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Patna High Court : पटना में आवारा कुत्तों की नसबंदी और एंटी रेबीज वैक्सिनेशन कार्य पर 7 अक्टूबर को होगी सुनवाई - ईटीवी भारत बिहार

पटना में आवारा कुत्तों की नसबंदी और एंटी रेबीज वैक्सिनेशन मसले को लेकर पटना उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई. 7 अक्टूबर को अगली सुनवाई होगी. आगे पढ़ें पूरी खबर...

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 19, 2023, 4:53 PM IST

पटना : पटना हाइकोर्ट ने पटना में आवारा कुत्तों की नसबंदी एवं एंटी रेबीज वैक्सिनेशन का कार्य 'संतुलन जीव कल्याण' नामक एनजीओ को दिये जाने के मामले पर सुनवाई करते हुए नगर निगम के आयुक्त को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है. चीफ जस्टिस केवी चंद्रन एवं जस्टिस पार्थ सारथी की खंडपीठ ने पीपल्स फॉर एनिमल्स एवं अन्य द्वारा दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई की.

ये भी पढ़ें - Patna News : आवारा कुत्तों की नसबंदी करेगा निगम, आमजनों को मिलेगी राहत

एंटी रेबीज टीकाकरण नसबंदी और टीकाकरण मामला : याचिकाकर्ताओं की ओर से कोर्ट को बताया गया कि संतुलन जीव कल्याण संस्था को पशु जन्म नियंत्रण नियम, 2023 की धारा 2 (एच) के तहत आवश्यक परियोजना प्रमाणपत्र नहीं मिला है. इस आधार पर उसके टेंडर को रद्द किया जाना चाहिए. उन्होंने बताया कि संतुलन जीव कल्याण संस्था को एबीसी कार्यक्रम के संचालन के लिए परियोजना मान्यता नहीं दी गई है. पटना नगर निगम ने आवारा कुत्तों को पकड़ने, पशुओं के जन्म नियंत्रण, एंटी रेबीज टीकाकरण नसबंदी और टीकाकरण के लिए 1130/- प्रति कुत्ते की दर से निविदा सूचना 18-11-2022 के विरुद्ध 12-01-2023 को निविदा कार्य आवंटित किया है.

राज्य सरकार से जवाब तलब : याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि नगर निगम पटना संतुलन जीव कल्याण की मिलीभगत से पशु जन्म नियंत्रण और टीकाकरण के संचालन में आवारा कुत्तों के साथ क्रूरता कर रहा है. ऐसे में संतुलन जीव कल्याण के पक्ष में दिए गए टेंडर को रद्द किया जाना चाहिए. इस मामले पर अगली सुनवाई 7 अक्टूबर 2023 को होगी. इधर पटना हाई कोर्ट ने बेगूसराय के प्रखंड अध्यक्ष द्वारा कथित रूप से सड़क निर्माण मामले में बरती गई अनियमितता के मामले में राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. चीफ जस्टिस केवी चंद्रन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मोहम्मद अशरफ द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया.

चार सप्ताह बाद सुनवाई : ये मामला वित्तीय वर्ष 2022-23 से जुड़ा हुआ है. इस योजना के तहत दामोदरपुर पंचायत के वार्ड नंबर 3 में सड़क निर्माण के लिए इसे पारित किया गया था. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सरोज शर्मा ने बताया कि इसमें ये आरोप लगाया गया है कि पहले से बनाये गए रोड को ही बनाये गए रोड के तौर पर बताया गया है. इसको लेकर संबंधित जिलाधिकारी और बीडीओ के समक्ष अभ्यावेदन भी दिया गया. इस मामले में आगे की सुनवाई अब चार सप्ताह बाद की जाएगी.

पटना : पटना हाइकोर्ट ने पटना में आवारा कुत्तों की नसबंदी एवं एंटी रेबीज वैक्सिनेशन का कार्य 'संतुलन जीव कल्याण' नामक एनजीओ को दिये जाने के मामले पर सुनवाई करते हुए नगर निगम के आयुक्त को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है. चीफ जस्टिस केवी चंद्रन एवं जस्टिस पार्थ सारथी की खंडपीठ ने पीपल्स फॉर एनिमल्स एवं अन्य द्वारा दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई की.

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एंटी रेबीज टीकाकरण नसबंदी और टीकाकरण मामला : याचिकाकर्ताओं की ओर से कोर्ट को बताया गया कि संतुलन जीव कल्याण संस्था को पशु जन्म नियंत्रण नियम, 2023 की धारा 2 (एच) के तहत आवश्यक परियोजना प्रमाणपत्र नहीं मिला है. इस आधार पर उसके टेंडर को रद्द किया जाना चाहिए. उन्होंने बताया कि संतुलन जीव कल्याण संस्था को एबीसी कार्यक्रम के संचालन के लिए परियोजना मान्यता नहीं दी गई है. पटना नगर निगम ने आवारा कुत्तों को पकड़ने, पशुओं के जन्म नियंत्रण, एंटी रेबीज टीकाकरण नसबंदी और टीकाकरण के लिए 1130/- प्रति कुत्ते की दर से निविदा सूचना 18-11-2022 के विरुद्ध 12-01-2023 को निविदा कार्य आवंटित किया है.

राज्य सरकार से जवाब तलब : याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि नगर निगम पटना संतुलन जीव कल्याण की मिलीभगत से पशु जन्म नियंत्रण और टीकाकरण के संचालन में आवारा कुत्तों के साथ क्रूरता कर रहा है. ऐसे में संतुलन जीव कल्याण के पक्ष में दिए गए टेंडर को रद्द किया जाना चाहिए. इस मामले पर अगली सुनवाई 7 अक्टूबर 2023 को होगी. इधर पटना हाई कोर्ट ने बेगूसराय के प्रखंड अध्यक्ष द्वारा कथित रूप से सड़क निर्माण मामले में बरती गई अनियमितता के मामले में राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. चीफ जस्टिस केवी चंद्रन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मोहम्मद अशरफ द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया.

चार सप्ताह बाद सुनवाई : ये मामला वित्तीय वर्ष 2022-23 से जुड़ा हुआ है. इस योजना के तहत दामोदरपुर पंचायत के वार्ड नंबर 3 में सड़क निर्माण के लिए इसे पारित किया गया था. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सरोज शर्मा ने बताया कि इसमें ये आरोप लगाया गया है कि पहले से बनाये गए रोड को ही बनाये गए रोड के तौर पर बताया गया है. इसको लेकर संबंधित जिलाधिकारी और बीडीओ के समक्ष अभ्यावेदन भी दिया गया. इस मामले में आगे की सुनवाई अब चार सप्ताह बाद की जाएगी.

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