पटनाः रेलवे के वरीय अधिकारियों द्वारा पार्सल हैंडलिंग निविदा (Railway Parcel Handling Tender) को गलत तरीके से सामान्य प्रतिभागियों को भाग लेने के लिए आदेश देने के मामले पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई (Hearing In Patna High Court) हुई. कोर्ट की तरफ से इस मामले में रेलवे को चार सप्ताह में हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया गया. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की.
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खगौल लेबर को-आपरेटिव सोसायटी और अन्य द्वारा दायर याचिकाओं पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए रेलवे द्वारा निकाले गए टेंडर पर अगले आदेश तक वर्क ऑर्डर जारी नहीं करने का निर्देश दिया है. इस मामलें पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता रमाकांत शर्मा ने कोर्ट को बताया कि केवल सहकारी समितियों के लिए मान्य निविदा को रेलवे के पदाधिकारियों ने रेलवे मंत्रालय के दिशा निर्देशों का उल्लंघन किया.
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कोर्ट को बताया गया कि इस मामले में प्रावधानों की अनदेखी करते हुए मनमाने तरीके से सामान्य प्रतिभागियों को भाग लेने के लिए मान्य कर दिया गया. इस वजह से इन सहकारी समितियों से जुड़े 5000 मजदूर प्रभावित होंगे.
केंद्र सरकार की ओर से एडिशनल सलिसिटर जेनरल डा. केएन सिंह ने कोर्ट से हलफ़नामा दायर करने के लिए 4 सप्ताह का समय लिया. मामले पर अगली सुनवाई अब चार सप्ताह बाद की जाएगी.
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