पटना: विश्व की जिन देशों में कोरोना वायरस महामारी का रूप ले चुकी है, वहां मरीजों की जान बचाने के लिए व्यापक रूप से वेंटिलेटर का इस्तेमाल किया जा रहा है. ऐसे में बिहार में जिस प्रकार से कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ी है, उसमें राज्य सरकार ने स्वास्थ्य कर्मियों और डॉक्टरों को वेंटिलेटर के इस्तेमाल करने के तरीके को लेकर ट्रेनिंग देने का फैसला लिया है और अब ट्रेनिंग दी भी जा रही है.
मेडिकल कॉलेजों में दी जा रही ट्रेनिंग
स्वास्थ्य कर्मियों और डॉक्टरों को वेंटिलेटर के इस्तेमाल की ट्रेनिंग देने के बारे में बताते हुए पटना के सिविल सर्जन डॉ. राज किशोर चौधरी ने बताया कि पटना के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में जहां वेंटिलेटर काफी संख्या में मौजूद है, वहां ट्रेनिंग दी जा रही है.
उन्होंने बताया कि पटना के जितने भी एनेस्थेटिक और मेडिसिन फिजीशियन है, उन्हें वह ट्रेनिंग के लिए भेज रहे हैं. आगे चलकर जब जरूरत पड़ेगी तो यह ट्रेनिंग ले चुके स्टाफ दूसरे डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ को ट्रेन करेंगे.
सदर अस्पताल में नहीं है वेंटिलेटर
पटना में वेंटिलेटर की संख्या के बारे में बताते हुए सिविल सर्जन डॉ. राज किशोर चौधरी ने बताया कि पटना के सदर अस्पताल और अनुमंडल अस्पतालों में कहीं भी किसी प्रकार का कोई वेंटीलेटर नहीं है. उन्होंने साफ कहा कि पटना में एक भी वेंटिलेटर नहीं है. पटना के जितने बड़े हॉस्पिटल हैं, जैसे पीएमसीएच, आईजीआईएमएस, एम्स और एनएमसीएच यहां कुल मिलाकर लगभग 200 के करीब वेंटिलेटर हैं.
डॉ. राजकिशोर चौधरी ने बताया कि 250 से 300 के करीब वेंटिलेटर निजी अस्पतालों में है. अगर आवश्यकता पड़ती है, तो प्राइवेट फैसिलिटी हॉस्पिटल से वेंटिलेटर लेकर विभाग पब्लिक फैसिलिटी में काम कर सकते हैं.