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पूर्वी चंपारण पुलिस को हाईकोर्ट की फटकार- 'जमीन विवाद में FIR नहीं लिखना अपराधियों को संरक्षण देने के समान'

पूर्वी चंपारण में भूमि विवाद में प्राथमिक दर्ज नहीं किये जाने पर पटना हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जतायी और कहा कि भूमि विवाद में पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करना होगा.

Hearing in Patna High Court
पटना हाईकोर्ट
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Published : Nov 29, 2021, 11:02 PM IST

पटना: पटना हाईकोर्ट के (Patna High Court) जस्टिस संदीप कुमार ने अमरजीत राय एवं अन्य की ओर से दायर याचिका पर सोमवार को सुनवाई की. पूर्वी चंपारण में भूमि विवाद में प्राथमिकी दर्ज (FIR Registered in Land Dispute) नहीं किये जाने पर पटना हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि भूमि विवाद में पुलिस को प्राथमिक दर्ज करना होगा. कोर्ट ने कहा कि जमीन विवाद की बात कहकर राज्य की पुलिस प्राथमिकी दर्ज करने से इंकार कर देती है जबकि पुलिस का पहला कर्तव्य प्राथमिकी दर्ज करना है. प्राथमिकी दर्ज नहीं करना एक तरह से अपराधियों को सीधा संरक्षण देने के समान है.

ये भी पढ़ें- कोरोना के नए वेरिएंट पर पटना हाईकोर्ट चिंतित, सरकार से पूछा- क्या है तैयारी

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि जब कोई भी व्यक्ति थाने में शिकायत लेकर आता है तो सबसे पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करना चाहिए. न कि पहले शिकायत की जांचकर और शिकायत सही होने पर प्राथमिकी दर्ज करना. पुलिस को चाहिए कि शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज कर अपनी जांच प्रारम्भ करें. जांच में सही पाए जाने पर अभियुक्तों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें. कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने देश के पुलिस को कई महत्त्वपूर्ण दिशा निर्देश जारी किया है, लेकिन प्रदेश में सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश का पालन नहीं किया जा रहा है.

कोर्ट ने पूर्वी चंपारण के एसपी को सुप्रीमकोर्ट की ओर से जारी दिशा निर्देश का पालन करने के लिए सभी थानेदारों को निर्देश जारी करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा कि सुप्रीमकोर्ट के आदेश का पालन राज्य में पुलिस नहीं कर रही है. साथ ही एसपी को अगली तारीख पर कोर्ट की ओर से उठाए गए सभी प्रश्नों का जवाब देने का आदेश दिया है. इस मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 15 दिसंबर तय की है.

ये भी पढ़ें- पटना हाईकोर्ट ने बेगूसराय के SP पर लगाया 25 हजार का जुर्माना

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पटना: पटना हाईकोर्ट के (Patna High Court) जस्टिस संदीप कुमार ने अमरजीत राय एवं अन्य की ओर से दायर याचिका पर सोमवार को सुनवाई की. पूर्वी चंपारण में भूमि विवाद में प्राथमिकी दर्ज (FIR Registered in Land Dispute) नहीं किये जाने पर पटना हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि भूमि विवाद में पुलिस को प्राथमिक दर्ज करना होगा. कोर्ट ने कहा कि जमीन विवाद की बात कहकर राज्य की पुलिस प्राथमिकी दर्ज करने से इंकार कर देती है जबकि पुलिस का पहला कर्तव्य प्राथमिकी दर्ज करना है. प्राथमिकी दर्ज नहीं करना एक तरह से अपराधियों को सीधा संरक्षण देने के समान है.

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सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि जब कोई भी व्यक्ति थाने में शिकायत लेकर आता है तो सबसे पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करना चाहिए. न कि पहले शिकायत की जांचकर और शिकायत सही होने पर प्राथमिकी दर्ज करना. पुलिस को चाहिए कि शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज कर अपनी जांच प्रारम्भ करें. जांच में सही पाए जाने पर अभियुक्तों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें. कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने देश के पुलिस को कई महत्त्वपूर्ण दिशा निर्देश जारी किया है, लेकिन प्रदेश में सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश का पालन नहीं किया जा रहा है.

कोर्ट ने पूर्वी चंपारण के एसपी को सुप्रीमकोर्ट की ओर से जारी दिशा निर्देश का पालन करने के लिए सभी थानेदारों को निर्देश जारी करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा कि सुप्रीमकोर्ट के आदेश का पालन राज्य में पुलिस नहीं कर रही है. साथ ही एसपी को अगली तारीख पर कोर्ट की ओर से उठाए गए सभी प्रश्नों का जवाब देने का आदेश दिया है. इस मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 15 दिसंबर तय की है.

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