पटना: पटना हाईकोर्ट ने राज्य के निःशक्त बच्चों के (Patna High Court News) लिए बने विशेष विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के मामले पर सुनवाई करते हुए स्थिति पर सख्त नाराजगी जाहिर की है. एक्टिंग चीफ जस्टिस सी एस सिंह की खंडपीठ ने कहा कि इनके शिक्षा की उपेक्षा करना संवेदनहीनता प्रदर्शित करता है. कोर्ट ने इस बात को बहुत गम्भीरता से लिया है.
शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के मामले में सुनवाई : पटना के कदमकुआं स्थित दिव्यांग (नेत्रहीन) स्कूल में मात्र एक शिक्षक हैं. वह भी संगीत शिक्षक हैं. जबकि वहां स्कूल में शिक्षकों के स्वीकृत पद ग्यारह है. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस मामले में दिन-प्रतिदिन सुनवाई होगी. इससे पहले इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए स्टाफ सेलेक्शन कमीशन को पार्टी बनाने का निर्देश दिया था.
कोर्ट ने लगाई कड़ी फटकार : याचिकाकर्ता के अधिवक्ता वृषकेतु शरण पांडेय ने कोर्ट को बताया कि 2014 में विज्ञापित पदों पर अब तक नहीं भरा जा सका है. यह अपने आप में राज्य का उदासीन रवैया दर्शाता है. गौरतलब है कि इस मामले में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने हलफनामा दायर कर बताया था कि निःशक्त बच्चों से जुड़ी सभी परियोजनाएं तीन महीनों के भीतर कार्यरत हो जाएंगे. इस पर हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को हलफनामा दायर कर अपनी कार्य परियोजना बताने के लिए कहा था. इस मामले की अगली सुनवाई 15फरवरी, 2023 को होगी.
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