पटना : हाईकोर्ट ने राज्य के सरकारी मेडिकल कालेजों समेत जिला अस्पतालों में वेंटीलेटर,एमआरआई मशीन,सिटी स्कैन जैसी सुविधाएं उपलब्ध नहीं होने के मामलें पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस केवी चन्द्रन की खंडपीठ ने रणजीत पंडित की जनहित याचिका पर सुनवाई (Chief Justice KV Chandran division bench heard) की. कोर्ट ने राज्य सरकार को चार सप्ताह में स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया राज्य के बहुत सारे प्राथमिक चिकित्सा केन्द्रों के अपने भवन नहीं है.
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पीपीपी मोड में लगाये गये हैं सिटी स्कैन मशीन: उन्होंने कोर्ट को बताया कि इसके लिए राज्य सरकार को भूमि उपलब्ध करा कर अपने भवन प्राथमिक चिकित्सा केंद्र बनाने की आवश्यकता है. राज्य के सभी नौ सरकारी मेडिकल कालेजों में जो सिटी स्कैन मशीन लगाए गए हैं, वे पीपीपी मोड पर लगाए गए है. इन्हें मेडिकल कॉउन्सिल ऑफ इंडिया मान्यता नहीं देता है. इसी तरह से राज्य के पांच मेडिकल कालेजों में एमआरआई मशीन लगाया है, जो कि पीपीपी मोड पर लगाया गया.
कोर्ट के आदेश के बाद भी नहीं लगा मशीन: उन्होंने कोर्ट को बताया कि कोर्ट के बार-बार आदेश देने बाद भी सिटी स्कैन और एमआरआई मशीन नहीं लगाया गया. पटना हाई कोर्ट ने छह महीने पहले आदेश दिया था. आदेश के छह महीने बीत जाने के बाद भी सरकारी मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पताल में कोई भी मशीन नहीं लगा है.
चार सप्ताह बाद फिर होगी सुनवाई: कोर्ट के 3 अगस्त 2022 के आदेश के छह महीने पूरा होने के बाद भी इन्हें अस्पतालों में अबतक नहीं लगाया गया है. इस जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान अधिवक्ता दीनू कुमार और अधिवक्ता रितिका रानी ने याचिकाकर्ता की ओर से और एडवोकेट जनरल ने राज्य सरकार की ओर से पक्षों को प्रस्तुत किया. इस मामलें पर अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद की जाएगी.