पटना: राज्य के निःशक्त बच्चों के लिए बने विशेष विद्यालयों में शिक्षकों के पदों को भरने एवं बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने से संबंधित लोकहित याचिका पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ ने राज कुमार रंजन की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य के शिक्षा विभाग को इन विद्यालयों के संबंध में हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है.
पढ़ें- Patna News: अनुसूचित जनजाति बालिका स्कूल हारनटांड की दयनीय हालत पर पटना हाईकोर्ट नाराज
विशेष विद्यालयों में शिक्षक भर्ती का मामला: कोर्ट ने इन संस्थानों में दृष्टिविहीन एवं विकलांग बच्चों को दी जाने वाली सुविधाओं के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी है. कोर्ट ने ऐसे छात्रों के भी आंकड़े मांगे हैं , जो डे स्कॉलर हैं और जो बोर्डिंग सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं. कोर्ट ने राज्य के आयुक्त (दिव्यांगजन) को तीन महीने की अवधि के भीतर एक सर्वेक्षण/जनगणना करने के बाद राज्य में विकलांग बच्चों की कुल संख्या का ब्योरा प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया.
26 अप्रैल,2023 को होगी अगली सुनवाई: याचिकाकर्ता के वकील वृषकेतु शरण पांडेय ने कोर्ट को बताया कि 2014 में विज्ञापित पदों पर अब तक नहीं भरा जा सका है. यह अपने आप में राज्य का उपेक्षापूर्ण रवैया दिखाता है. इस मामले पर अगली सुनवाई 26 अप्रैल,2023 को होगी.
कोर्ट ने दिया था ये निर्देश: इससे पहले HC ने प्रदेश के नि:शक्त बच्चों के लिए बने विशेष विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने को लेकर सुनवाई करते हुए स्टाफ सेलेक्शन कमीशन को पार्टी बनाने का निर्देश दिया था. साथ ही शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव से कार्य योजना की जानकारी मांगी थी. फिर मामले की सुनवाई 14 फरवरी को हुई थी. उसके बाद आज सुनवाई की गई.