पटना: राज्य में कोरोना महामारी से उत्पन्न गंभीर हालत को लेकर गुरुवार को पटना हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. राज्य सरकार को कोर्ट के तरफ से उठाए गए मुद्दों पर पूरी जानकारी 8 सितंबर तक देने का निर्देश दिया है. दिनेश कुमार सिंह सहित अन्य की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई की.
अधिवक्ता ऋतिका रानी ने कोर्ट को बताया कि पूरे राज्य की आबादी के दो फीसदी लोगों का भी कोरोना टेस्ट नहीं हुआ है. बारह करोड़ की आबादी वाले राज्य में सिर्फ 9 आरटी पीसीआर मशीन हैं, जिससे कोरोना का सही जांच हो सकता है. लेकिन इसका भी न के बराबर उपयोग किया गया. कोविड अस्पतालों में सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के निर्देशों के बावजूद सीसीटीवी नहीं लगाए गए हैं.
8 सितंबर को होगी अगली सुनवाई
अधिवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार ने कोविड अस्पतालों के निरीक्षण के लिए डॉक्टरों की एक्सपर्ट टीम नहीं बनाई हैं. राज्य सरकार ने कोविड मरीजों के शवों के अंतिम संस्कार के लिए भी व्यवस्था की कोई जानकारी नहीं दी है. करोना मरीजों के इलाज के लिए 1700 डॉक्टर की संख्या राज्य में अपर्याप्त है. वहीं, इस मामले को लेकर 8 सितंबर को अगली सुनवाई होगी.