कर दिया गया. कोर्ट ने इस मामले को निष्पादित कर दिया. एनजीओ को दिये जाने के विरुद्ध दायर जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ ने सुनवाई की.

आवारा कुत्तों के मामले का निष्पादन: इसके पूर्व निगम ने इस एनजीओ को इस दिये कार्य को निलंबित कर दिया गया था. याचिकाकर्ताओं की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि संतुलन जीव कल्याण संस्था को पशु जन्म नियंत्रण नियम,2023 की धारा 2 (एच) के तहत आवश्यक परियोजना प्रमाणपत्र नहीं मिला है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया था कि इस आधार पर उसके टेंडर को रद्द किया जाना चाहिए था. उन्होंने बताया कि संतुलन जीव कल्याण संस्था को एबीसी कार्यक्रम के संचालन के लिए परियोजना मान्यता नहीं दी गई है.

पटना नगर निगम कर रहा आवारा कुत्तों के साथ क्रूरता : पटना नगर निगम ने आवारा कुत्तों को पकड़ने, पशुओं के जन्म नियंत्रण, एंटी रेबीज टीकाकरण नसबंदी और टीकाकरण के लिए 1130 प्रति कुत्ते की दर से निविदा सूचना 18-11-2022 के विरुद्ध 12-01-2023 को निविदा कार्य आवंटित किया था. अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि नगर निगम पटना संतुलन जीव कल्याण की मिलीभगत से पशु जन्म नियंत्रण और टीकाकरण के संचालन में आवारा कुत्तों के साथ क्रूरता कर रहा है. ऐसे में संतुलन जीव कल्याण के पक्ष में दिए गए टेंडर को रद्द किया जाना चाहिए. पटना हाईकोर्ट ने पटना नगर निगम द्वारा संतुलन जीव कल्याण संस्था को दिये गये टेंडर रद्द करने की सूचना देने के बाद इस मामले को निष्पादित कर दिया.

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