पटना: पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने राजधानी पटना में हर वर्ष होने वाले जलजमाव की भयंकर समस्या को काफी गम्भीरता से लेते हुए पटना नगर निगम के आयुक्त को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है. चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ ने नवीन कुमार और अन्य द्वारा दायर जनहित याचिकाओं सुनवाई करते हुए जलजमाव की समस्या से निपटने के लिए की जा रही कार्रवाई का ब्योरा तलब किया है.
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जल जमाव की समस्या पर सुनवाई: कोर्ट ने जलजमाव की समस्या से निपटने के लिए की गई कार्रवाई, काम कर रहे सम्प हाउस की स्थिति और विभिन्न क्षेत्रों में जलजमाव का पूरा ब्यौरा देने का निर्देश दिया है. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को जानकारी दी कि प्रशासन द्वारा हर वर्ष जलजमाव से निपटने के लिए दावा करने के बाद भी हर वर्ष पटना के विभिन्न क्षेत्रों के नागरिकों को जलजमाव की विभिषिका झेलनी पड़ती है.
25 वर्षों के बाद भी नहीं सुधरी हालत: अधिवक्ता ने बताया कि पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ता श्याम किशोर शर्मा 1997 में पटना के जलजमाव के सम्बन्ध में एक जनहित दायर की थी. तब से पटना हाईकोर्ट ने जलजमाव की समस्या को सुलझाने के कई सख्त आदेश दिया, लेकिन 25 वर्षों के बाद भी जलजमाव के हालत सुधरने के बजाय और बदतर हो गया. हर साल नालों की उड़ाही करने का काम होता हैं, जिसमें बड़े पैमाने पर फंड खर्च होता हैं. लेकिन एक दिन के बरसात में इनकी पोल खुल जाती है.
कोर्ट ने अगली सुनवाई पर मांगा पूरा ब्यौरा: बुधवार के दिन हुए बारिश में पटना के विभिन्न क्षेत्रों में बाढ़ का दृश्य नजर आने लगा था. कोर्ट ने मामलें को गम्भीरता से लेते हुए पटना नगर निगम के आयुक्त को अगली सुनवाई पर पूरा ब्यौरा देते हुए हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है. इन मामलों पर एक सप्ताह बाद फिर सुनवाई होगी.
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